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चूरू : वॉलीबॉल के नेशनल खिलाड़ी तैयार करने में जुटे रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट

रतननगर कस्बे का साल 1970 से 1985 तक वॉलीबॉल में प्रदेश ही नहीं देश मे भी दबदबा था. इस दौरान रतननगर में कई बार नेशनल गेम्स हुए. वहीं करीब 25 से ज्यादा नेशनल लेवल के खिलाड़ी भी तैयार हुए. लेकिन साल 1985 के बाद से यहां पर एक भी नेशनल लेवल का टूर्नामेंट नहीं हुआ और कोई बड़ा खिलाड़ी भी तैयार नहीं हुआ.

नेशनल खिलाड़ी तैयार करने में जुटे रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट
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Published : Jun 19, 2019, 1:35 PM IST

चूरू. रतननगर में वॉलीबॉल का वहीं पुराना दौर फिर से शुरू हो. इसके लिए गांव के ही राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और बीएसएफ से रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट विजय गोठवाल पिछले दो साल से कोशिश कर रहे हैं. वे रोजाना चार घंटे गांव के युवाओं को नि:शुल्क वॉलीबॉल का प्रशिक्षण दे रहे हैं. गांव के करीब 25 से ज्यादा युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं.

वॉलीबॉल के नेशनल खिलाड़ी तैयार करने में जुटे रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट

विजय गोठवाल ने साल 1988 में बीएसएफ में एसआई के पद पर जॉइन किया. दिसंबर 2016 में असिस्टेंट कमांडेंट के पद से रिटायर्ड होने के बाद देखा कि कस्बे से वॉलीबॉल खत्म सा हो गया है. खुद खिलाड़ी होने से मन में पीड़ा हुई तो युवाओं को नि:शुल्क ट्रेनिंग देने का संकल्प लिया. मैदान नि:शुल्क उपलब्ध कराया. न्यू हीरोज खेलकूद और सांस्कृतिक संस्थान ने अब इसी मैदान पर वे रोज गांव के युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं.

रतननगर की टीम की नेशनल चैंपियनशिप में होती थी डायरेक्ट एंट्री
रतननगर के खिलाड़ियों का खेल इतना अच्छा था कि नेशनल लेवल की चैम्पियनशिप में डायरेक्ट एंट्री मिलती थी. साल 1972 से 82 के बीच यहां कई बार नेशनल चैंपियनशिप आयोजित हुई थी. यहां के नारायण परिहार वॉलीबॉल फेडरेशन आफ इंडिया के सेक्रेटरी रह चुके हैं.

चार साल में नेशनल खिलाड़ी होंगे तैयार
ट्रेनर विजय गोठवाल का कहना है कि साल 1974 से पहले यहां नेशनल टूर्नामेंट होते थे. नेशनल खिलाड़ी थे. अब वे अगले 4 साल में इस मैदान से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार कर देंगे. वहीं इस मैदान पर फिर से नेशनल चैंपियनशिप करवाने की कोशिश भी कर रहे हैं.

चूरू. रतननगर में वॉलीबॉल का वहीं पुराना दौर फिर से शुरू हो. इसके लिए गांव के ही राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और बीएसएफ से रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट विजय गोठवाल पिछले दो साल से कोशिश कर रहे हैं. वे रोजाना चार घंटे गांव के युवाओं को नि:शुल्क वॉलीबॉल का प्रशिक्षण दे रहे हैं. गांव के करीब 25 से ज्यादा युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं.

वॉलीबॉल के नेशनल खिलाड़ी तैयार करने में जुटे रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट

विजय गोठवाल ने साल 1988 में बीएसएफ में एसआई के पद पर जॉइन किया. दिसंबर 2016 में असिस्टेंट कमांडेंट के पद से रिटायर्ड होने के बाद देखा कि कस्बे से वॉलीबॉल खत्म सा हो गया है. खुद खिलाड़ी होने से मन में पीड़ा हुई तो युवाओं को नि:शुल्क ट्रेनिंग देने का संकल्प लिया. मैदान नि:शुल्क उपलब्ध कराया. न्यू हीरोज खेलकूद और सांस्कृतिक संस्थान ने अब इसी मैदान पर वे रोज गांव के युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं.

रतननगर की टीम की नेशनल चैंपियनशिप में होती थी डायरेक्ट एंट्री
रतननगर के खिलाड़ियों का खेल इतना अच्छा था कि नेशनल लेवल की चैम्पियनशिप में डायरेक्ट एंट्री मिलती थी. साल 1972 से 82 के बीच यहां कई बार नेशनल चैंपियनशिप आयोजित हुई थी. यहां के नारायण परिहार वॉलीबॉल फेडरेशन आफ इंडिया के सेक्रेटरी रह चुके हैं.

चार साल में नेशनल खिलाड़ी होंगे तैयार
ट्रेनर विजय गोठवाल का कहना है कि साल 1974 से पहले यहां नेशनल टूर्नामेंट होते थे. नेशनल खिलाड़ी थे. अब वे अगले 4 साल में इस मैदान से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार कर देंगे. वहीं इस मैदान पर फिर से नेशनल चैंपियनशिप करवाने की कोशिश भी कर रहे हैं.

Intro:चूरू। चूरू के रतननगर कस्बे का 1970 से 1985 तक वॉलीबॉल में प्रदेश ही नहीं देश मे भी दबदबा था। इस दौरान रतननगर में कई बार नेशनल गेम्स हुए वही करीब दो दर्जन से ज्यादा नेशनल लेवल के खिलाड़ी भी तैयार हुए। लेकिन 1985 के बाद से यहां पर एक भी नेशनल लेवल का टूर्नामेंट नहीं हुआ और कोई बड़ा खिलाड़ी तैयार नहीं हुआ।
अब रतननगर में वॉलीबॉल का वहीं पुराना दौर फिर से शुरू हो इसके लिए गांव के ही राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और बीएएसएफ से रिटायर्ड अस्सिस्टेंट कमांडेंट विजय गोठवाल पिछले दो साल से कोशिश कर रहे है। वे रोज चार घंटे गांव के युवाओं को निशुल्क वॉलीबॉल का प्रशिक्षण दे रहे है। गांव के दो दर्जन से ज्यादा युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे है।


Body:ढाई साल पहले रिटायर्ड, दो साल से दे रहे ट्रेनिंग
विजय गोठवाल ने 1988 में बीएसएफ में एसआई के पद पर जॉइन किया। दिसंबर 2016 में असिस्टेंट कमांडेंट के पद से रिटायर्ड होने के बाद देखा कि कस्बे से वॉलीबॉल खत्म सा हो गया है। खुद खिलाड़ी होने से मन मे पीड़ा हुई तो युवाओ को निशुल्क ट्रेनिंग देने का संकल्प लिया। मैदान निशुल्क उपलब्ध कराया न्यू हीरोज खेलकूद और सांस्कृतिक संस्थान ने। अब इसी मैदान पर वे रोज गांव के युवाओं को ट्रेनिग दे रहे है।
रतननगर की टीम की नेशनल चैंपियनशिप में होती थी डायरेक्ट एंट्री
रतननगर के खिलाड़ियों का खेल इतना अच्छा था कि नेशनल लेवल की चैम्पियनशिप में डायरेक्ट एंट्री मिलती थी। 1972 से 82 के बीच यहां कई बार नेशनल चैंपियनशिप आयोजित हुई थी। यहां के नारायण परिहार वॉलीबॉल फेडरेशन आफ इंडिया के सेक्रेटरी रह चुके है।


Conclusion:चार साल में नेशनल खिलाड़ी होंगे तैयार
ट्रेनर विजय गोठवाल का कहना है कि 1974 से पहले यहां नेशनल टूर्नामेंट होते थे। नेशनल खिलाड़ी थे। अब वे अगले 4 साल में इस मैदान से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार कर देंगे। वही इस मैदान पर फिर से नेशनल चैंपियनशिप करवाने की कोशिश भी कर रहे है।
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