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गर्भवती महिला की मौत मामला: बसपा नेता मनोज न्यांगली सहित 50 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

चूरू के सादुलपुर स्थित रामपुरा गांव में गर्भवती महिला के मौत मामले में हमीरवास थाना पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पीएचसी में तोड़फोड़, पुलिस पर पथराव करने के आरोप में बसपा नेता पूर्व विधायक मनोज न्यांगली सहित 50 से अधिक नामजद और करीब 150 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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बसपा नेता मनोज न्यांगली सहित 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
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Published : Oct 13, 2020, 10:57 PM IST

सादुलपुर (चूरू). हमीरवास थाना पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पीएचसी में तोड़फोड़ करने, पुलिस पर पथराव करने के आरोप में बसपा नेता पूर्व विधायक मनोज न्यांगली सहित 50 से अधिक नामजद और करीब 150 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दरअसल, यह मामला रामपुरा गांव में गर्भवती महिला मौत मामले से जुड़ा हुआ है.

हमीरवास थानाधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि 11 अक्टूबर को रामपुरा में गर्भवती महिला की मौत मामले में पीएचसी के सामने बसपा नेता मनोज न्यांगली के नेतृत्व में धरना प्रशन चल रहा था. प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव करने के कारण थानधिकारी भूपेन्द्र सिंह सहित कई कांस्टेबल घायल हो गए थे. इसके अलावा एम्बुलेंस को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. साथ ही उपखण्ड अधिकारी की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए और पीएचसी में भी तोड़फोड़ की गई थी. इसके चलते पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, राजकार्य में बाधा डालने और महामारी अधिनियम अन्तर्गत सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच सरदारशहर डीएसपी गिरधारीलाल करेंगे.

यह भी पढ़ें: गर्भवती महिला की मौत मामले में प्रशासन और परिजनों में बनी सहमति...80 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

रामपुरा निवासी जगदीश मीणा ने 10 अक्टूबर को मामला दर्ज करवाकर बताया कि नौ अक्टूबर को उसका भाई राजेन्द्र की पत्नी, जो गर्भवती थी को जांच के लिए अस्पताल लेकर गए थे. अस्पताल में डाॅक्टर ने तबीयत ठीक बताई, जिसके बाद उसे वापस घर ले आए. लेकिन थोड़ी ही देर बाद प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिस पर वापस अस्पताल लेकर पहुंचे तो अस्पताल में मौजूद डॉ. भीम ने कहा कि स्थिति सामान्य है तथा डिलीवरी हो जाएगी. लेकिन गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही जिस पर डाॅक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया. उसके थोड़ी ही देर बाद रचना की तबीयत बिगड़ गई तथा मुंह और कानों से खून आने लगा.

यह भी पढ़ें: गर्भवती महिला की मौत के मामले में राठौड़ का बड़ा बयान, कहा- कृष्णा पूनिया के इशारे पर हुआ लाठीचार्ज

यह स्थिति देखकर डॉ. भीम ने अस्पताल को छोड़कर भागने का प्रयास किया. लेकिन उसे रोककर उपचार की बात कही तो उसने रचना को सादुलपुर रेफर कर दिया. इस पर एंबुलेंस की मांग की गई, तो डाॅक्टर ने मना कर दिया और बिगड़ी हुई हालात को देखते हुए एक निजी वाहन से रचना को सादुलपुर लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने उसे गंभीर हालत देखते हुए चूरू रेफर कर दिया. लेकिन चूरू पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है.

सादुलपुर (चूरू). हमीरवास थाना पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पीएचसी में तोड़फोड़ करने, पुलिस पर पथराव करने के आरोप में बसपा नेता पूर्व विधायक मनोज न्यांगली सहित 50 से अधिक नामजद और करीब 150 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दरअसल, यह मामला रामपुरा गांव में गर्भवती महिला मौत मामले से जुड़ा हुआ है.

हमीरवास थानाधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि 11 अक्टूबर को रामपुरा में गर्भवती महिला की मौत मामले में पीएचसी के सामने बसपा नेता मनोज न्यांगली के नेतृत्व में धरना प्रशन चल रहा था. प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव करने के कारण थानधिकारी भूपेन्द्र सिंह सहित कई कांस्टेबल घायल हो गए थे. इसके अलावा एम्बुलेंस को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. साथ ही उपखण्ड अधिकारी की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए और पीएचसी में भी तोड़फोड़ की गई थी. इसके चलते पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, राजकार्य में बाधा डालने और महामारी अधिनियम अन्तर्गत सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच सरदारशहर डीएसपी गिरधारीलाल करेंगे.

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रामपुरा निवासी जगदीश मीणा ने 10 अक्टूबर को मामला दर्ज करवाकर बताया कि नौ अक्टूबर को उसका भाई राजेन्द्र की पत्नी, जो गर्भवती थी को जांच के लिए अस्पताल लेकर गए थे. अस्पताल में डाॅक्टर ने तबीयत ठीक बताई, जिसके बाद उसे वापस घर ले आए. लेकिन थोड़ी ही देर बाद प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिस पर वापस अस्पताल लेकर पहुंचे तो अस्पताल में मौजूद डॉ. भीम ने कहा कि स्थिति सामान्य है तथा डिलीवरी हो जाएगी. लेकिन गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही जिस पर डाॅक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया. उसके थोड़ी ही देर बाद रचना की तबीयत बिगड़ गई तथा मुंह और कानों से खून आने लगा.

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यह स्थिति देखकर डॉ. भीम ने अस्पताल को छोड़कर भागने का प्रयास किया. लेकिन उसे रोककर उपचार की बात कही तो उसने रचना को सादुलपुर रेफर कर दिया. इस पर एंबुलेंस की मांग की गई, तो डाॅक्टर ने मना कर दिया और बिगड़ी हुई हालात को देखते हुए एक निजी वाहन से रचना को सादुलपुर लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने उसे गंभीर हालत देखते हुए चूरू रेफर कर दिया. लेकिन चूरू पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है.

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