चित्तौड़गढ़. नवजात बच्चों की हॉस्पिटल में किस प्रकार केयर करनी है, उपचार किस प्रकार किया जा सकता है. इस मामले में चित्तौड़गढ़ के जिला चिकित्सालय की स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट एक उदाहरण के रूप में सामने आ रही है, जो प्रदेश की रैंकिंग में एक बार फिर टॉप पर आई है.
पढ़ें: कलक्टरों और अधिकारियों को चांदी के सिक्के बांटने पर गरमाई सियासत, भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरा
सरकार द्वारा जारी की गई रैंकिंग रिपोर्ट में अक्टूबर में भी एसएनसीयू राजस्थान के नक्शे पर अव्वल दर्जा हासिल करने में कामयाब रही. हालांकि पिछले कुछ सालों से चित्तौड़गढ़ एसएनसीयू अमूमन टॉप पर ही चली आ रही है. चिकित्सा सूत्रों के अनुसार यह रैंकिंग 3 कैटेगरी मैं तैयार की जाती है. 36 पुरानी और 56 नई एसएनसीयू के अलावा मेडिकल कॉलेज की रैंकिंग अलग निकाली जाती है.
पढ़ें: संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी को नोटिस
प्रदेश के जिला चिकित्सालय स्थित एसएनसीयू की रैंकिंग में चित्तौड़गढ़ अक्टूबर में भी अव्वल रहा. रैंकिंग का आधार 14 पैरामीटर्स माने गए हैं. इनमें सर्वाइवल अर्थात स्वस्थ्य होकर घर लौटने वाले नवजात, एक्सपायरी, रेफरल, एडमिशन और लामा रेट शामिल है. महिला एवं बाल चिकित्सालय के प्रभारी डॉक्टर जय सिंह मीणा के अनुसार हम पिछले लंबे समय से रैंकिंग टॉप कर रहे हैं, जो 14 पैरामीटर्स हैं, उन सब पर खरे उतर रहे हैं. यूनिट की सर्वाइवल रेट 90 फीसदी से अधिक है, वहीं डेथ रेट 3 से लेकर 5 फीसदी के बीच है, जो कि प्रदेश में सबसे कम है. उसी का नतीजा है कि आज हम रैंकिंग में लगातार टॉप पर बने हैं.