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मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों का उग्र प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोका, ट्रेन रोकने की भी कोशिश - हाईवे किया जाम

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने बुधवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रेलवे ट्रैक की ओर कूच किया. लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया. इसके बाद आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने सड़क जाम कर दी और मांगें नहीं मानने पर प्रदर्शन को और उग्र करने की चेतावनी दी.

protest of asha sahayogini
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Published : Jul 31, 2019, 10:00 PM IST

चूरू. जिला कलेक्ट्रेट के आगे मानदेय वृद्धि और स्थायीकरण सहित दो विभागों से हटाकर एक विभाग में करने की मांग को लेकर 17 जुलाई से धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने अब उग्र रूप धारण कर लिया है. बुधवार को प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों ने ट्रेन रोकने के लिए रेलवे ट्रैक की तरफ कूच किया. लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया. इसके बाद आक्रोशित आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने से गुजर रही सड़क को जाम कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाया.

मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों का उग्र प्रदर्शन

बीजेपी पार्षदों का निगम में धरना, महापौर और कमिश्नर पर लगाए गंभीर आरोप

आशा सहयोगिनियों का प्रदर्शन दिनभर चलता रहा. जिसके चलते जिला प्रशासन और पुलिस को खूब परेड करनी पड़ी. प्रशासनिक अधिकारियों ने आशा सहयोगिनियों के साथ बैठक कर धरना समाप्त करने की बात कही. लेकिन नतीजा शून्य रहा. आक्रोशित आशा सहयोगिनियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हमारे मानदेय में महज 200 रुपए की बढ़ोतरी की है. इतने कम मानदेय से परिवार का गुजारा कैसे कर पाएंगे. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि हमारा मानदेय 2 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए और स्थायी करने के साथ ही दो विभागों से हटाकर एक विभाग में लगाया जाए.

चूरू. जिला कलेक्ट्रेट के आगे मानदेय वृद्धि और स्थायीकरण सहित दो विभागों से हटाकर एक विभाग में करने की मांग को लेकर 17 जुलाई से धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने अब उग्र रूप धारण कर लिया है. बुधवार को प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों ने ट्रेन रोकने के लिए रेलवे ट्रैक की तरफ कूच किया. लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया. इसके बाद आक्रोशित आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने से गुजर रही सड़क को जाम कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाया.

मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों का उग्र प्रदर्शन

बीजेपी पार्षदों का निगम में धरना, महापौर और कमिश्नर पर लगाए गंभीर आरोप

आशा सहयोगिनियों का प्रदर्शन दिनभर चलता रहा. जिसके चलते जिला प्रशासन और पुलिस को खूब परेड करनी पड़ी. प्रशासनिक अधिकारियों ने आशा सहयोगिनियों के साथ बैठक कर धरना समाप्त करने की बात कही. लेकिन नतीजा शून्य रहा. आक्रोशित आशा सहयोगिनियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हमारे मानदेय में महज 200 रुपए की बढ़ोतरी की है. इतने कम मानदेय से परिवार का गुजारा कैसे कर पाएंगे. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि हमारा मानदेय 2 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए और स्थायी करने के साथ ही दो विभागों से हटाकर एक विभाग में लगाया जाए.

Intro:चूरू_अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठी आशा सह्योगिनयो ने बुधवार को उग्र प्रदर्शन किया.प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आशाओं ने रेल्वे ट्रेक की और कूच किया लेकिन भारी पुलिस जाब्ते ने आशाओं को पहले ही रोक लिया.उग्र हुई आशाओं ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने की सड़क को किया जाम और प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर जल्द ही हमारी मांगे नही मानी गयी तो प्रदर्शन औऱ भी होगा उग्र।


Body:17 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट के आगे मानदेय वृद्धि और स्थायी करण सहित दो विभागों में से एक विभाग में करने की मांग को लेकर धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने अब उग्र रूप धारण कर लिया है बुधवार को प्रदर्शन कर रही आशाओं ने ट्रेन रोकने के लिए रेल्वे लाइनों की तरफ बढ़ी लेकिन भारी पुलिस जाब्ता होने के कारण इन आशाओं को पुलिसकर्मियों ने रेल्वे लाइनों की तरफ बढ़ने से पहले ही रोक लिया और आक्रोशित आशाओं ने जिला कलेक्ट्रेट के चारो तरफ घूम कर रैली निकाली और जिला कलक्ट्रेट के सामने से गुजर रहे जयपुर हाइवे को जाम किया जिसके बाद मौके पर पुलिस ने पहुँच कर जाम खुलवाया आशाओं का प्रदर्शन दीनभर चलता रहा जिसके चलते जिला प्रसाशन को भी बुधवार को खूब परेड करनी पड़ी और देर शाम तक प्रसाशनिक अधिकारियों ने इन आशाओं के साथ बैठक कर धरना समाप्त करने की बात रखी लेकिन नतीजा शून्य रहा।


Conclusion:वही आक्रोशित आशाओं का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हमारे सिर्फ दो सौ रुपए बढ़ाये है ऐसे में ना हम अपना गुजारा कर सकते हैं और ना ही अपने परिवार का प्रदर्शन कर रही आशाओं की मांग है कि हमारा मानदेय 2500 से 18 हजार महीना किया जाए व हमे स्थायी किया जाए व हमे दो विभागों से एक विभाग में किया जाए

बाईट_संगीता शर्मा,आशा यूनियन जिलाध्यक्ष चूरू
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