चूरू. जिले के विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य में हिरण की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं शिकार की प्रचुरता के कारण अभ्यारण्य में भेड़ियों की संख्या भी इस वर्ष बढ़कर सात हो गई है.अब हिरण की बढ़ती संख्या के कारण अभ्यारण्य का मैदान भी कम पड़ने लगा हैं.
चूरू जिले में चिंकारा 34 सौ के पार
गणना रिपोर्ट के मुताबिक छापर अभ्यारण्य को छोड़कर जिले में चिंकारा का कुनबा 34 सौ के पार पहुंच गया है. छापर के साथ-साथ जिले में भी वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है.इसके साथ ही कुछ स्थानों पर काले हिरण भी दिखे हैं. इसके अलावा मोर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.लेकिन गिद्धों के कुनबे में वृद्धि नहीं होना चिंता का विषय है. यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में काफी बड़ी भूमिका निभाते हैं.
छापर अभयारण्य में वन्यजीवों की स्थिति
- काले हरिण 3180
- नीलगाय 109
- चिंकारा 116
- बर्ड्स ऑफ प्रे 337
- भेड़िया 07
- जंगली बिल्ली 34
- मरू बिल्ली 39
- लोमड़ी 52
- मरू लोमड़ी 87
- मोर 207
- सेही 13
- जंगली सूअर 53
- सियार गीदड़ 01
- सांडा 12525
वन्य जीव के लिए छोटा पड़ रहा अभयारण्य
वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन अभयारण्य का क्षेत्रफल छोटा नजर आ रहा है इसके विस्तार के लिए बनी योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल रही हैं. वन विभाग के प्रधान वन संरक्षक सहित कई अधिकारी इसके लिए आकर चले गए लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. जसवंतगढ़ के बीड़ में काम शुरू होकर बंद हो गया है. बजट के अभाव में काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है.
अभ्यारण्य के अलावा जिले में वन्यजीवों की स्थिति
- काला हिरण 11
- चिंकारा 3447
- नीलगाय 1839
- बड्स ऑप प्रे 126
- मोर। 1637
- सांडा1819
- मरु लोमड़ी 312
- लोमड़ी 200
- मरु बिल्ली 62
- जंगली बिल्ली 194