चित्तौड़गढ़. लालच बुरी बला है. लेकिन कई लोग ये बला भी अपने सिर ले लेते हैं. 23 अक्टूबर को कपासन के खेड़ा गांव के लाला राम की मौत अत्यधिक शराब के सेवन की वजह से हो गई थी. उसे खेत में ही खून की उल्टी हुई और उसने दम तोड़ दिया. 26 नवंबर को मृतक के भाई सुंदर ने इस मौत को हत्या करार देकर न्यायालय में इस्तगासे के जरिए कैलाश और उसके परिवार को आरोपी बना दिया.
कीर खेड़ा निवासी कैलाश लोधा से सुंदर और लाला का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. ऐसे में सुंदर कैलाश को पुलिस मामले में उलझाकर दबाव बनाना चाहता था. इस्तगासे में सुंदर ने लिखित बयान दिया था कि 23 अक्टूबर को उसका भाई लाला खेत पर गया था, जहां वह मृत मिला. उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए और मुंह से खून बह रहा था. उसने इस्तगासे में हत्या का शक गांव के ही कैलाश, उसके भाई मदन, पत्नी श्यामू और बेटे बेटी पर लगाते हुए कार्रवाई की मांग की.
मामले में कपासन थाना पुलिस ने जांच की. लगभग 1 महीने की जांच में ही हकीकत की कड़ियां खुलती चली गईं. पुलिस ने हत्या की बात को मनगढन्त बताया. जांच में सामने आया कि दोनों लाला और कैलाश के परिवारों के बीच लंबे अरसे से जमीन का विवाद चल रहा है. जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए दबाव बनाने के लिए सुंदर ने भाई की मौत को हत्या का रंग देने की कोशिश की थी. ताकि हत्या के मामले में कैलाश और उसका पूरा परिवार उलझ जाए.
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थाना प्रभारी के मुताबिक इस मामले में गांव के खास लोगों से पूछताछ की गई. सीएलजी सदस्यों से भी गोपनीय जानकारी जुटाई गई. जिसमें यह बात सामने आई कि लाला और सुंदर घटना के दिन साथ थे. लाला राम शराब पीने का आदी था. उसने ज्याादा शराब पी रखी थी. उसी दिन उसे अचानक खून की उल्टियां हुई थी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया था.
पुलिस पूछताछ में सुंदर और उसके परिवार ने ही यह जिक्र कर दिया कि कैलाश के परिवार से उनका लंबे समय से जमीन विवाद चल रहा है.