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चूरू में बढ़ी वन्यजीवों की संख्या...चिंकारा 3400 के पार

चूरू के विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य में हिरणों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है. वहीं इधर जिले में भी चिंकारा के कुनबे में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. हिरणों और चिंकारा का कुनबा बढ़ना पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर है.

बढ़ रही वन्यजीवों की संख्या
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Published : May 28, 2019, 1:41 PM IST

चूरू. जिले के विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य में हिरण की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं शिकार की प्रचुरता के कारण अभ्यारण्य में भेड़ियों की संख्या भी इस वर्ष बढ़कर सात हो गई है.अब हिरण की बढ़ती संख्या के कारण अभ्यारण्य का मैदान भी कम पड़ने लगा हैं.

चूरू जिले में चिंकारा 34 सौ के पार
गणना रिपोर्ट के मुताबिक छापर अभ्यारण्य को छोड़कर जिले में चिंकारा का कुनबा 34 सौ के पार पहुंच गया है. छापर के साथ-साथ जिले में भी वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है.इसके साथ ही कुछ स्थानों पर काले हिरण भी दिखे हैं. इसके अलावा मोर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.लेकिन गिद्धों के कुनबे में वृद्धि नहीं होना चिंता का विषय है. यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में काफी बड़ी भूमिका निभाते हैं.

छापर अभयारण्य में वन्यजीवों की स्थिति

  • काले हरिण 3180
  • नीलगाय 109
  • चिंकारा 116
  • बर्ड्स ऑफ प्रे 337
  • भेड़िया 07
  • जंगली बिल्ली 34
  • मरू बिल्ली 39
  • लोमड़ी 52
  • मरू लोमड़ी 87
  • मोर 207
  • सेही 13
  • जंगली सूअर 53
  • सियार गीदड़ 01
  • सांडा 12525
    बढ़ रही वन्यजीवों की संख्या

वन्य जीव के लिए छोटा पड़ रहा अभयारण्य

वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन अभयारण्य का क्षेत्रफल छोटा नजर आ रहा है इसके विस्तार के लिए बनी योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल रही हैं. वन विभाग के प्रधान वन संरक्षक सहित कई अधिकारी इसके लिए आकर चले गए लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. जसवंतगढ़ के बीड़ में काम शुरू होकर बंद हो गया है. बजट के अभाव में काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

अभ्यारण्य के अलावा जिले में वन्यजीवों की स्थिति

  • काला हिरण 11
  • चिंकारा 3447
  • नीलगाय 1839
  • बड्स ऑप प्रे 126
  • मोर। 1637
  • सांडा1819
  • मरु लोमड़ी 312
  • लोमड़ी 200
  • मरु बिल्ली 62
  • जंगली बिल्ली 194

चूरू. जिले के विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य में हिरण की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं शिकार की प्रचुरता के कारण अभ्यारण्य में भेड़ियों की संख्या भी इस वर्ष बढ़कर सात हो गई है.अब हिरण की बढ़ती संख्या के कारण अभ्यारण्य का मैदान भी कम पड़ने लगा हैं.

चूरू जिले में चिंकारा 34 सौ के पार
गणना रिपोर्ट के मुताबिक छापर अभ्यारण्य को छोड़कर जिले में चिंकारा का कुनबा 34 सौ के पार पहुंच गया है. छापर के साथ-साथ जिले में भी वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है.इसके साथ ही कुछ स्थानों पर काले हिरण भी दिखे हैं. इसके अलावा मोर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.लेकिन गिद्धों के कुनबे में वृद्धि नहीं होना चिंता का विषय है. यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में काफी बड़ी भूमिका निभाते हैं.

छापर अभयारण्य में वन्यजीवों की स्थिति

  • काले हरिण 3180
  • नीलगाय 109
  • चिंकारा 116
  • बर्ड्स ऑफ प्रे 337
  • भेड़िया 07
  • जंगली बिल्ली 34
  • मरू बिल्ली 39
  • लोमड़ी 52
  • मरू लोमड़ी 87
  • मोर 207
  • सेही 13
  • जंगली सूअर 53
  • सियार गीदड़ 01
  • सांडा 12525
    बढ़ रही वन्यजीवों की संख्या

वन्य जीव के लिए छोटा पड़ रहा अभयारण्य

वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन अभयारण्य का क्षेत्रफल छोटा नजर आ रहा है इसके विस्तार के लिए बनी योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल रही हैं. वन विभाग के प्रधान वन संरक्षक सहित कई अधिकारी इसके लिए आकर चले गए लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. जसवंतगढ़ के बीड़ में काम शुरू होकर बंद हो गया है. बजट के अभाव में काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

अभ्यारण्य के अलावा जिले में वन्यजीवों की स्थिति

  • काला हिरण 11
  • चिंकारा 3447
  • नीलगाय 1839
  • बड्स ऑप प्रे 126
  • मोर। 1637
  • सांडा1819
  • मरु लोमड़ी 312
  • लोमड़ी 200
  • मरु बिल्ली 62
  • जंगली बिल्ली 194
Intro:चूरू_विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य में हरिणों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है।वही इधर जिले में भी चिंकारा के कुनबे में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।हरिणों व चिंकारा का कुनबा पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर है।पर्यटकों को एक साथ बड़े समूह में होने से हरिण आकर्षित करेगे।इसके अलावा शिकार की प्रचुरता के कारण अभ्यारण्य में भेड़ियों की संख्या भी इस वर्ष बढ़कर सात हो गयी है।अब हरिणों की बढ़ती संख्या के कारण अभ्यारण्य का मैदान भी कम पड़ने लगा है।


Body:चूरू जिले में चिकारा 34 सौ के पार

गणना रिपोर्ट के मुताबिक छापर अभ्यारण्य को छोड़कर जिले में चिंकारा का कुनबा 34 सौ के पार पहुँच गया है।छापर के साथ साथ जिले में भी वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है।इसके साथ ही कुछ स्थानों पर काले हरिण भी दिखे है।इसके अलावा मोर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।लेकिन गिद्धों के कुनबे में व्रद्धि नही होना चिंता का विषय है।यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में काफी बड़ी भूमिका निभाते हैं।

छापर अभयारण्य में वन्यजीवों की स्थिति

वन्य 2019

काले हरिण 3180

नीलगाय 109

चिंकारा 116

बर्ड्स ऑफ प्रे 337

भेड़िया 07

जंगली बिल्ली 34

मरू बिल्ली 39

लोमड़ी 52

मरू लोमड़ी। 87

मोर। 207

सेही। 13

जंगली सूअर। 53

सियार गीदड़। 01

सांडा। 12525




Conclusion:बढ़ रहे वन्य जीव छोटा पड़ रहा है। अभयारण्य

वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन अभयारण्य का क्षेत्रफल छोटा प्रसाद आ रहा है इसके विस्तार के लिए बनी योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल रही है वन विभाग के प्रधान वन संरक्षक सहित कई अधिकारी इसके लिए आकर चले गए अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है जसवंतगढ़ में बीड़ में काम शुरू होकर बंद हो गया है बजट के अभाव में काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

अभ्यारण्य के अलावा जिले में वन्यजीवों की स्थिति


काला हरिण। 11

चिंकारा। 3447

नीलगाय। 1839

बड्स ऑप प्रे। 126

मोर। 1637

सांडा। 1819

मरु लोमड़ी। 312

लोमड़ी। 200

मरु बिल्ली 62

जंगली बिल्ली 194


बाईट_बनवारी लाल शर्मा,उप वन संरक्षक चूरू

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