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स्पेशल स्टोरी: 60 दिनों में बना डाली 7 हजार ब्लड डोनर्स की चेन, एक कॉल पर मदद को रहते हैं तैयार

चूरू जिले के अमजद नाम के युवक ने एक अनूठी मिसाल पेश की है. सोशल मीडिया के माध्याम से अमजद ने 60 दिनों में 7 हजार रक्त वीरों की फौज बना डाली है. देश ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी जरूरतमंदों को रक्त डोनेट कर रहे हैं.

7 thousand blood heroes in 60 days, सात हजार रक्त वीरों की फौज
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Published : Aug 31, 2019, 11:27 PM IST

चूरू. जिले में टॉयर की पंक्चर बनाने वाला बना रक्त वीरों का सेनापति बन गया. शहर में शायद ही किसी की खून की कमी की वजह से जान जाती है. हर किसी को अमजद खून उपलब्ध कराता है. चाहे किसी भी धर्म या समुदाय का कोई हो. गरीब हो या अमीर एक मैसेज एक कॉल पर मौके पर पहुंचती है अमदज की सेना.

60 दिनों में बना डाली 7 हजार ब्लड डोनरों की चेन

यह कहानी चूरू के उस शक्स की है जिसने अपने अनूठे प्रयास से अबतक सैकड़ों लोगों की जान बचाई है. दसवीं पास शहर के अमजद तुगलक रक्तदान की एक मिसाल पेश कर रहे हैं. इस शख्स ने ब्लड डोनेट करते हुए 60 दिनों में सात हजार रक्त वीरों की ऐसी सेना बना डाली जो देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी जरूरतमंदों को रक्त डोनेट कर रहे हैं.

सोशल मीडिया के माध्याम से काम करती है टीम:
यह टीम सोशल मीडिया के माध्याम से सूचना आदान-प्रदान कर सैकड़ों जान बचाई जा चुकी है. सिर्फ एक व्हाट्सएप मैसेज से खाड़ी देशों तक जरूरतमंद को रक्त डोनेट किया जा रहा है. फेसबुक व्हाट्सएप और मोबाइल पर रक्त की डिमांड आते ही ये रक्त वीर रक्तदान के लिए मौके पर पहुंच जाते हैं.
अनजान को ब्लड देने से हुई शुरूआत:
A-पॉजिटिव ग्रुप के अमजद ने इसकी शुरुआत एक अनजान व्यक्ति को अपना एक यूनिट ब्लड देकर की. जब उस मरीज को दो यूनिट ब्लड की आवश्यकता हुई तो अमजद ने फेसबुक पर ए-पॉजिटिव ग्रुप की आवश्यकता की एक पोस्ट डाली जिसके तुरंत बाद कुछ ही देर में 257 लोगों ने रक्त दान करने की पेशकश कर डाली. पॉजिटि और अच्छा रिस्पांस देख अमजद ने निशुल्क रक्तदान के लिए चूरु हेल्पलाइन के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना डाला. उस व्हाट्सएप ग्रुप में 250 मेंबर होने पर एक और ग्रुप बनाया गया फिर अमजद ने चूरु हेल्पलाइन नाम से फेसबुक पेज भी बनाया, जिसमें महज 60 दिनों में सात हजार युवा जुड़ गए.

ये भी पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: सीएम गहलोत ने निभाया अपना वादा...सांचौर को दी दो महाविद्यालयों की सौगात

जुनून काबिले तारीफ है:
अब यह युवा रक्तदान के लिए हर पल एक फोन कॉल या एक व्हाट्सएप मैसेज देख कर जरूरतमंद को रक्त देने के लिए दौड़ पड़ते हैं. शहर के इन रक्त वीरों का जुनून काबिले तारीफ है चूरू के अलावा बीकानेर, सीकर, जयपुर के अस्पताल में भी रक्त की जरूरत का संदेश मिलता है, तो उस शहर में ग्रुप से जुड़ा वह सदस्य खुद के ही खर्च से मौके पर पहुंचता है और रक्तदान करता है.

चूरू. जिले में टॉयर की पंक्चर बनाने वाला बना रक्त वीरों का सेनापति बन गया. शहर में शायद ही किसी की खून की कमी की वजह से जान जाती है. हर किसी को अमजद खून उपलब्ध कराता है. चाहे किसी भी धर्म या समुदाय का कोई हो. गरीब हो या अमीर एक मैसेज एक कॉल पर मौके पर पहुंचती है अमदज की सेना.

60 दिनों में बना डाली 7 हजार ब्लड डोनरों की चेन

यह कहानी चूरू के उस शक्स की है जिसने अपने अनूठे प्रयास से अबतक सैकड़ों लोगों की जान बचाई है. दसवीं पास शहर के अमजद तुगलक रक्तदान की एक मिसाल पेश कर रहे हैं. इस शख्स ने ब्लड डोनेट करते हुए 60 दिनों में सात हजार रक्त वीरों की ऐसी सेना बना डाली जो देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी जरूरतमंदों को रक्त डोनेट कर रहे हैं.

सोशल मीडिया के माध्याम से काम करती है टीम:
यह टीम सोशल मीडिया के माध्याम से सूचना आदान-प्रदान कर सैकड़ों जान बचाई जा चुकी है. सिर्फ एक व्हाट्सएप मैसेज से खाड़ी देशों तक जरूरतमंद को रक्त डोनेट किया जा रहा है. फेसबुक व्हाट्सएप और मोबाइल पर रक्त की डिमांड आते ही ये रक्त वीर रक्तदान के लिए मौके पर पहुंच जाते हैं.
अनजान को ब्लड देने से हुई शुरूआत:
A-पॉजिटिव ग्रुप के अमजद ने इसकी शुरुआत एक अनजान व्यक्ति को अपना एक यूनिट ब्लड देकर की. जब उस मरीज को दो यूनिट ब्लड की आवश्यकता हुई तो अमजद ने फेसबुक पर ए-पॉजिटिव ग्रुप की आवश्यकता की एक पोस्ट डाली जिसके तुरंत बाद कुछ ही देर में 257 लोगों ने रक्त दान करने की पेशकश कर डाली. पॉजिटि और अच्छा रिस्पांस देख अमजद ने निशुल्क रक्तदान के लिए चूरु हेल्पलाइन के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना डाला. उस व्हाट्सएप ग्रुप में 250 मेंबर होने पर एक और ग्रुप बनाया गया फिर अमजद ने चूरु हेल्पलाइन नाम से फेसबुक पेज भी बनाया, जिसमें महज 60 दिनों में सात हजार युवा जुड़ गए.

ये भी पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: सीएम गहलोत ने निभाया अपना वादा...सांचौर को दी दो महाविद्यालयों की सौगात

जुनून काबिले तारीफ है:
अब यह युवा रक्तदान के लिए हर पल एक फोन कॉल या एक व्हाट्सएप मैसेज देख कर जरूरतमंद को रक्त देने के लिए दौड़ पड़ते हैं. शहर के इन रक्त वीरों का जुनून काबिले तारीफ है चूरू के अलावा बीकानेर, सीकर, जयपुर के अस्पताल में भी रक्त की जरूरत का संदेश मिलता है, तो उस शहर में ग्रुप से जुड़ा वह सदस्य खुद के ही खर्च से मौके पर पहुंचता है और रक्तदान करता है.

Intro:चूरू में टॉयर की पंक्चर बनाने वाला बना रक्तविरो का सेनापति. शहर के अमजद ने लहू के लिए नही जाने दी किसी की जान.चाहे किसी भी धर्म या समुदाय का कोई हो गरीब हो या अमीर एक मैसेज एक कॉल पर मौके पर पहुँचते है शहर के यह रक्तविर। सोशल मीडिया का सही उपयोग करते हुए अमजद ने 60 दिनों में बना डाले सात हजार रक्तविर।


Body:चूरू आज की यह कहानी उस शख्शियत की है. जिसने अपने अनूठे प्रयास से अबतक सैकड़ों लोगों की जान बचाई है दसवीं पास शहर के अमजद तुगलक आज रक्तदान की एक मिसाल पेश कर रहे हैं। इस शख्स ने ब्लड डोनेट करते हुए 60 दिनों में सात हजार रक्त वीरों की ऐसी सेना बना डाली जो देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी जरूरतमंदों को रक्त डोनेट कर रहे हैं. सोशल मीडिया को सूचना के आदान-प्रदान का जरिया बनाकर अब तक सैकड़ों जान बचाई जा चुकी है सिर्फ एक व्हाट्सएप मैसेज से खाड़ी देशों तक जरूरतमंद को रक्त डोनेट किया जा रहा है फेसबुक व्हाट्सएप और मोबाइल पर रक्त की डिमांड आते ही ये रक्त वीर रक्तदान के लिए मौके पर पहुंच जाते हैं।

ए पॉजिटिव ग्रुप के अमजद ने इसकी शुरुआत एक अनजान व्यक्ति को अपना एक यूनिट ब्लड देकर की लेकिन जब उस मरीज को दो यूनिट ब्लड की आवश्यकता हुई तो अमजद ने फेसबुक पर ए पॉजिटिव ग्रुप की आवश्यकता की एक पोस्ट डाली जिसके तुरंत बाद कुछ ही देर में 257 लोगों ने रक्त दान करने की पेशकश कर डाली पॉजिटि और अच्छा रिस्पांस देख अमजद ने निशुल्क रक्तदान के लिए चूरु हेल्पलाइन के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना डाला उस व्हाट्सएप ग्रुप में 250 मेंबर होने पर एक और ग्रुप बनाया गया फिर अमजद ने चूरु हेल्पलाइन नाम से फेसबुक पेज भी बनाया जिसमें महज 60 दिनों में सात हजार युवा जुड़ गए अब यह युवा रक्तदान के लिए हर पल एक फोन कॉल या एक व्हाट्सएप मैसेज देख कर जरूरतमंद को रक्त देने के लिए दौड़ पड़ते हैं।


Conclusion:शहर के इन रक्त वीरों का जुनून काबिले तारीफ है चूरू के अलावा बीकानेर, सीकर या जयपुर के अस्पताल में भी रक्त की जरूरत का संदेश मिलता है तो उस शहर में ग्रुप से जुड़ा वह सदस्य खुद के ही खर्च से मौके पर पहुंचता है और रक्तदान करता है

बाईट_ इदरीश खान जरूरतमंद

बाईट_ शुभम मोटेका,रक्तविर

बाईट_अमजद तुगलक, ग्रुप एडमिन

बाईट_ डॉ रवि अग्रवाल, ब्लड बैंक प्रभारी राजकीय अस्पताल
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