चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एनएसयूआई ने राज्य सरकार से कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रमोट करने की मांग की है. पहले तो एनएसयूआई ने ज्ञापन सौंपा था. लेकिन, अब अपनी मांग को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ता अड़ गए हैं. एनएसयूआई ने शनिवार से चित्तौड़गढ़ के महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.
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एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह चुंडावत के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ता विद्यार्थियों की विभिन्न मांगों को लेकर जिले के सबसे बड़े कॉलेज में अनिश्चितकालीन धरना कर रहे हैं. धरने की शुरूआत युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि मांगें पूरी नहीं होने तक ये धरना जारी रहेगा.
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बता दें कि एनएसयूआई की मांग है कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को पिछली कक्षा में आए अंको में 10 प्रतिशत वृद्धि कर प्रमोट किया जाए और वर्तमान सत्र की फीस माफ की जाए. इसके अलावा एनएसयूआई छात्रावास और कमरों का किराया माफ करवाने जैसी कई और मांगें भी कर रही है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह राठौड़ ने बताया कि जल्द ही उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो उग्र प्रदर्शन करेंगे.
इस दौरान धरने को समर्थन देने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विक्रम जाट, पूर्व एनएसयूआई जिलाध्यक्ष महेश गाडरी और धर्मेश भारती भी पहुंचे. छात्र नेता राजेश वैष्णव ने बताया कि लक्ष्मीनारायण कुमावत, एनएसयूआई जिला महासचिव यश प्रताप सिंह झाला, छात्र नेत्री रेणु देवड़ा, एनएसयूआई जिला महासचिव सन्नी राईवाल और पवन धाकड़ सहित कई छात्र धरने पर बैठे हैं.