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चूरू के राणासर का लाल श्रीनगर में हुआ शहीद

चूरू के राणासर का लाल 24 राजस्थान रायफल में तैनात असलम खान श्रीनगर में शहीद हो गए. बताया जा रहा है कि सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान असलम शहीद हुए हैं. रविवार को शहीद असलम खान का पार्थिव देह गांव पहुंचेगा. जहां सैन्य सम्मान से उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी.

चूरू न्यूज, churu news
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Published : Sep 7, 2019, 6:50 PM IST

चूरू. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित दादरवाल में शुक्रवार को रात्रि में सर्च अभियान के दौरान चूरू जिले के गांव राणासर के असलम खान शहीद हो गए. असलम खान के शहीद होने की खबर लगते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

राणासर के लाल श्रीनगर में हुए शहीद

हालांकि परिजनों में कुछ ही लोगों को इसकी सूचना दी गई है. शहीद असलम खान का शव रविवार को उनके पैतृक गांव राणासर पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाएगी. बता दें कि राणासर के लाल असलम खान परिवार में अपने 9 भाई—बहनों में सबसे छोटे थे. साल 1999 में वह सेना में भर्ती हुए थे.

40 वर्षीय असलम खान 24 राष्ट्रीय रायफल में पिछले दो साल से जम्मू कश्मीर में तैनात थे. श्रीनगर क्षेत्र में उनकी पोस्टिंग हुई थी. वहीं उनके पिता हासम खान का देहांत बचपन में ही हो गया था, मां कलसुम बानो ने इनकी परवरिश की थी.

पढ़े: चंद्रयान-2 मिशन के 95% मकसद हुए पूरे

शहीद असलम का भतीजा इमरान हाल ही में सेना में भर्ती हुआ है. तीन बेटी और एक बेटे के पिता असलम खान, देर रात अमरनाथ से 40 किमी दूर दादरवाल में रात्रि सर्च आपरेशन कर रहे थे, इस दौरान शहीद हो गए.

चूरू. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित दादरवाल में शुक्रवार को रात्रि में सर्च अभियान के दौरान चूरू जिले के गांव राणासर के असलम खान शहीद हो गए. असलम खान के शहीद होने की खबर लगते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

राणासर के लाल श्रीनगर में हुए शहीद

हालांकि परिजनों में कुछ ही लोगों को इसकी सूचना दी गई है. शहीद असलम खान का शव रविवार को उनके पैतृक गांव राणासर पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाएगी. बता दें कि राणासर के लाल असलम खान परिवार में अपने 9 भाई—बहनों में सबसे छोटे थे. साल 1999 में वह सेना में भर्ती हुए थे.

40 वर्षीय असलम खान 24 राष्ट्रीय रायफल में पिछले दो साल से जम्मू कश्मीर में तैनात थे. श्रीनगर क्षेत्र में उनकी पोस्टिंग हुई थी. वहीं उनके पिता हासम खान का देहांत बचपन में ही हो गया था, मां कलसुम बानो ने इनकी परवरिश की थी.

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शहीद असलम का भतीजा इमरान हाल ही में सेना में भर्ती हुआ है. तीन बेटी और एक बेटे के पिता असलम खान, देर रात अमरनाथ से 40 किमी दूर दादरवाल में रात्रि सर्च आपरेशन कर रहे थे, इस दौरान शहीद हो गए.

Intro:चूरू_जिले के राणासर गाँव का लाडला हवलदार असलम खान शहीद हो गया.कश्मीर के दादरवाल में रात्रि सर्च ऑपरेशन के दौरान हुए हादसे में असलम शहीद हो गए,24 राष्ट्रीय रायफल में जम्मू कश्मीर में थे असलम खान तैनात जानकारी अनुसार परिवार में 9 भाई बहनों में सबसे छोटे थे असलम खान. 40 वर्षीय असलम खान के तीन बेटियां व एक बेटा है 1999 में अहमदनगर आर्मड सेंटर में हुए थे भर्ती।
Body:कश्मीर के दादरवाल में रात्रि सर्च अभियान के दौरान चूरू जिले के गांव राणासर के लाडले असलम खान शहीद हो गए हैं। असलम खान के शहीद होने की खबर लगते ही गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। असलम के मित्र व जानकार सभी गमगीन हो गए। हालांकि परिजनों में कुछ ही लोगों को इसकी सूचना दी गई है। शहीद असलम खान का शव रविवार को उनके पैतृक गांव राणासर पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान से उनको अंतिम विदाई दी जायेगी। राणासर के लाल असलम खान परिवार में अपने 9 भाई—बहिनों में सबसे छोटे थे। साल 1999 में वे सेना में भर्ती हुए थे।
Conclusion:40 वर्षीय असलम खान 24 राष्ट्रीय रायफल में पिछले दो साल से जम्मू कश्मीर में तैनात थे। श्रीनगर क्षेत्र में उनकी पोस्टिंग हुई थी। पिता हासम खान का देहान्त इनके बचपन में ही हो गया था, मॉ कलसुम बानो ने इनकी परवरिश की। इनकी पत्नी संजू गृहणी है। इनका भतीजा इमरान हाल ही में सेना में भर्ती हुआ है। तीन बेटी और एक बेटे के पिता असलम खान, देर रात अमरनाथ से 40 किमी दूर दादरवाल में रात्रि सर्च आपरेशन कर रहे थे इस दौरान ये शहीद हो गये

बाईट_सलीमुद्दीन खान,ग्रामीण राणासर
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