चित्तौड़गढ़. जिले के एक और सपूत ने मां भारती की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. चित्तौड़गढ़ के नगरी ग्राम पंचायत का लाल राधेश्याम गुर्जर मणिपुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया. 38 वर्षीय राधेश्याम गुर्जर बीएसएफ में सेवाएं दे रहे थे. जवान की शहादत की खबर पहुंचते ही पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया.
राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि : उनकी पार्थिव देह गांव में पहुंचते ही लोगों ने राधेश्याम अमर रहे के नारे लगाए. तिरंगे में लिपटा देख कर शहीद के परिजन बेसुध हो गए और वहां पर मौजूद हर ग्रामवासी की आंखें छलक पड़ी. शहीद जवान को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई. नगरी ग्राम पंचायत के सरपंच देवकिशन ने बताया कि ग्राम पंचायत के गुर्जर खेड़ा निवासी राधेश्याम गुर्जर मणिपुर में सेवाएं दे रहे थे. 2 जनवरी को उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान वो शहीद हो गए.
नम आंखों से दी विदाई : परिजनों ने रीति रिवाज के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी. सेना के साथ जिला पुलिस की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. उनके बेटे ने राधेश्याम को मुखाग्नि दी. जवान की अंतिम यात्रा में तहसीलदार सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए. चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने भी राधेश्याम की शहादत को सलाम किया. उदयपुर से पैतृक गांव लाते समय भी कई जगह लोगों ने शहीद जवान की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की. सरपंच ने बताया कि राधेश्याम 22 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन उन्हें 2 साल का एक्सटेंशन मिल गया था. उनके परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और तीन बच्चे हैं.