चित्तौड़गढ़. जिले में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण ने जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. इसे लेकर जिला कलेक्टर केके शर्मा ने रविवार को अवकाश के बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाते हुए अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की. साथ ही कलेक्टर ने चैन को तोड़ने के लिए आइसोलेशन पर जोर दिया. वहीं सरकारी गाइडलाइन की पालना के लिए सख्ती बरतने के निर्देश भी दिए.
बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों से एक-एक कर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी और आगे उठाए जाने वाले कदमों के बारे में निर्देश दिए. कलेक्टर ने जिले के साथ-साथ शहर में तेजी से बढ़ते संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति पॉजिटिव निकले उसे आइसोलेशन के लिए पाबंद किया जाए. अधिकारी संबंधित व्यक्तियों के अपने घर पर अलग रहने की अर्थात आइसोलेशन रूम की व्यवस्था है या नहीं, मौके पर जाकर इसका पता लगाएं. उसकी पारिवारिक स्थिति की वास्तविकता को देखते हुए जरूरत पड़ने पर कोविड-19 हॉस्पिटल में आइसोलेटेड करने की व्यवस्था भी करें.
इस दौरान कुछ अधिकारियों ने इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन को लेकर लोगों की आपत्ती उठाए जाने की बात पर जिला कलेक्टर ने संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सख्ती बरतने के भी निर्देश दिए. शादियों का सीजन चल रहा है ऐसे में नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता को सामुदायिक भवनों में कोरोना गाइडलाइन की पालना के लिए ठेकेदारों को पाबंद करने को कहा गया.
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कलेक्टर ने गत दिनों अपने शहर भ्रमण का उदाहरण देते हुए कहा कि हालांकि उस समय अधिकांश लोग मास्क में दिखाई दिए लेकिन हमें लगता है कि निरीक्षण का पता चलने के बाद की लोगों द्वारा मास्क लगाए गए जो की चिंता की बात है. मास्क लोगों की आदत में लाने के लिए हमें निरंतर बाजार की मॉनिटरिंग करनी होगी. जरूरत पड़ने पर जुर्माने भी लगाए जाएंगे.
आपको बता दें कि शहर में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. होली के बाद संक्रमण की रफ्तार कई गुना तेज हो गई. पिछले 3 दिन का रिकॉर्ड देखे तो 28 मार्च के बाद 2 दिनों को छोड़कर रोगियों की संख्या कई गुना बढ़ गई. 1 अप्रैल को 91, 2 अप्रैल को 65 और 3 अप्रैल को 64 रोगी सामने आए. इस प्रकार पिछले 3 दिन से रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.