चित्तौड़गढ़. विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग की तलहटी में स्थित जंगल में मंगलवार दोपहर अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई. आग की सूचना के बाद कई क्षेत्रवासी मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर आग पर काबू करने का प्रयास किया. बाद में नगर परिषद की दमकल बुलवा कर करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. आग से वनस्पति को तो नुकसान पहुंचा ही है, कई वन्य जीव भी इसकी चपेट में आए, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़ दुर्ग की तलहटी में गांधीनगर क्षेत्र के किनारे यूआईटी की ओर से हर्बल गार्डन के रूप में निर्मल स्मृति वन बनाया हुआ है, जो कि अभी निर्माणाधीन है.
यहां दुर्ग का घना जंगल है, जिसमें मंगलवार दोपहर अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई. घना वन एवं झाड़ियां होने के कारण आग तेजी से फैली. हवा के चलते आग थोड़ी देर में काफी लंबे क्षेत्र में फैल गई थी. धुआं उठता देख क्षेत्रवासी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास किया. पहले मिट्टी डाल कर और पेड़ों की टहनियों से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. इस पर गांधीनगर निवासी धर्मेश भारती ने नगर परिषद को इसकी सूचना दी. इस पर नगर परिषद से एक के बाद एक कर तीन दमकल मौके पर पहुंची, जिन्होंने करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद पूरे क्षेत्र में फैली आग पर काबू पाया.
यह भी पढ़ें- उपचुनाव की जंग के बीच भाजपा जारी करेगी गहलोत सरकार के खिलाफ 'ब्लैक पेपर'
वहीं आग की सूचना पर नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी भी मौजूद रहे. उन्होंने आशंका जताई है कि इस क्षेत्र में अज्ञात व्यक्ति ने बीड़ी या सिगरेट पीकर फेंक दिया हो, इससे आग लगी हो, लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिया, जिससे कि थोड़े हिस्सा ही आग की चपेट में आया है. वहीं आग की सूचना पर कोतवाली थाने की गांधीनगर चौकी के एएसआई बरकत हुसैन भी मौके पर पहुंचे. गौरतलब है कि दुर्ग की तलहटी में स्थित इस वन क्षेत्र में पहले भी कई बार आग लग चुकी है. लोग लापरवाही बरतते हैं तथा बीड़ी या सिगरेट पीने के दौरान माचिस अथवा बीड़ी या सिगरेट के टुकड़े भी झाड़ियों में डाल देते हैं, जिससे आग लग जाती है. जानकारी में सामने आया है कि चित्तौड़ दुर्ग की तलहटी में स्थित इस घने जंगल में कई बार पैंथर तक देखे गए हैं. वहीं कई बार छोटे वन्य जीव भी रहते हैं, जिन्हें इस आग से नुकसान उठाना पड़ा है.