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तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018: कार्यग्रहण कर चुके शिक्षकों से मांगा ये विकल्प पत्र - जयपुर

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 के प्रथम लेवल में रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहने के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र मांगा है

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018
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Published : Apr 10, 2019, 7:11 AM IST

जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 के प्रथम लेवल में रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहने के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र मांगा है. इसमें खास बात है कि जिन अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण कर लिया है. वे अब रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहते है और उसी जिले में नियुक्ति चाहते है तो उन्हें असहमति का विकल्प पत्र भरना होगा.

रिशफल परिणाम में उन्हीं अभ्यर्थियों का मेरिट के अनुसार जिला परिवर्तन किया जाएगा. जो असहमति का विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करेगा और जिला परिवर्तन के अभ्यर्थियों को किसी प्रकार का विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करना होगा. इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए मंगलवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए है. विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार संबंधित पीईईओ को कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र भरवाकर शाला दर्पण पोर्टल पर लॉक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. विकल्प पत्र लेने का काम पीईईओ को 15 अप्रेल तक करना आवश्यक होगा. विकल्प पत्र भरवाने का काम पूरा करने के बाद आरक्षित सूची जारी कर भर्ती में रिक्त रहे पदों को भरने का काम किया जाएगा.

विभाग की ओर से एकत्रित करवाई गई जानकारी के अनुसार सैकड़ों अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण नहीं किया है. इससे पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पिछले महीनें 5 मार्च को भर्ती के द्वितीय लेवल का रिशफल परिणाम जारी किया था. जिसमें काफी विवाद खड़े हुए थे. इसमे पहले से नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों ने जिला परिवर्तन की सहमति दी जाने के बावजूद उनका जिला परिवर्तन नहीं किया. उन्हें बाहर कर दिया और कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने जिला परिवर्तन के लिए असहमति दी बावजूद उन्हें जिला परिवर्तन की सूची के शामिल कर उन्हें दूसरे जिलों में भेज दिया.

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018
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ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने समस्या खड़ी हो गई और उन्होंने रिशफल परिणाम की सूचियों में रही खामियों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी. मामलें से जुड़े उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने पिछले साल 28 दिसंबर को भी रिशफल परिणाम कर नये सिरे से जिला परिवर्तन की सूचियां जारी की थी. कई अभ्यर्थियों ने न्यायालय में चुनौती दी गई. अब कुछ अभ्यर्थियों ने 5 मार्च को जारी जिला परिवर्तन के रिशफल परिणाम को न्यायालय में चुनौती देकर याचिकाए दायर की है. जिनमें न्यायालय ने विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.

जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 के प्रथम लेवल में रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहने के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र मांगा है. इसमें खास बात है कि जिन अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण कर लिया है. वे अब रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहते है और उसी जिले में नियुक्ति चाहते है तो उन्हें असहमति का विकल्प पत्र भरना होगा.

रिशफल परिणाम में उन्हीं अभ्यर्थियों का मेरिट के अनुसार जिला परिवर्तन किया जाएगा. जो असहमति का विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करेगा और जिला परिवर्तन के अभ्यर्थियों को किसी प्रकार का विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करना होगा. इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए मंगलवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए है. विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार संबंधित पीईईओ को कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र भरवाकर शाला दर्पण पोर्टल पर लॉक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. विकल्प पत्र लेने का काम पीईईओ को 15 अप्रेल तक करना आवश्यक होगा. विकल्प पत्र भरवाने का काम पूरा करने के बाद आरक्षित सूची जारी कर भर्ती में रिक्त रहे पदों को भरने का काम किया जाएगा.

विभाग की ओर से एकत्रित करवाई गई जानकारी के अनुसार सैकड़ों अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण नहीं किया है. इससे पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पिछले महीनें 5 मार्च को भर्ती के द्वितीय लेवल का रिशफल परिणाम जारी किया था. जिसमें काफी विवाद खड़े हुए थे. इसमे पहले से नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों ने जिला परिवर्तन की सहमति दी जाने के बावजूद उनका जिला परिवर्तन नहीं किया. उन्हें बाहर कर दिया और कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने जिला परिवर्तन के लिए असहमति दी बावजूद उन्हें जिला परिवर्तन की सूची के शामिल कर उन्हें दूसरे जिलों में भेज दिया.

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ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने समस्या खड़ी हो गई और उन्होंने रिशफल परिणाम की सूचियों में रही खामियों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी. मामलें से जुड़े उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने पिछले साल 28 दिसंबर को भी रिशफल परिणाम कर नये सिरे से जिला परिवर्तन की सूचियां जारी की थी. कई अभ्यर्थियों ने न्यायालय में चुनौती दी गई. अब कुछ अभ्यर्थियों ने 5 मार्च को जारी जिला परिवर्तन के रिशफल परिणाम को न्यायालय में चुनौती देकर याचिकाए दायर की है. जिनमें न्यायालय ने विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.
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जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 के प्रथम लेवल में रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहने के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र मांगा है. इसमें खास बात है कि जिन अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण कर लिया है. वे अब रिशफल परिणाम में जिला परिवर्तन नहीं चाहते है और उसी जिले में नियुक्ति चाहते है तो उन्हें असहमति का विकल्प पत्र भरना होगा.

रिशफल परिणाम में उन्हीं अभ्यर्थियों का मेरिट के अनुसार जिला परिवर्तन किया जाएगा. जो असहमति का विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करेगा और जिला परिवर्तन के अभ्यर्थियों को किसी प्रकार का विकल्प पत्र प्रस्तुत नहीं करना होगा. इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए मंगलवार को  विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए है. विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार संबंधित पीईईओ को कार्यग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों से असहमति का विकल्प पत्र भरवाकर शाला दर्पण पोर्टल पर लॉक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. विकल्प पत्र लेने का काम पीईईओ को 15 अप्रेल तक करना आवश्यक होगा. विकल्प पत्र भरवाने का काम पूरा करने के बाद आरक्षित सूची जारी कर  भर्ती में रिक्त रहे पदों को भरने का काम किया जाएगा.

विभाग की ओर से एकत्रित करवाई गई जानकारी के अनुसार सैकड़ों अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण नहीं किया है. इससे पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पिछले महीनें 5 मार्च को भर्ती के द्वितीय लेवल का रिशफल परिणाम जारी किया था. जिसमें काफी विवाद खड़े हुए थे. इसमे पहले से नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों ने जिला परिवर्तन की सहमति दी जाने के बावजूद उनका जिला परिवर्तन नहीं किया. उन्हें बाहर कर दिया और कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने जिला परिवर्तन के लिए असहमति दी बावजूद उन्हें जिला परिवर्तन की सूची के शामिल कर उन्हें दूसरे जिलों में भेज दिया.

 ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने समस्या खड़ी हो गई और उन्होंने रिशफल परिणाम की सूचियों में रही खामियों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी. मामलें से जुड़े उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने पिछले साल 28 दिसंबर को भी रिशफल परिणाम कर नये सिरे से जिला परिवर्तन की सूचियां जारी की थी. कई अभ्यर्थियों ने न्यायालय में चुनौती दी गई. अब कुछ अभ्यर्थियों ने 5 मार्च को जारी जिला परिवर्तन के रिशफल परिणाम को न्यायालय में चुनौती देकर याचिकाए दायर की है. जिनमें न्यायालय ने विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.


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