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पीसीसी में कमरों के लिए जंग, गहलोत के करीबी का कक्ष पायलट के खास को मिला, नेमप्लेट तक बदली

पीसीसी दफ्तर में अब नई जंग शुरू हो गई है. जहां गहलोत गुट के मुमताज मसीह की नेमप्लेट हटाकर उनका कक्ष बदल दिया गया है. वहीं उनकी जगह पायलट के खास माने जाने वाले वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईड़वा को उसे आवंटित किया गया है.

कांग्रेस दफ्तर में कमरों के लिए शुरू हुई जंग.
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Published : Jun 7, 2019, 5:58 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस के भीतर चल रही कलह की छाया अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंच गई है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह की नेमप्लेट हटाकर उनका कमरा बदलकर यहां वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईड़वा को बैठाया गया.

एक पायलट का खास..तो दूसरा गहलोत का
खास बात यह है कि इस बदलाव की सूचना देना तक मुमताज मसीह को उचित नहीं समझा गया. यहां आपको बता दें कि मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी नेताओं में शामिल हैं. तो वहीं ईड़वा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी नेता माने जाते हैं. यही कारण है कि इस बदलाव को पार्टी नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है.

मुमताज मसीह लिखी नेमप्लेट हटाकर लगाई वरिष्ठ उपाध्यक्ष की प्लेट
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जिस रूम के बाहर आज से पहले मुमताज मसीह लिखी नेम प्लेट लगी रहती थी. अब यहां वरिष्ठ उपाध्यक्ष लिखी नेम प्लेट टंगी है. यहां से ना केवल नेम प्लेट हटाई गई. बल्कि सालों से यहां बैठकर पार्टी से जुड़ा कामकाज करने वाले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह का कमरा भी बदल डाला गया. खास बात यह भी रही कि इस बदलाव की मुमताज मसीह को जानकारी तक नहीं दी गई. शुक्रवार सुबह जब अशोक गहलोत के नजदीकी नेता मुमताज मसीह पीसीसी पहुंचे तो कमरे के बाहर अपनी नेम प्लेट गायब देखकर हैरान रह गए.

कांग्रेस दफ्तर में कमरों के लिए शुरू हुई जंग

रूम बदलने के बाद मुमताज मसीह ने दिया बयान
इतना ही नहीं उस कमरे के भीतर पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा बैठे हुए नजर आए. ऐसे में मायूस मुमताज मसीह वहां से एक कदम आगे वाले कमरे में पहुंचे और कुर्सी पर बैठ गए. जिस कमरे में मसीह बैठे वो कमरा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और सचिव पद पर तैनात नेताओं का कॉमन रूम है. गहलोत के नजदीकी नेता मुमताज मसीह इससे मायूस और परेशान तो है. लेकिन, मीडिया के समक्ष इसे बदलाव को वो पीसीसी चीफ सचिन पायलट का अधिकार क्षेत्र करार दे रहे हैं.

ईड़वा बोले- रूम ही तो बदला है... अधिकार थोड़े ही छीने है
वहीं इस मामले में जब पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा से बात की गई. तो उन्होंने इसे पार्टी की एक रूटीन प्रक्रिया करार दिया. ईड़वा के अनुसार वह पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है. इस नाते यह कमरा उन्हें आवंटित किया गया है. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि मुमताज मसीह से कमरा छीन लिया गया हो. उनके अनुसार यह तो पार्टी की व्यवस्था है. इसे किसी तरह की गुटबाजी से जुड़कर देखा जाना गलत होगा.

अलग-अलग खेमे के हैं दोनों नेता
दरअसल, मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी है. तो गोपाल सिंह ईड़वा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी नेताओं में शुमार है. हालांकि सामान्यता किसी भी पार्टी कार्यालय में कमरों और बैठक व्यवस्था मैं बदलाव एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है. लेकिन, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह इन दोनों ही दिग्गज नेताओं के गुटों से जुड़े नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. उसके बाद पीसीसी के भीतर कमरों में हुए बदलाव को भी इसी सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है.

जयपुर. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस के भीतर चल रही कलह की छाया अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंच गई है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह की नेमप्लेट हटाकर उनका कमरा बदलकर यहां वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईड़वा को बैठाया गया.

एक पायलट का खास..तो दूसरा गहलोत का
खास बात यह है कि इस बदलाव की सूचना देना तक मुमताज मसीह को उचित नहीं समझा गया. यहां आपको बता दें कि मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी नेताओं में शामिल हैं. तो वहीं ईड़वा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी नेता माने जाते हैं. यही कारण है कि इस बदलाव को पार्टी नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है.

मुमताज मसीह लिखी नेमप्लेट हटाकर लगाई वरिष्ठ उपाध्यक्ष की प्लेट
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जिस रूम के बाहर आज से पहले मुमताज मसीह लिखी नेम प्लेट लगी रहती थी. अब यहां वरिष्ठ उपाध्यक्ष लिखी नेम प्लेट टंगी है. यहां से ना केवल नेम प्लेट हटाई गई. बल्कि सालों से यहां बैठकर पार्टी से जुड़ा कामकाज करने वाले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह का कमरा भी बदल डाला गया. खास बात यह भी रही कि इस बदलाव की मुमताज मसीह को जानकारी तक नहीं दी गई. शुक्रवार सुबह जब अशोक गहलोत के नजदीकी नेता मुमताज मसीह पीसीसी पहुंचे तो कमरे के बाहर अपनी नेम प्लेट गायब देखकर हैरान रह गए.

कांग्रेस दफ्तर में कमरों के लिए शुरू हुई जंग

रूम बदलने के बाद मुमताज मसीह ने दिया बयान
इतना ही नहीं उस कमरे के भीतर पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा बैठे हुए नजर आए. ऐसे में मायूस मुमताज मसीह वहां से एक कदम आगे वाले कमरे में पहुंचे और कुर्सी पर बैठ गए. जिस कमरे में मसीह बैठे वो कमरा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और सचिव पद पर तैनात नेताओं का कॉमन रूम है. गहलोत के नजदीकी नेता मुमताज मसीह इससे मायूस और परेशान तो है. लेकिन, मीडिया के समक्ष इसे बदलाव को वो पीसीसी चीफ सचिन पायलट का अधिकार क्षेत्र करार दे रहे हैं.

ईड़वा बोले- रूम ही तो बदला है... अधिकार थोड़े ही छीने है
वहीं इस मामले में जब पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा से बात की गई. तो उन्होंने इसे पार्टी की एक रूटीन प्रक्रिया करार दिया. ईड़वा के अनुसार वह पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है. इस नाते यह कमरा उन्हें आवंटित किया गया है. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि मुमताज मसीह से कमरा छीन लिया गया हो. उनके अनुसार यह तो पार्टी की व्यवस्था है. इसे किसी तरह की गुटबाजी से जुड़कर देखा जाना गलत होगा.

अलग-अलग खेमे के हैं दोनों नेता
दरअसल, मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी है. तो गोपाल सिंह ईड़वा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी नेताओं में शुमार है. हालांकि सामान्यता किसी भी पार्टी कार्यालय में कमरों और बैठक व्यवस्था मैं बदलाव एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है. लेकिन, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह इन दोनों ही दिग्गज नेताओं के गुटों से जुड़े नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. उसके बाद पीसीसी के भीतर कमरों में हुए बदलाव को भी इसी सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है.

Intro:प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कमरों के लिए शुरू हुई जंग
गहलोत गुट के मुमताज मसीह की नेमप्लेट हटाई,बदला कमरा
मुमताज मसीह के कमरे में बैठेंगे अब पायलट के नजदीकी गोपाल सिंह ईडवा
मसीहा को जानकारी दिए बगैर ही बदल दिया गया कमरा
मुमताज मसीह को उपाध्यक्ष के कॉमन कमरे में बिठाया

जयपुर (इन्ट्रो एंकर)
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस के भीतर चल रही कलह की छाया अब पीसीसी तक पहुंच गई है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह की नेमप्लेट हटाकर उनका बैठक कमरा बदलकर यहां वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा को बिठाया गया। खास बात यह रही की इस बदलाव की सूचना देना तक मुमताज मसीह को उचित नहीं समझा गया। यहां आपको बता दें कि मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी नेताओं में शामिल है तो वही ईडवा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी नेता माने जाते हैं। यही कारण है कि इस बदलाव को पार्टी नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है।

(ओपनिंग रिपोर्टर पीटूसी- पियूष शर्मा,जयपुर)

मुमताज मसीह लिखी नेमप्लेट हटाकर लगाई वरिष्ठ उपाध्यक्ष की प्लेट-

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय किस रूम के बाहर आज से पहले मुमताज मसीह लिखी नेम प्लेट लगी रहती थी लेकिन अब यहां टंगी है वरिष्ठ उपाध्यक्ष लिखी नेम प्लेट। यहां से ना केवल नेम प्लेट हटाई गई बल्कि सालों से यहां बैठकर पार्टी से जुड़ा कामकाज करने वाले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह का कमरा भी बदल डाला गया। खास बात यह भी रही कि इस बदलाव की मुमताज मसीह को जानकारी तक नहीं दी गई। शुक्रवार सुबह जब अशोक गहलोत के नजदीकी नेता मुमताज मसीह पीसीसी पहुंचे तो कमरे के बाहर अपनी नेम प्लेट गायब देखकर हैरान रह गए। इतना ही नहीं उस कमरे के भीतर पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा बैठे हुए नजर आए। ऐसे में मायूस मुमताज मसीह वहां से एक कदम आगे वाले कमरे में पहुंचे और कुर्सी पर बैठ गए। यह कमरा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और सचिव पद पर तैनात नेताओं का कॉमन रूम है। गहलोत के नजदीकी नेता मुमताज मसीह इससे मायूस और परेशान तो है लेकिन मीडिया के समक्ष इसे बदलाव को वो पीसीसी चीफ सचिन पायलट का अधिकार क्षेत्र करार दे रहे हैं।

(बाईट-मुमताज मसीह,प्रदेश उपाध्यक्ष, पीसीसी)

ईडवा बोले रूम ही तो बदला है अधिकार थोडे ही न छीने है-

वहीं इस मामले में जब पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा से बात की गई तो उन्होंने इसे पार्टी की एक रूटीन प्रक्रिया करार दिया। ईड़वा के अनुसार वह पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है इस नाते यह कमरा उन्हें आवंटित किया गया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मुमताज मसीह से कमरा छीन लिया गया हो। उनके अनुसार यह तो पार्टी की व्यवस्था है इसे किसी तरह की गुटबाजी से जुड़कर देखा जाना गलत होगा।

(बाईट- गोपाल सिंह ईडवा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष,पीसीसी)

मसीह है गहलोत के तो ईडवा पायलट के है समर्थक-

दरअसल मुमताज मसीह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी है तो गोपाल सिंह एडवा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के करीबी नेताओं में शुमार है। हालांकि सामान्यता किसी भी पार्टी कार्यालय में कमरों और बैठक व्यवस्था मैं बदलाव एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह इन दोनों ही दिग्गज नेताओं के गुटों से जुड़े नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। उसके बाद पीसीसी के भीतर कमरों में हुए बदलाव को भी इसी सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है।

(Edited vo pkg-congress room jang)





Body:(Edited vo pkg-congress room jang)


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