चितौड़गढ़. देश में एक ओर जहां सरकार रूढ़िवादिता और गलत परंपराओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है. वहीं अब भी खाप पंचायतें इन रूढ़ीवादी परंपराओं को बढ़ावा देने की कवायद करती प्रतीत हो रही है. शंभूपूरा थाना क्षेत्र के मायरा गांव में खाप पंचायत के तुगलकी फरमान के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है.
डांगी समाज के एक व्यक्ति को बाल विवाह और मृत्यु भोज का विरोध करना इतना भारी पड़ा की, समाज की खाप पंचायत में पंचों ने उसके परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया. दरअसल, सतखंड़ा निवासी शिवलाल डांगी लंबे समय से समाज में मृत्यु भोज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों का विरोध कर रहा था. आए दिन समाज की बैठकों में उसके विरोध करने से क्रोधित खाप पंचायत के पंचों ने 30 सितंबर को बैठक आयोजित कर उसका और उसके परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया. इससे परेशान होकर शिवलाल पुत्र दल्ला डांगी ने शंभूपुरा थाने में रिपोर्ट पेश की थी. इसमें उसने बताया कि गांव के और आसपास के 21 लोग हैं, जो स्वयंभू पंच बनकर इस प्रकार के तुगलकी फरमान सुनाते हैं.
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प्रार्थी के विरोध करने पर 1 लाख, 11 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना नहीं जमा कराने पर जातिगत बहिष्कार का आदेश सुना दिया. प्रार्थी ने रिपोर्ट में बताया कि पंचों ने यह फरमान भी सुनाया है कि कोई उससे व्यवहार रखता है तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी. 30 सितंबर के बाद एक बार दोबारा 15 अक्टूबर को पंचायत बैठी थी. वहीं प्रार्थी ने 3 अक्टूबर को शंभूपूरा थाने में रिपोर्ट दे दी थी. लेकिन पुलिस ने 13 दिन तक कोई मामला दर्ज नहीं किया था.
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वहीं मामले की जानकारी विधिक सेवा प्राधिकरण को मिली. इसके बाद शंभूपुरा थाना पुलिस ने 16 अक्टूबर को मामला दर्ज किया. पुलिस ने मामले में रिपोर्ट के आधार पर धारा-384 और 500 आईपीसी के तहत 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्जकर नामजद लोगों के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है. लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. शंभूपूरा थानाधिकारी कैलाश चंद्र सोनी ने बताया कि 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. मामले में अनुसंधान किया जा रहा है. गौरतलब है कि 15 अक्टूबर को हुई खाप पंचायत के दौरान पुलिस भी पहुंच गई थी. इस पर वहां मौजूद लोग दरी समेट कर भाग गए थे.