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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारशहर में गर्ल्स कॉलेज बनाने की दी स्वीकृति

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Published : Feb 25, 2021, 6:13 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारशहर वासियों को सौगात देते हुए राजकीय महिला महाविद्यालय बनाने की स्वीकृति दे दी है. इससे क्षेत्रवासी खुश नजर आ रहे हैं.

Sardarshahar news, Chief Minister Ashok Gehlot
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारशहर में गर्ल्स कॉलेज बनाने की दी स्वीकृति

सरदारशहर (चूरू). तहसील में 210 गांव आते हैं पर यहां पर एक भी राजकीय महिला महाविद्याय नहीं होने के चलते यहां की बेटियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पिछले लंबे समय से शहर वासियों द्वारा महिला महाविद्यलय खोलने की मांग की जा रही थी. महिला महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर समय-समय पर एनएसयूआई, एसएफआई, एबीवीपी छात्र संगठनों द्वारा आंदोलन किए गए. तहसील क्षेत्र की बेटियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा ने भी शहर में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने के लिए गत वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारशहर में गर्ल्स कॉलेज बनाने की दी स्वीकृति

वहीं इस सब को ध्यान रखते हुए प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल में सरदारशहर वासियों को बड़ी सौगात देते हुए राजकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति दे दी है. स्वीकृति मिलने के साथ ही तहसील क्षेत्र के हजारों बेटियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. राजकीय महाविद्यालय सरदारशहर में खुलने से यहां की हजारों बेटियों को इसका लाभ मिलेगा. दरअसल सरदारशहर कस्बे में राजकीय महिला महाविद्यालय नहीं होने के चलते यहां के दूरदराज से आने वाले गांव की बेटियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था. शहर में बड़ी संख्या में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग एवं अन्य वर्गों की गरीब एवं मध्यम वर्ग की आबादी है.

यह भी पढ़ें- किसान सम्मेलन में अगर सचिन पायलट को बुलाया गया होगा तो वे जरूर जाएंगे: वेद सोलंकी

सरदारशहर तहसील जिले की जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी तहसील होने के बावजूद यहां बालिकाओं की शिक्षा के लिए राजकीय महाविद्यालय नहीं है. तहसील मुख्यालय पर वाणिज्य, कला एवं विज्ञान वर्ग के 228 सरकारी एवं निजी विद्यालय हैं. इनमें से प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में लगभग 3000 छात्राएं पास आउट होकर निकलती हैं, लेकिन तहसील मुख्यालय पर एकमात्र राजकीय महाविद्यालय तथा उसमें भी सीमित संख्या में सीट होने के कारण अधिकांश छात्राएं उच्च शिक्षा में अध्यन करने से वंचित रह जाती हैं. गहलोत सरकार की सौगात ने सभी छात्राओं के चेहरे पर खुशी ला दी है. तहसील क्षेत्र में राजकीय महाविद्यालय खुलने से क्षेत्र की अधिकांश छात्राओं को लाभ मिलेगा.

सरदारशहर (चूरू). तहसील में 210 गांव आते हैं पर यहां पर एक भी राजकीय महिला महाविद्याय नहीं होने के चलते यहां की बेटियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पिछले लंबे समय से शहर वासियों द्वारा महिला महाविद्यलय खोलने की मांग की जा रही थी. महिला महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर समय-समय पर एनएसयूआई, एसएफआई, एबीवीपी छात्र संगठनों द्वारा आंदोलन किए गए. तहसील क्षेत्र की बेटियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा ने भी शहर में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने के लिए गत वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारशहर में गर्ल्स कॉलेज बनाने की दी स्वीकृति

वहीं इस सब को ध्यान रखते हुए प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल में सरदारशहर वासियों को बड़ी सौगात देते हुए राजकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति दे दी है. स्वीकृति मिलने के साथ ही तहसील क्षेत्र के हजारों बेटियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. राजकीय महाविद्यालय सरदारशहर में खुलने से यहां की हजारों बेटियों को इसका लाभ मिलेगा. दरअसल सरदारशहर कस्बे में राजकीय महिला महाविद्यालय नहीं होने के चलते यहां के दूरदराज से आने वाले गांव की बेटियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था. शहर में बड़ी संख्या में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग एवं अन्य वर्गों की गरीब एवं मध्यम वर्ग की आबादी है.

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सरदारशहर तहसील जिले की जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी तहसील होने के बावजूद यहां बालिकाओं की शिक्षा के लिए राजकीय महाविद्यालय नहीं है. तहसील मुख्यालय पर वाणिज्य, कला एवं विज्ञान वर्ग के 228 सरकारी एवं निजी विद्यालय हैं. इनमें से प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में लगभग 3000 छात्राएं पास आउट होकर निकलती हैं, लेकिन तहसील मुख्यालय पर एकमात्र राजकीय महाविद्यालय तथा उसमें भी सीमित संख्या में सीट होने के कारण अधिकांश छात्राएं उच्च शिक्षा में अध्यन करने से वंचित रह जाती हैं. गहलोत सरकार की सौगात ने सभी छात्राओं के चेहरे पर खुशी ला दी है. तहसील क्षेत्र में राजकीय महाविद्यालय खुलने से क्षेत्र की अधिकांश छात्राओं को लाभ मिलेगा.

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