चित्तौड़गढ़. शारदीय नवरात्र पर्व हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. देवी शक्ति की उपासना का यह पर्व 17 अक्तूबर से शुरू हो रहा है. ऐसे में इस बार कोरोना को देखते हुए नवरात्र धूमधाम से नहीं मनाया जाएगा. सभी लोगों को कोरोना गाइडलाइंस की पालना करनी होगी. नवरात्र महोत्सव के एक दिन पूर्व देवी की प्रतिमाओं ने जोर पकड़ा है. इस वर्ष छोटी प्रतिमाओं की बिक्री ज्यादा हो रही है. गरबा पंडाल की अनुमति नहीं होने से बड़ी प्रतिमाओं की मांग नहीं है.
जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह से लॉकडाउन लगा हुआ है. लॉकडाउन खुल तो गए, लेकिन कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में सरकार ने सबसे अधिक सावधानी बरतने की हिदायत दी है. इस वर्ष एक के बाद एक त्यौहार फीके पड़ते जा रहे है. शनिवार से शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ होने को है, लेकिन कोरोना का साया हर जगह देखने को मिल रहा है. मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुले रहेंगे, लेकिन सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन की पालना करने के सख्त निर्देश दिए गए है.
चित्तौड़गढ़ जिले में विश्व विख्यात दुर्ग पर कालिका माता मंदिर, भदेसर उपखंण्ड में आसावरामाताजी मंदिर, राशमी में मरमी माताजी, बेगूं में जोगणिया माताजी, चित्तौड़गढ़ शहर से 10 किलोमीटर दूर झांतलामाताजी के रूप में बड़े शक्ति पीठ हैं. जहां हर वर्ष नवरात्र के अलावा सामान्य दिनों में ही भारी भीड़ रहती है.
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जिला प्रशासन के निर्देश पर इस बार नवरात्रा में जोगणियामाता और आसावरामाताजी के पूरी तरह से दर्शन बंद रहेंगे. वहीं जोगणियां माताजी में दर्शन और अन्य विविध धार्मिक कार्यक्रमों की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. भक्त अपने घर बैठे ही ऑनलाइन लाइव दर्शन कर पाएंगे. जोगणियामाता में विविध धार्मिक अनुष्ठान प्रतिवर्ष के अनुसार ही होंगे.