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सिद्धमुख पवन गोलीकांड मामलाः पूर्व सांसद और पूर्व विधायक ने की पीड़ित को सरकारी नौकरी देने की मांग, सौंपा ज्ञापन

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Published : Oct 21, 2019, 6:18 PM IST

चूरू में सोमवार को पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली के नेतृत्व में ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. वहीं ग्रामीणों ने जल्द से जल्द 7 फरवरी 2009 को सिदमुख में हुए गोलीकांड में घायल पवन को सरकारी नौकरी और मेडिकल बिलों का भुगतान करने की मांग की.

7 फरवरी 2009 को सिदमुख में हुई फायरिंग, Firing in Sidmukh on 7 February 2009

चूरू. जिले में साल 2009 के सादुलपुर सिदमुख में हुई पुलिस फायरिंग में घायल हुए पवन कुमार और अन्य घायलों को नौकरी और आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर सोमवार को पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली के नेतृत्व में ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.

सिदमुख गोलीकांड में घायल पवन को सरकारी नौकरी की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि 7 फरवरी 2009 को सिदमुख में हुई फायरिंग में पवन कुमार गंभीर रुप से घायल हो गया था. वहीं इलाज के लिए मेडिकल बिल जिला मुख्यालय में जमा करवा दिए गए है. अनेक बार प्रार्थना करने के बावजूद भी अभी तक बिलो का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है. उस घटना के बाद सरकार द्वारा भेजे गए प्रतिनिधियों ने दिव्यांग हुए लोगों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी. ऐसे में इन सब सबूतों को लेकर हम मुख्यमंत्री और मंत्रियों से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन आज तक इस मामले में हमारी सुनवाई नहीं हुई है.

पढ़े: झालावाड़ में दीपोत्सव; यहां आज भी पुरानी परंपराएं कायम, गांवों में आज भी कुम्हार समाज को दीपों के बदले मिलता है अनाज

इस घटनाक्रम में किसी भी घायल को आजतक पूर्ण मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है. घायल पवन कुमार 100 प्रतिशत दिव्यांग हो चुका है. पवन की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर है. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द गोलीकांड में घायल पवन को सरकारी नौकरी और मेडिकल बिलों का भुगतान करने की मांग की है.

बता दें कि 6 फरवरी 2009 को हुए विरेन्द्र न्यांगली हत्याकांड कांड के बाद 7 फरवरी 2009 को सुबह जब पूरे राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन हो रहा था. उस वक्त सिदमुख में भी गांव वालों के द्वारा विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा था. गांववासी जब ज्ञापन देने सिदमुख पुलिस थाने जा रहे थे. ऐसे में थाना पहुंचने से पहले ही पुलिस के द्वारा गांव वालो पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई थी. जिसमें 8 लोग घायल हो गए थे.

पढ़े: राजस्थान के इस परिवार ने लगाई गुहार...इंसाफ दो या इच्छामृत्यु

उस समय के हालात को देखते हुए तत्कालीन राजस्थान सरकार ने घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर करवाने, दिव्यांग होने वालों और मृत के पुत्र को सरकारी नोकरी देने की घोषणा की थी. वहीं अबतक इस मामले में सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया है. 100 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके पवन कुमार को आजतक सरकारी नोकरी नहीं दी गई है. बीते साढ़े 10 साल में पवन कुमार छोटे स्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक अनेको बार गुहार लगा चुके है. लेकिन कोई भी कारवाई नहीं हो पाई है.

पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा कहना है कि 6 फरवरी 2009 को सिदमुख में पुलिस ने निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाई. जिसमें एक की मौत हो गई और एक पवन कुमार बुरी तरह से घायल हो गया. उसके बाद गांव के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था. उसके बाद सरकार ने मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी और घायलों को सरकार की ओर से नि:शुल्क इलाज वह नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन पवन कुमार को आजतक नौकरी नहीं मिली है.

पढ़े: खींवसर में 15 साल में केवल डायलॉगबाजी हुई है, हमने विकास के मुद्दे पर लड़ा है उप चुनाव: खाचरियावास

पूर्व विधायक मनोज न्यांगली का कहना है कि सादुलपुर की इस अत्याचार की लड़ाई में पवन के परिवार के साथ पुलिस ने जिस तरीके से फायरिंग की थी, ऐसे में वह अस्थाई रूप से विकलांग हो गया है. 2009 की घटना पूरा सादुलपुर जानता है सरकार ने उस दौरान सभी को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक उनको नौकरी नहीं मिल पाई है.

चूरू. जिले में साल 2009 के सादुलपुर सिदमुख में हुई पुलिस फायरिंग में घायल हुए पवन कुमार और अन्य घायलों को नौकरी और आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर सोमवार को पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली के नेतृत्व में ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.

सिदमुख गोलीकांड में घायल पवन को सरकारी नौकरी की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि 7 फरवरी 2009 को सिदमुख में हुई फायरिंग में पवन कुमार गंभीर रुप से घायल हो गया था. वहीं इलाज के लिए मेडिकल बिल जिला मुख्यालय में जमा करवा दिए गए है. अनेक बार प्रार्थना करने के बावजूद भी अभी तक बिलो का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है. उस घटना के बाद सरकार द्वारा भेजे गए प्रतिनिधियों ने दिव्यांग हुए लोगों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी. ऐसे में इन सब सबूतों को लेकर हम मुख्यमंत्री और मंत्रियों से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन आज तक इस मामले में हमारी सुनवाई नहीं हुई है.

पढ़े: झालावाड़ में दीपोत्सव; यहां आज भी पुरानी परंपराएं कायम, गांवों में आज भी कुम्हार समाज को दीपों के बदले मिलता है अनाज

इस घटनाक्रम में किसी भी घायल को आजतक पूर्ण मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है. घायल पवन कुमार 100 प्रतिशत दिव्यांग हो चुका है. पवन की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर है. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द गोलीकांड में घायल पवन को सरकारी नौकरी और मेडिकल बिलों का भुगतान करने की मांग की है.

बता दें कि 6 फरवरी 2009 को हुए विरेन्द्र न्यांगली हत्याकांड कांड के बाद 7 फरवरी 2009 को सुबह जब पूरे राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन हो रहा था. उस वक्त सिदमुख में भी गांव वालों के द्वारा विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा था. गांववासी जब ज्ञापन देने सिदमुख पुलिस थाने जा रहे थे. ऐसे में थाना पहुंचने से पहले ही पुलिस के द्वारा गांव वालो पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई थी. जिसमें 8 लोग घायल हो गए थे.

पढ़े: राजस्थान के इस परिवार ने लगाई गुहार...इंसाफ दो या इच्छामृत्यु

उस समय के हालात को देखते हुए तत्कालीन राजस्थान सरकार ने घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर करवाने, दिव्यांग होने वालों और मृत के पुत्र को सरकारी नोकरी देने की घोषणा की थी. वहीं अबतक इस मामले में सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया है. 100 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके पवन कुमार को आजतक सरकारी नोकरी नहीं दी गई है. बीते साढ़े 10 साल में पवन कुमार छोटे स्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक अनेको बार गुहार लगा चुके है. लेकिन कोई भी कारवाई नहीं हो पाई है.

पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा कहना है कि 6 फरवरी 2009 को सिदमुख में पुलिस ने निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाई. जिसमें एक की मौत हो गई और एक पवन कुमार बुरी तरह से घायल हो गया. उसके बाद गांव के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था. उसके बाद सरकार ने मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी और घायलों को सरकार की ओर से नि:शुल्क इलाज वह नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन पवन कुमार को आजतक नौकरी नहीं मिली है.

पढ़े: खींवसर में 15 साल में केवल डायलॉगबाजी हुई है, हमने विकास के मुद्दे पर लड़ा है उप चुनाव: खाचरियावास

पूर्व विधायक मनोज न्यांगली का कहना है कि सादुलपुर की इस अत्याचार की लड़ाई में पवन के परिवार के साथ पुलिस ने जिस तरीके से फायरिंग की थी, ऐसे में वह अस्थाई रूप से विकलांग हो गया है. 2009 की घटना पूरा सादुलपुर जानता है सरकार ने उस दौरान सभी को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक उनको नौकरी नहीं मिल पाई है.

Intro:सादुलपुर सिदमुख में 2009 में पुलिस फायरिंग में घायल पवन कुमार व अन्य घायलों को नौकरी और आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर आज पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा पूर्व विधायक मनोज न्यांगली के नेतृत्व में ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है ग्रामीण बताया कि 7 फरवरी 2009 का सिदमुख में हुई फायरिंग में पवन कुमार घायल हो गया घायल को इलाज के लिए मेडिकल बिल जिला मुख्यालय में जमा करवा दिए गए थे अनेक बार प्रार्थना करने पर भी भी बिलो का पूर्ण भुगतान अभी तक नहीं किया गया घटना के दौरान सरकार द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि ने दिव्यांग रहने वालों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी इनके पुख्ता सबूत के साथ हम मुख्यमंत्री व मंत्रियों से मिल चुके हैं और हमारी सुनवाई आज तक नहीं हुई है उक्त घटनाक्रम में घायल वे किसी भी घायल को आज दिनांक तक पूर्ण मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हुआ है पवन कुमार 100% दिव्यांग हो चुका है पवन की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है ग्रामीणों ने जल्द से जल्द गोलीकांड में घायल पवन को सरकारी नौकरी मेडिकल बिलों का भुगतान करने की मांग की हैBody:6 फरवरी 2009 को हुए विरेन्द्र न्यांगली हत्याकांड कांड के बाद 7 फरवरी 2009 को सुबह जब पूरे राजस्थान में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे उसी वक्त सिद्धमूख में भी गाव वालो के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। गाववासी जब ज्ञापन देने सिद्धमूख पुलिस थाने ज्ञापन देने गए तो गाव वालो के थाने में पहुंचने से पहले ही पुलिस के द्वारा गाव वालो पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई जिसमें 8 लोगो को गोलियाँ लगी। उस समय के हालात को देखते तत्कालीन राजस्थान सरकार ने घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर करवाने व दिव्यांग होने वालों व मर्त के पुत्र को सरकारी नोकरी देने की घोषणा की। सरकार ने घायलों के उपचार पर हुए खर्च का पूर्ण भुगतान आज तक नही किया है वही 100 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके पवन कुमार को आज तक सरकारी नोकरी नही दी। बीते साढ़े 10 साल में पवन कुमार छोटे स्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक अनेको बार गुहार लगा चुका है। पिछली सरकार के दोनों मुख्य मंत्रियो से मिला मन्त्रियों से मिला कलेक्टर महोदय से मिला लेकिन जवाब में सिर्फ एक पत्र ही मिला कार्यवाही कभी नही हुई । Conclusion:बाइट-रामसिंह कस्वा पूर्व सांसद
पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा कहना है की 6 फरवरी 2009 को सिदमुख में पुलिस ने निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाई गई जिसमें एक की मौत हो गई और एक पवन कुमार बुरी तरह से घायल हो गया उसके बाद गांव के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था उसके बाद सरकार ने मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी व घायलों को सरकार की ओर से निशुल्क इलाज वह नौकरी देने का वादा किया था लेकिन पवन कुमार को आज तक नौकरी नहीं मिली है
बाइट-मनोज न्यागली पूर्व विधायक
पूर्व विधायक मनोज न्यांगली का कहना है कि सादुलपुर की इस अत्याचार की लड़ाई में इस पवन के परिवार के साथ पुलिस ने जिस तरीके से फायरिंग की अस्थाई रूप से विकलांग हो गया है 2009 की घटना पूरा सादुलपुर जाता है इस गोलीकांड में ऑल घायल हो गया था सरकार ने उसी दौरान और को सरकारी नौकरी व आर्थिक सहायता देने का आश्वासन किया था लेकिन आज तक उनको नौकरी नहीं मिली है
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