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मैसूर जेल में तीन कैदियों की मौत, बेकरी यूनिट में थे तैनात, केक एसेंस का किया था सेवन - MYSURU JAIL

मैसूर सेंट्रल जेल में तीन कैदियों की कथित तौर पर एसेंस पीने से मौत हो गई. तीनों कैदी जेल की बेकरी यूनिट में तैनात थे.

Three prisoners from Mysuru jail died
मैसूर जेल में तीन कैदियों की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 11 hours ago

बेंगलुरु: कर्नाटक की मैसूर सेंट्रल जेल में तीन कैदियों की कथित तौर पर एसेंस पीने से मौत हो गई. इस एसेंस का इस्तेमाल जेल में केक बनाने के लिए किया जाना था. अधिकारियों ने दावा किया कि एसेंस जेल की बेकरी में रखा गया था और वहां कार्यरत तीन कैदियों ने नशे के लिए इसे पी लिया. तीनों कैदी मैसूर सेंट्रल जेल की बेकरी यूनिट में तैनात थे और कथित तौर पर 24 दिसंबर को उन्होंने केक बनाने में इस्तेमाल होने वाले एसेंस का सेवन किया था.

मैसूर के केआर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश ने कहा, "जब हमने मैसूर सेंट्रल जेल के तीन कैदियों की मौत के मामले की जांच की तो मौत के कारण की पुष्टि नहीं हुई. इसलिए, सैंपल फॉरेंसिक लैब को भेजा गया है."

बुधवार को मैसूरु सेंट्रल जेल के तीन कैदियों की इलाज के बिना मौत की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "पेट दर्द के कारण तीन कैदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रमेश को 26 दिसंबर को, मदेश को 29 दिसंबर को और नागराजू को 30 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जब वे हमारे पास आए, तो वे गंभीर उल्टी और मतली से पीड़ित थे. इसलिए, उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराया कि यह फूड पॉइजनिंग हो सकती है. इसके मुताबिक हमने उपचार शुरू किया और कुछ टेस्ट किए. इस बीच गुर्दे से संबंधित एक अंतर पाया गया. "

डॉ. दिनेश ने बताया, "इस तरह हमने डायलिसिस शुरू कर दिया, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, रमेश नाम के कैदी को सुनने में दिक्कत होने लगी. उसी समय, दो अन्य को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसलिए हमें संदेह हुआ और हमने उनसे पूछा कि क्या हुआ. तब उन्होंने बताया कि उन्होंने 24 दिसंबर को क्रिसमस के लिए केक बनाने में इस्तेमाल होने वाले एसेंस का सेवन किया था. तीनों कैदियों की हालत गंभीर हो रही थी. इसके कारण आर्टिफिशियल रेस्पिरेशन की व्यवस्था की गई. इसलिए वे हमसे बात नहीं कर सके."

बाकी कैदियों की सेहत ठीक थी
डॉ दिनेश ने बताया, "यह पता लगाना मुश्किल था कि एसेंस का कितना सेवन किया गया था, या उन्होंने कोई और नशा किया था या नहीं. जब इस मामले की सूचना जेल के मेडिकल अफसरों और पुलिस को दी गई तो उन्होंने बताया कि जेल के बाकी कैदियों में ऐसे कोई लक्षण नहीं मिले हैं. एसेंस का इस्तेमाल सभी तरह के बेकरी स्नैक्स में किया जाता है. हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने कितनी मात्रा में इसका सेवन किया था."

उन्होंने कहा कि 6, 7 और 8 जनवरी को एक-एक कैदी की इलाज के बिना ही मौत हो गई. मदेशा पिछले कुछ सालों से अलग-अलग बेकरी में काम कर रहा था और उसे केक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के बारे में पता था.

फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए नमूने
डॉ दिनेश कहा कि जैसे-जैसे दिन बीतते गए तीनों मरीजों पर इलाज का असर नहीं हो रहा था, दिन-ब-दिन उनकी नसें कमजोर हो रही थीं. किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया. हमने सभी मेडिकल कॉलेजों और विशेषज्ञों से भी संपर्क किया और जानकारी ली कि एसेंस के सेवन से किडनी फेल होने की संभावना है या नहीं. आमतौर पर हम डायलिसिस और एंटीबायोटिक देते थे, लेकिन इलाज का कोई असर नहीं हुआ और तीनों कैदियों की मौत हो गई.

उन्होंने कहा कि जब हमने जांच की तो मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. इसलिए हमने नमूनों को जांच के लिए फॉरेंसिल लैब भेजा. इसलिए सही कारण पता होना जरूरी है. फिलहाल मैसूर शहर के मंडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

क्रिसमस पर केक बनाने के लिए आया था एसेंस
इस संबंध में मैसूरु सेंट्रल जेल के मुख्य अधीक्षक पीएन रमेश ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि मरने वाले तीनों कैदियों ने क्रिसमस के त्योहार के दौरान केक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एसेंस का सेवन किया था.
उन्होंने इस बात को गुप्त रखा था. मामला तब प्रकाश में आया जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुईं. तब तक उनकी जान खतरे में थी. अगर जेल के चिकित्सा अधिकारियों और जेल अधिकारियों को पहले ही जानकारी दे दी गई होती, तो उनकी जान बच सकती थी.

यह भी पढ़ें- '...खत्म कर दो इंडिया ब्लॉक', उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में AAP-कांग्रेस विवाद की आलोचना की

बेंगलुरु: कर्नाटक की मैसूर सेंट्रल जेल में तीन कैदियों की कथित तौर पर एसेंस पीने से मौत हो गई. इस एसेंस का इस्तेमाल जेल में केक बनाने के लिए किया जाना था. अधिकारियों ने दावा किया कि एसेंस जेल की बेकरी में रखा गया था और वहां कार्यरत तीन कैदियों ने नशे के लिए इसे पी लिया. तीनों कैदी मैसूर सेंट्रल जेल की बेकरी यूनिट में तैनात थे और कथित तौर पर 24 दिसंबर को उन्होंने केक बनाने में इस्तेमाल होने वाले एसेंस का सेवन किया था.

मैसूर के केआर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश ने कहा, "जब हमने मैसूर सेंट्रल जेल के तीन कैदियों की मौत के मामले की जांच की तो मौत के कारण की पुष्टि नहीं हुई. इसलिए, सैंपल फॉरेंसिक लैब को भेजा गया है."

बुधवार को मैसूरु सेंट्रल जेल के तीन कैदियों की इलाज के बिना मौत की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "पेट दर्द के कारण तीन कैदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रमेश को 26 दिसंबर को, मदेश को 29 दिसंबर को और नागराजू को 30 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जब वे हमारे पास आए, तो वे गंभीर उल्टी और मतली से पीड़ित थे. इसलिए, उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराया कि यह फूड पॉइजनिंग हो सकती है. इसके मुताबिक हमने उपचार शुरू किया और कुछ टेस्ट किए. इस बीच गुर्दे से संबंधित एक अंतर पाया गया. "

डॉ. दिनेश ने बताया, "इस तरह हमने डायलिसिस शुरू कर दिया, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, रमेश नाम के कैदी को सुनने में दिक्कत होने लगी. उसी समय, दो अन्य को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसलिए हमें संदेह हुआ और हमने उनसे पूछा कि क्या हुआ. तब उन्होंने बताया कि उन्होंने 24 दिसंबर को क्रिसमस के लिए केक बनाने में इस्तेमाल होने वाले एसेंस का सेवन किया था. तीनों कैदियों की हालत गंभीर हो रही थी. इसके कारण आर्टिफिशियल रेस्पिरेशन की व्यवस्था की गई. इसलिए वे हमसे बात नहीं कर सके."

बाकी कैदियों की सेहत ठीक थी
डॉ दिनेश ने बताया, "यह पता लगाना मुश्किल था कि एसेंस का कितना सेवन किया गया था, या उन्होंने कोई और नशा किया था या नहीं. जब इस मामले की सूचना जेल के मेडिकल अफसरों और पुलिस को दी गई तो उन्होंने बताया कि जेल के बाकी कैदियों में ऐसे कोई लक्षण नहीं मिले हैं. एसेंस का इस्तेमाल सभी तरह के बेकरी स्नैक्स में किया जाता है. हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने कितनी मात्रा में इसका सेवन किया था."

उन्होंने कहा कि 6, 7 और 8 जनवरी को एक-एक कैदी की इलाज के बिना ही मौत हो गई. मदेशा पिछले कुछ सालों से अलग-अलग बेकरी में काम कर रहा था और उसे केक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के बारे में पता था.

फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए नमूने
डॉ दिनेश कहा कि जैसे-जैसे दिन बीतते गए तीनों मरीजों पर इलाज का असर नहीं हो रहा था, दिन-ब-दिन उनकी नसें कमजोर हो रही थीं. किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया. हमने सभी मेडिकल कॉलेजों और विशेषज्ञों से भी संपर्क किया और जानकारी ली कि एसेंस के सेवन से किडनी फेल होने की संभावना है या नहीं. आमतौर पर हम डायलिसिस और एंटीबायोटिक देते थे, लेकिन इलाज का कोई असर नहीं हुआ और तीनों कैदियों की मौत हो गई.

उन्होंने कहा कि जब हमने जांच की तो मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. इसलिए हमने नमूनों को जांच के लिए फॉरेंसिल लैब भेजा. इसलिए सही कारण पता होना जरूरी है. फिलहाल मैसूर शहर के मंडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

क्रिसमस पर केक बनाने के लिए आया था एसेंस
इस संबंध में मैसूरु सेंट्रल जेल के मुख्य अधीक्षक पीएन रमेश ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि मरने वाले तीनों कैदियों ने क्रिसमस के त्योहार के दौरान केक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एसेंस का सेवन किया था.
उन्होंने इस बात को गुप्त रखा था. मामला तब प्रकाश में आया जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुईं. तब तक उनकी जान खतरे में थी. अगर जेल के चिकित्सा अधिकारियों और जेल अधिकारियों को पहले ही जानकारी दे दी गई होती, तो उनकी जान बच सकती थी.

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