चित्तौड़गढ़. कोतवाली थाना क्षेत्र के चामटीखेड़ा इलाके में गत दिनों एक फर्नीचर गोदाम में लगी आग के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. इसमें एक नाबालिग को डिटेन किया है. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि नाबालिग अपने भाई के साथ चित्तौड़गढ़ आया था, जो इस फर्नीचर गोदाम में काम करता था. नाबालिग ने भाई से अपने घर चलने के लिए कहा था, लेकिन उसने इनकार कर दिया था. भाई को छुट्टी मिल सके, इसे देखते हुए नाबालिग ने केरोसिन छिड़क कर गोदाम में आग लगा दी थी, जिसमें व्यवसाई को कई लाख का नुकसान हुआ था.
कोतवाली थानाधिकारी तुलसीराम ने बताया कि शहर के गांधीनगर निवासी मोहम्मद रसीद पुत्र मोहम्मद रफी ने 27 जनवरी को पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया. इसमें बताया कि उनका राजस्थान स्टील इंडस्ट्रीज के नाम से उद्योग है. गत 27 दिसंबर को सुबह साढे आठ बजे गोदाम से धुंआ उठता दिखाई दिया. इस पर प्रार्थी और प्रार्थी के परिजनों ने आग को बुझाया.
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इसी प्रकार प्रार्थी के भतीजे मोहम्मद अजहर का चामटीखेड़ा में स्थित फर्नीचर गोदाम है. यहां पर गत 13 जनवरी को किसी ने इसी प्रकार से आग लगा दी, जिससे लाखों का नुकसान हुआ था. इस पर पुलिस ने मामला दर्जकर मामले की जांच शुरू की. गोदाम के आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. इसमें सामने आया कि प्रार्थी रसीद के कारखाने में काम करने वाले मजदूर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में अलावलपुर निवासी इब्राहिम के साथ आए, उसके नाबालिग भाई की, इसमें संलिप्तता पाई गई. इस पर पुलिस ने नाबालिग को डिटेन कर पूछताछ की.
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इसमें सामने आया कि यह नाबालिग अपने भाई के साथ चित्तौड़गढ़ घूमने आया था. उसे यहां आए काफी दिन हो गए थे और मन भी नहीं लग रहा था. नाबालिग घर जाना चाह रहा था. घर चलने की बात बड़े भाई को बताई, लेकिन उसने मना कर दिया था. वह साथ नहीं चल रहा था. इस पर नाबालिग ने ही दोनों स्थानों पर आग लगाई, जिससे यहां काम बंद हो जाए और वह घर जा सके. इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने पूछताछ के बाद विधि से संघर्षरत बालक को डिटेन कर बाल न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे बाल संप्रेक्षण गृह भिजवाया गया है. गौरतलब है कि गत दिनों फर्नीचर गोदाम में लगी आग से 30 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ था.