चित्तौड़गढ़. प्रदेश की 4 विधानसभा सीटों के उपचुनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर ईटीवी भारत ने सांसद सीपी जोशी से विशेष बातचीत की. मुख्यमंत्री के बार-बार प्रदेश के सांसदों की केंद्र सरकार के समक्ष चुप्पी के सवाल पर सांसद जोशी ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के 7 साल और राज्य सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल पर सरकार तो दूर उन्हीं से बहस कर ले. यदि विकास के मामले में कमतर निकले तो वे त्यागपत्र देकर फिर से जनता के बीच जाने को तैयार हैं.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जोशी ने 4 विधानसभाओं के उपचुनाव के सवाल पर कहा कि चारो ही सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी. पूरा माहौल और वातावरण भाजपा के पक्ष में है और किसान आंदोलन के बीच प्रदेश में पंचायत राज के चुनाव में पार्टी बड़ी संख्या में जिला प्रमुख और प्रधान बनाने में कामयाब रही.
उपचुनाव जीतने के आधार के सवाल पर जोशी ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव के दौरान जनता से जो भी वादे किए थे, चाहे गरीब के घर की बात हो या फिर आयुष्मान भारत के जरिए बीमा अथवा बिजली और सड़क पहुंचाने का मसला. SC-ST के मसलों पर भी कांग्रेस के पास कुछ नहीं हो रहा. अटल बिहारी वाजपेई सरकार के दौरान संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान निर्माता अंबेडकर की तस्वीर तक लगवा दी, जबकि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने उन्हें संसद में जाने के लिए चुनावी टिकट तक नहीं दिया था.
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मुख्यमंत्री के प्रस्तावित मातृकुंडिया दौरे पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किस मुंह से किसान हित की बात कर रहे हैं? सबसे पहले सरकार को किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता तथा 5 साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ाने के वायदे को पूरा करना चाहिए. कृषि कानूनों के सवाल पर सांसद जोशी ने कहा कि कांग्रेस अपना जमीनी धरातल खो चुकी है और इन कानूनों की आड़ में फिर से अपनी जमीन हासिल करना चाहती है, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाएगी. क्योंकि किसान आंदोलन के बीच पंचायत राज चुनाव के दौरान प्रदेश के 21 में से 14 जिलों में भारतीय जनता पार्टी अपने जिला प्रमुख बनाने में कामयाब हुई है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार में सत्ता संघर्ष चल रहा है. जिस सचिन पायलट के चेहरे को आगे लाकर चुनाव लड़ा गया था, उन्हें दरकिनार कर मुख्यमंत्री गहलोत अपने वंश को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं. कभी अपने बेटे को लोकसभा का चुनाव लड़ाते हैं, तो कभी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन का चुनाव. खुद कांग्रेस के विधायकों का मुख्यमंत्री विश्वास खो चुके हैं. मुख्यमंत्री और पार्टी विधायकों के बीच की दूरियों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब खुद विधायक कहने लगे हैं कि वे किन किन मुद्दों पर चुनाव लड़े थे और उनकी क्या प्राथमिकताएं थी? भूल चुके हैं.
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क्रूड ऑयल के दाम लगातार गिरने के बावजूद पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के मसले पर उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. देश के किसी भी राज्य के टैक्स फॉर्मेट को उठाकर देख लीजिए, राजस्थान में सबसे ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है. हालत यह है कि सीमा पर स्थित अधिकांश पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं, क्योंकि जो भी वाहन राजस्थान में प्रवेश करता है, पेट्रोल डीजल की टंकी वहीं से फूल करवा कर आता है.
सांसद जोशी ने कहा कि सरकार की इस टैक्सेशन नीति के कारण प्रदेश को दोहरा नुकसान हो रहा है, एक ओर जहां राजस्व घट रहा है, वहीं प्रदेश के लोग भी पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों से परेशान है.