चित्तौड़गढ़. जिले के भैंसरोड गढ़ पुलिस थाने में सोमवार तड़के गोली लगने से एक सिपाही की मौत के मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने एक बड़ा एक्शन लिया. एसपी ने थाना प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है. मृतक कॉन्स्टेबल चेतराम गुर्जर के परिजनों ने दोनों पर उसे (चेतराम) प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए थे. उनका आरोप है कि कांस्टेबल चेतराम को लगातार नाइट ड्यूटी देकर प्रताड़ित किया जा रहा था. अपनी इस मांग को लेकर परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया. लगातार 12 घंटे तक शव मॉर्चरी में रहने के बाद पुलिस अधीक्षक ने आरोपों की जांच होने तक थाना प्रभारी मोहर सिंह और हेड कांस्टेबल जगदीश को थाने से हटाते हुए लाइन हाजिर करने के आदेश जारी किए.
इसके बाद ही परिजन पोस्टमार्टम कराने पर सहमत हुए और शव को लेकर पैतृक गांव गंगापुर सिटी, करौली रवाना हो गए. गौर है कि कांस्टेबल चेतराम रात्रि को पहरे पर था. वह सुबह 4:15 बजे तक ऑनलाइन था लेकिन उसके बाद अचानक वायरलेस रूम में गोली चलने की आवाज आई. पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे जहां कांस्टेबल चेतराम खून से लथपथ हालत में गिरा पड़ा था. उसे तत्काल स्थानीय चिकित्सालय ले गए जहां डॉक्टरों ने परीक्षण उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया. जिला पुलिस अधीक्षक दुष्यंत के अनुसार उसकी मौत के कारणों की जांच की जा रही है. उसने आत्महत्या की या फिर किसी हादसे का शिकार हुआ, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. सीसीटीवी कैमरा से भी कोई ज्यादा क्लू नहीं मिला है. वायरलेस रूम में जाने और फिर उसके बाहर आने के बाद गिर पड़ने के फुटेज सामने आए हैं. गोली कैसे चली इसका पता नहीं चल पाया है.
गोली चलने के 40 मिनट बाद पहुंचे पुलिसकर्मी : पता चला है कि गोली चलने के बाद करीब 40 मिनट तक वहां कोई भी नहीं पहुंचा. पुलिस थाना मुख्य मार्ग पर है, ऐसे में किसी वाहन का टायर फटना मानकर कोई भी पुलिसकर्मी बाहर नहीं निकला. करीब आधे घंटे बाद वहां से गुजर रहे एक राहगीर ने वायरलेस रूम के बाहर पुलिसकर्मी को गिरा देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. यह सुनकर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए. मौके पर पहुंचे जहां कॉन्स्टेबल चेतराम खून से लथपथ पड़ा था. उसके बाद ही पुलिस हरकत में आई और उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना देकर उसे अस्पताल ले गए.
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मोबाइल में छुपा राज : पुलिस के अनुसार सुबह 4:15 बजे तक चेतराम मोबाइल पर ऑनलाइन था. वह किस के साथ चैटिंग कर रहा था. इसका पता नहीं चल पाया क्योंकि मोबाइल पर पैटर्न लॉक है. रात में उसने किस-किस से बातचीत की और क्या चैटिंग की थी, मोबाइल का लॉक खुलने के बाद ही इसका पता चल पाएगा. पुलिस अधीक्षक के अनुसार पैटर्न लॉक को खोलने के लिए मोबाइल को जयपुर भेजा गया है. पेटर्न लॉक खोलने के बाद उसकी मौत के कारणों के कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है.