चूरू. जिले में बिछड़े मासूमों को अपनों से मिलवाने के लिए अब चूरू पुलिस विशेष अभियान चलाने जा रही है. एक महीने तक चलने वाले इस विशेष अभियान में पुलिस की टीमें उन बच्चों की तलाश करेगी जिनकी थानों में या तो गुमशुदगी दर्ज है या फिर वो बच्चें जो मानव तस्कर गिरोह द्वारा चंद पैसों में ढाबों और होटलों पर बेच दिए जाते है. इन मासूमों का रेस्क्यू कर अपनों तक पहुंचाने के लिए पुलिस ऑपरेशन आशा प्रथम चला रही है.
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चूरु जिले में बाल श्रम की रोकथाम और गुमशुदा नाबालिक बच्चों की तलाश हेतु 31 मार्च 2020 तक ऑपरेशन आशा प्रथम विशेष अभियान चलाया जाएगा. पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि जिले में व्यवसायिक गतिविधियों में सक्रिय बाल श्रमिकों को बाल श्रम में नियोजित करने वाले परिवार और नियोक्ता दोषी है.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि समाज कंटक और संगठित गिरोह भी इस अपराध में लिप्त पाए जाते हैं. उन्होंने कहा, कि नाबालिग बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराने हेतु जिले में ऑपरेशन आशा प्रथम विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है.
अभियान के सफल संचालन हेतु प्रत्येक थाना क्षेत्र में बाल श्रम में लिप्त बच्चों की स्क्रीनिंग हेतु थानावार टीमों का गठन कर विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इस विशेष अभियान के तहत गठित की गई टीमें होटलों, ढाबों और ईंट भट्टों पर जिन बच्चों को चंद कागज के नोटों के लालच में मजदूर बना बोझा उठवाया जाता है और मासूमों से बर्तन साफ करवाये जाते हैं.
उन मासूमों का रेस्क्यू कर उनके पुर्नवास का कार्य करेगी नियोक्ताओं द्वारा मासूमों का बचपन और पढ़ाई लिखाई छीनी जाती है. ऐसे में इनके खिलाफ भी एक विशेष अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी.