बूंदी. जिले में वन विभाग द्वारा हर वर्ष पौधे रोपे जाते हैं. कई सालों से विभाग द्वारा अलग-अलग इलाकों में चिन्हित कर हर वर्ष लाखों की संख्या में पौधा रोपा जाता है. पिछले साल की बात की जाए तो पिछले साल वन विभाग द्वारा 2 लाख पौधे रोपे गए थे. जिनमें से 10% पौधे नष्ट हो गए बाकी पौधे उपजाऊ साबित हुए. अब फिर से वन विभाग इस वर्ष होने वाले पौधारोपण कार्यक्रम में 77,535 पौधे रोपेगा. यह पौधे 220 हेक्टेयर में रोपे जाएंगे. पिछले वर्ष 800 हेक्टेअर में पौधे रोपे गए थे जिनकी संख्या 2 लाख थी. लेकिन वन विभाग का दावा है कि इस 800 हेक्टेअर में रोपे गए पौधे में केवल 10% ही पौधे खराब हुए हैं जिससे पिछले वर्ष का 10% का नुकसान मानते हुए इस वर्ष 10% और बढ़ाकर यानि 20% और अधिक पौधा रोपा जाएगा.
वन विभाग के कार्यवाहक डीएफओ सतीश जैन ने बताया कि पौधा लगाने की शुरुआत का कार्य हम मार्च माह में पूरा कर लेते हैं और गड्ढे को खोद देते हैं. यहां पर बारिश आने पर गड्ढे में पानी चला जाता है. गड्ढा भर जाने के बाद वहां पर यूरिया डाला जाता है. उसके बाद जब गड्ढे में पूरी तरह से पानी भर जाता है. उसके बाद हम पौधा रोपते हैं और पौधा उपजाऊ साबित होता है.
बूंदी जिले में 9 पौधशाला है जहां करीब वन विभाग के अनुसार 4 लाख पौधे बनकर तैयार हैं. इन पौधों को सरकारी दर पर आमजन खरीद सकते हैं. इन पौधों में से 77,535 पौधे सरकार की ओर से लक्ष्य वन विभाग दिया गया है. जहां पर अभ्यारण्य व वन क्षेत्र में इन पौधों को लगाया जाएगा. हमारी पड़ताल में सामने आया है कि वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधे उनकी मेहनत रंग लाई और बूंदी शहर को हरियाली की ओर ओढ़ा गया.
बूंदी शहर में वन विभाग की ओर से लगाए गए पौधे हरियाली दे रहे हैं और छांव दे रहे हैं लेकिन कुछ जगह ऐसी है जहां पर पानी व मवेशियों के आतंकी होने पौधे पनप नहीं पाए लेकिन यह स्थिति 10% हिस्से में ही है. बाकी 90% हिस्से में पौधा उपजाऊ साबित हो रहा है. अब विभाग द्वारा जल्दी 77,500 पौधे को रोपा जाएगा और हरियाली की ओर नई दिशा में पहल की जाएगी.