जयपुर. राजस्थान दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है. 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना था. यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है. इस मौके पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राजस्थान के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को राजस्थान दिवस की शुभकामनाएं दी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा कि, राजस्थान दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को बधाई और शुभ कामनाएं. मेरी कामना है कि इस राज्य का भविष्य सफलता और समृद्धि से भरा-पूरा हो.
राजस्थान दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को बधाई और शुभ कामनाएं। मेरी कामना है कि इस राज्य का भविष्य सफलता और समृद्धि से भरा-पूरा हो — राष्ट्रपति कोविन्द
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वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने संदेश में कहा है कि राजस्थान दिवस पर प्रदेश के सभी भाइयों-बहनों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.
राजस्थान दिवस पर प्रदेश के सभी भाइयों और बहनों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
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वहीं प्रदेश के राज्यपाल कल्याण सिंह ने अपने संदेश में लिखा की राजस्थान देश का अद्भुत राज्य है. यहां के लोगों ने भारतीय संस्कृति को संजो रखा है. यहां के शहर, कस्बे और गांव अलग-अलग विशेषताओं वाले हैं. राजस्थानी लोकगीत आत्मा को छू लेते हैं. समूचा राजस्थान भारतीय संस्कृति का प्रतीक प्रतीत होता है.
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजस्थान दिवस की प्रदेशवासियों को बधाई दी. गहलोत ने कहा कि यह वीरता, मजबूत इच्छा शक्ति और राजस्थान के लोगों के बलिदान को याद करने का दिन है. आइए हम अपने राज्य की सभी आकांक्षाओं को पूरा करते हुए, खुशियों का राज्य बनाने का संकल्प लें.
My heartiest greetings on the occasion of #RajasthanDiwas. It is a day to commemorate the valour, strong will power and sacrifice of the people of #Rajasthan.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 30, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Let us resolve to make our State a haven of happiness, fulfilling aspirations of one and all. pic.twitter.com/JxWjOboa3W
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इस मौके पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी राजस्थानियों को बंधाई संदेश दिया. वीर-वीरांगनाओं की पावन भूमि राजस्थान के 70वें स्थापना दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. राजस्थान की अनूठी सांस्कृतिक विरासत, पारम्परिक त्यौहार व स्थापत्य कला का अद्भुत संगम देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपना अद्वितीय स्थान रखती है. साथ ही बलिदान, शौर्य व साहस की साक्षी मरुभूमि के कण-कण में बसा गौरवमयी इतिहास हमें सदैव गर्व की अनुभूति कराता है.
राजस्थान की अनूठी सांस्कृतिक विरासत, पारम्परिक त्यौहार व स्थापत्य कला का अद्भुत संगम देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपना अद्वितीय स्थान रखती है। साथ ही बलिदान, शौर्य व साहस की साक्षी मरुभूमि के कण-कण में बसा गौरवमयी इतिहास हमें सदैव गर्व की अनुभूति कराता है।#RajasthanDay
— Chowkidar Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 30, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">राजस्थान की अनूठी सांस्कृतिक विरासत, पारम्परिक त्यौहार व स्थापत्य कला का अद्भुत संगम देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपना अद्वितीय स्थान रखती है। साथ ही बलिदान, शौर्य व साहस की साक्षी मरुभूमि के कण-कण में बसा गौरवमयी इतिहास हमें सदैव गर्व की अनुभूति कराता है।#RajasthanDay
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