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अस्पताल में शादियों का दिखा असर...धौलपुर में आउटडोर मरीजों की संख्या 600 तक पहुंची

धौलपुर के सरमथुरा अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो गई हैं. जनरल वार्ड में सिर्फ 18 बेड मौजूद हैं जबकि प्रतिदिन इन्डोर में 70 से 80 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. जिसके कारण वार्ड में बेडों के लिए मरीजों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.

अस्पताल में शादियों के कारण मरीजों की संख्या बड़ी
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Published : May 18, 2019, 12:54 PM IST

धौलपुर. जिले के बसेडी कस्बा के अस्पताल में शादियों का असर दिख रहा है. उल्टी-दस्त, पेट दर्द, बुखार के मरीजों की संख्या में प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है. आलम यह है कि वार्ड में मरीजों को भर्ती करने के लिए पलंग भी कम पड़ गए है. मरीज गैलरी में पडी बैंच पर बैठकर और लेटकर उपचार कराने के लिए मजबूर हैं. ऐसा ही नजारा शुक्रवार सुबह भी अस्पताल में देखने को मिला.

अस्पताल में शादियों के कारण मरीजों की संख्या बड़ी

बता दें कि जनरल वार्ड का नजारा देखने लायक था. जब मरीजों की संख्या में इजाफा होने से वार्ड में पलंगों पर लेटने के लिए मरीजों में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ था. एक-एक पलंग पर दो-दो मरीज होने पर भी मरीज पलंग खाली होने का इंतजार करते दिखाई दिए. जिसके कारण नर्सिग स्टाफ भी परेशान रहा.

अस्पताल प्रभारी डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि उपखंड में शादियों का असर अस्पताल में दिखाई देने लगा है. अस्पताल में आउटडोर में मरीजों की संख्या में 200 से 300 तक का इजाफा हो गया है. उन्होने बताया कि 15 दिन पहले अस्पताल में 250 से 300 मरीज उपचार कराने अस्पताल पहुंच रहे थे लेकिन फिलहाल 500 से 600 मरीज उपचार कराने आ रहे हैं. अधिकांश मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द, बुखार के ग्रसित होने के अत्यधिक कारण इंडोर की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं.

30 बेड का अस्पताल है सरमथुरा

सरकार की ओर से सरमथुरा अस्पताल को 30 बेड का दर्जा दिया हुआ है. जिसमें मेटरनिटी और जनरल दोनों वार्ड संचालित हैं. अस्पताल प्रशासन की ओर से मेटरनिटी वार्ड में 12 और जनरल वार्ड में 18 बेड लगाए हुए हैं जबकि इन्डोर में प्रतिदिन 70 से 80 मरीज भर्ती किए जा रहे है. मरीजों को अस्पताल में जहां जगह मिलती है ड्रिप लगाने के लिए वहीं लेट जाते है.

धौलपुर. जिले के बसेडी कस्बा के अस्पताल में शादियों का असर दिख रहा है. उल्टी-दस्त, पेट दर्द, बुखार के मरीजों की संख्या में प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है. आलम यह है कि वार्ड में मरीजों को भर्ती करने के लिए पलंग भी कम पड़ गए है. मरीज गैलरी में पडी बैंच पर बैठकर और लेटकर उपचार कराने के लिए मजबूर हैं. ऐसा ही नजारा शुक्रवार सुबह भी अस्पताल में देखने को मिला.

अस्पताल में शादियों के कारण मरीजों की संख्या बड़ी

बता दें कि जनरल वार्ड का नजारा देखने लायक था. जब मरीजों की संख्या में इजाफा होने से वार्ड में पलंगों पर लेटने के लिए मरीजों में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ था. एक-एक पलंग पर दो-दो मरीज होने पर भी मरीज पलंग खाली होने का इंतजार करते दिखाई दिए. जिसके कारण नर्सिग स्टाफ भी परेशान रहा.

अस्पताल प्रभारी डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि उपखंड में शादियों का असर अस्पताल में दिखाई देने लगा है. अस्पताल में आउटडोर में मरीजों की संख्या में 200 से 300 तक का इजाफा हो गया है. उन्होने बताया कि 15 दिन पहले अस्पताल में 250 से 300 मरीज उपचार कराने अस्पताल पहुंच रहे थे लेकिन फिलहाल 500 से 600 मरीज उपचार कराने आ रहे हैं. अधिकांश मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द, बुखार के ग्रसित होने के अत्यधिक कारण इंडोर की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं.

30 बेड का अस्पताल है सरमथुरा

सरकार की ओर से सरमथुरा अस्पताल को 30 बेड का दर्जा दिया हुआ है. जिसमें मेटरनिटी और जनरल दोनों वार्ड संचालित हैं. अस्पताल प्रशासन की ओर से मेटरनिटी वार्ड में 12 और जनरल वार्ड में 18 बेड लगाए हुए हैं जबकि इन्डोर में प्रतिदिन 70 से 80 मरीज भर्ती किए जा रहे है. मरीजों को अस्पताल में जहां जगह मिलती है ड्रिप लगाने के लिए वहीं लेट जाते है.

Intro:सरमथुरा अस्पताल में मरीजो की संख्या में इजाफा होने के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो गई है। जनरल वार्ड में सिर्फ 18 बैड मौजूद है जबकि प्रतिदिन इन्डोर में 70 से 80 मरीज भर्ती किए जा रहे है। जिसके कारण वार्ड में बैडो के लिए मरीजो में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।Body:बसेडी(धौलपुर)। कस्बा के अस्पताल में शादियो का असर दिखाई देने लग गया है। उल्टी-दस्त, पेट दर्द, बुखार के मरीजो की संख्या में प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। आलम यह है कि वार्ड में मरीजो को भर्ती करने के लिए पलंग भी कम पड गए है। मरीज गैलरी में पडी बैंच पर बैठकर व लेटकर उपचार कराने के लिए मजबूर दिखे। ऐसा नजारा शुक्रवार सुबह अस्पताल में देखने को मिला। जनरल वार्ड की नजारा देखने लायक था, मरीजो की संख्या में इजाफा होने से वार्ड में पलंगो पर लेटने के लिए मरीजो में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ था। एक-एक पलंग पर दो-दो मरीज भर्ती शिफ्ट करने के बाद भी मरीज पलंग खाली होने का इंतजार करते दिखे। जिसके कारण नर्सिग स्टाफ भी परेशान था।
अस्पताल प्रभारी डाॅ. जीएल मीणा ने बताया कि उपखंड में शादियो का असर अस्पताल में दिखाई देने लगा है। अस्पताल में आउटडोर में मरीजो की संख्या में 200 से 300 तक का इजाफा हो गया है। उन्होने बताया कि पंद्रह दिन पूर्व अस्पताल में 250 से 300 मरीज उपचार कराने अस्पताल पहुॅच रहे थे लेकिन फिलहाल 500 से 600 मरीज उपचार कराने आ रहे है। अधिकांश मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द, बुखार के ग्रसित होने केअत्यधिक कारण इनडोर की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। जनरल वार्ड में 18 पलंग मौजूद है लेकिन भर्ती मरीजो की संख्या 70 से 80 होने के कारण एक-एक पलंग पर दो-दो मरीजो को शिफ्ट किया जा रहा है। जिसके बाद भी मरीजो को इंतजार करना पड रहा है। जबकि अस्पताल में मरीजो के लिए पर्याप्त दवाएं मौजूद है।

30 बैंड का अस्पताल है सरमथुरा
सरकार द्वारा सरमथुरा अस्पताल को 30 बैड का दर्जा दिया हुआ है। जिसमें मेटरनिटी व जनरल दोनो वार्ड संचालित है। अस्पताल प्रशासन द्वारा मेटरनिटी वार्ड में 12 व जनरल वार्ड में 18 बैंड लगाए हुए है जबकि इन्डोर में प्रतिदिन 70 से 80 मरीज भर्ती किए जा रहे है। मरीजो को अस्पताल में जहां जगह मिलती है ड्रिप लगाने के लिए लेट जाते है। जिसके कारण मरीजो को अस्पताल में सुविधाएं नही मिल पा रही है।Conclusion:
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