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विश्वराज सिंह का खून से हुआ राजतिलक, सिटी पैलेस में घुसने पर अड़े समर्थक, हुआ पथराव - UDAIPUR ROYAL FAMILY

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ. बाद में सिटी पैलेस में धूणी दर्शन को लेकर विवाद की स्थिति बन गई.

Vishwaraj Singh Mewar Rajtilak
राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के बाहर बैठे विश्वराज (ETV Bharat Chittorgarh)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 25, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Nov 25, 2024, 4:02 PM IST

चित्तौड़गढ़/उदयपुर: राजस्थान में उदयपुर के पूर्व राज परिवार सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद सोमवार को उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ. विश्व विख्यात ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित फतह प्रकाश महल में उनके राजतिलक की रस्म निभाई गई. 21 तोपों की सलामी के साथ सलूंबर रावत देवव्रत सिंह ने अपना अंगूठा काटकर अपने खून से तिलक लगाया और विश्वराज सिंह को गद्दी पर बिठाया. वहीं, राजतिलक के बाद सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन के लिए जब विश्वराज सिंह उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे तो पैलेस के गेट बंद थे. मौके पर पुलिस की ओर से बैरिकेड्स लगाए गए, जिसे विश्वराज के समर्थकों ने हटा दिया. इस दौरान एक बारगी पुलिस और विश्वराज के समर्थक आमने-सामने होते नजर आए. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर समझाइश कर रहे हैं. उधर, विश्वराज सिटी पैलेस के बाहर समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए हैं.

वहीं, सिटी पैलेस के गेट पर रात में जबरन भीड़ पहुंची. कुछ लोगों ने पैलेस के अंदर घुसने की कोशिश की. इस बीच दोनों पक्षों के समर्थकों ने पथराव किया. विश्वराज सिंह अभी भी सिटी पैलेस-जगदीश चौक के बीच समर्थकों के साथ बैठे हैं.

पुलिस कर रही समझाइश (ETV Bharat Udaipur)

नहीं बन पाई अभी तक सहमतिः विश्वराज सिंह मेवाड़ राजतिलक होने के बाद अपने समर्थकों के साथ उदयपुर के जगदीश चौक के बाहर मौजूद हैं. परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे हैं, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक रखा है. मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं. विश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं, जबकि सिटी पैलेस के लोग किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. प्रशासन दोनों पक्षों में विवाद शांत कराने के लिए समझाइश कर रहा है. इस बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ और रणधीर सिंह भींडर कार से उतरकर बैरिकेडिंग से आगे सिटी पैलेस वाली रोड की तरफ पैदल निकले. कई घंटे से विश्वराज सिंह मेवाड़ अपनी कार में बैठे हुए थे. वहीं, उनके समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. फिलहाल, जिला प्रशासन द्वारा दोनों के बीच वार्तालाप का दौर जारी है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है.

विवाद पर विश्वराज सिंह मेवाड़ ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Udaipur)

सिटी पैलेस के बाहर बैठे विश्वराज : वहीं, अब सिटी पैलेस में दर्शन के लिए विश्वराज सिंह मेवाड़ पैलेस के गेट पर बैठ गए हैं. जबकि प्रशासन लगातार विश्वराज और लक्ष्यराज के बीच सुलह वार्ता कर रहा है. विश्वराज धूणी माता के दर्शन के लिए अड़े हैं. जगदीश चौक पर भी सैकड़ों के तादाद में युवा समर्थक खड़े हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा लगातार वार्ता का दौर भी किया जा रहा, लेकिन अभी तक पिछले 5 से 6 घंटे बीत जाने के बाद भी दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. उदयपुर रेंज आईजी राजेश मीणा व जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल इस मामले में विश्वराज सिंह से चर्चा कर रहे हैं.

धूणी दर्शन के कार्यक्रम पर असमंजस बरकरार : विश्वराज सिंह मेवाड़ पिछले 5 घंटे से समर्थकों के साथ सिटी पैलेस के गेट पर डटे हुए हैं. वहीं, जिला प्रशासन ने धूणी माता वाले स्थल को रिसीवरी में लेने का निर्णय किया है. जबकि प्रशासनिक मशीनरी ड्राफ्ट तैयार कर रही है.

Ruckus in Udaipur
उदयपुर में हंगामा (ETV Bharat Udaipur)

सिटी पैलेस के बाहर पथराव : विश्वराज सिंह मेवाड़ अभी भी सिटी पैलेस-जगदीश चौक के बीच मौजूद हैं. इस दौरान सिटी पैलेस के गेट पर भीड़ जबरन पहुंची है. इस दौरान सिटी पैलेस के अंदर से पथराव हुआ है. वहीं, कुछ लोगों ने पैलेस के अंदर घुसने की कोशिश की.

विश्वराज सिंह बोले- ये स्थिति गलत हैः विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी लोगों को इस प्रेम के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. भगवान एकलिंग नाथ से प्रार्थना है कि पूरे मेवाड़ पर उनकी कृपा बनी रहे. उन्होंने कहा कि आज की जो स्थिति आप देख रहे हैं, वह सरासर गलत है.

City Palace Museum Udaipur
उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे बंद (ETV Bharat Udaipur)

पढ़ें : पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ पंचतत्व में विलीन, लोगों ने नम आखों से दी विदाई, अंतिम दर्शन करने पहुंचे सीएम

उदयपुर में विवाद की आशंका : आयोजकों के अनुसार उत्तराधिकार दस्तूर के बाद विश्वराज सिंह का सिटी पैलेस में धूंणी दर्शन का कार्यक्रम है, जबकि सिटी पैलेस दिवंगत महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के कब्जे में है. दिवंगत भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत से अरविंद सिंह स्वयं को महाराणा मेवाडट चैरिटेबल फाउंडेशन का अध्यक्ष बताते हैं. इस बारे में ट्रस्ट द्वारा रविवार शाम दो आम सूचनाएं जारी की गईं. एक अन्य आम सूचना में कहा गया कि विश्वराज ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं और सोमवार को पैलेस म्यूजियम में सुरक्षा की दृष्टि से अनाधिकृत लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

विश्वराज के एकलिंग जी मंदिर जाने का भी कार्यक्रम बनाया गया. इस बारे में भी ट्रस्ट द्वारा एक अन्य आम सूचना में बताया गया कि अरविंद सिंह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. इस मंदिर में भी अनाधिकृत प्रवेश निषेध रहेगा. ट्रस्ट की संपत्ति को नुकसान की आशंका जताते हुए पुलिस एवं प्रशासन से ट्रस्ट द्वारा पुलिस सुरक्षा मांगी गई. बता दें कि विश्वराज सिंह वर्तमान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा सिंह राजसमंद लोकसभा से सांसद हैं.

चित्तौड़गढ़ में विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक (ETV Bharat Chittorgarh)

उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे हुए बंद : विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक होने के साथ ही उदयपुर सिटी पैलेस के दोनों दरवाजों को बंद कर दिया गया है. फिलहाल, उदयपुर प्रशासन द्वारा पूरे मामले में बातचीत की जा रही है. विश्वराज सिंह परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस जाएंगे, लेकिन सिटी पैलेस में जाने के गेट (रंगनिवास और जगदीश चौक से अंदर जाने वाला) बंद कर दिए गए हैं. रंगनिवास वाले गेट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल सिटी पैलेस पहुंचे. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की जा रही है.

विश्वराज एकलिंग नाथ जी के 77वें दीवानः राजशाही खत्म होने के बाद राजतिलक की परंपरा प्रतीकात्मक रही. इसके साथ ही विश्वराज सिंह एकलिंग नाथ जी के 77वें दीवान होंगे. मेवाड़ राजवंश के 77वें महाराणा के लिए पूरे रास्ते में फूल बिछाए गए. कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न राजघरानों से उनके प्रतिनिधि पहुंचे. राजतिलक की यह परंपरा 452 साल पुरानी बताई गई. फरवरी 1572 में सलूंबर के तत्कालीन रावत राजपरिवार के मुखिया ने रक्त तिलक लगाकर कुंवर प्रताप को मेवाड़ का महाराणा घोषित किया था.

इतिहासकार और पूर्व राजघराने के नजदीकी डॉ. अज्ञात शत्रु सिंह शिवरति के अनुसार कुंवर प्रताप का राजतिलक गोगुंदा बावड़ी के पास किया गया था. तत्कालीन परिस्थितियों में जल्दबाजी में चूंडा वंशज में वरिष्ठ रावत किशन दास ने राज्याभिषेक किया. उस समय पूजा की थाली नहीं थी और न ही कुमकुम उपलब्ध हो पाया, तब रावत किशन दास ने अंगूठा चीरकर अपने खून से राजतिलक करते हुए प्रताप को मेवाड़ का महाराणा घोषित किया था. डॉ. अज्ञात शत्रु का दावा है कि तब से ही यह परंपरा चल पड़ी. महाराणा का राज्याभिषेक सलूंबर रावत चूंडा के वंशज ही करते आए हैं.

चित्तौड़गढ़/उदयपुर: राजस्थान में उदयपुर के पूर्व राज परिवार सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद सोमवार को उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ. विश्व विख्यात ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित फतह प्रकाश महल में उनके राजतिलक की रस्म निभाई गई. 21 तोपों की सलामी के साथ सलूंबर रावत देवव्रत सिंह ने अपना अंगूठा काटकर अपने खून से तिलक लगाया और विश्वराज सिंह को गद्दी पर बिठाया. वहीं, राजतिलक के बाद सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन के लिए जब विश्वराज सिंह उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे तो पैलेस के गेट बंद थे. मौके पर पुलिस की ओर से बैरिकेड्स लगाए गए, जिसे विश्वराज के समर्थकों ने हटा दिया. इस दौरान एक बारगी पुलिस और विश्वराज के समर्थक आमने-सामने होते नजर आए. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर समझाइश कर रहे हैं. उधर, विश्वराज सिटी पैलेस के बाहर समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए हैं.

वहीं, सिटी पैलेस के गेट पर रात में जबरन भीड़ पहुंची. कुछ लोगों ने पैलेस के अंदर घुसने की कोशिश की. इस बीच दोनों पक्षों के समर्थकों ने पथराव किया. विश्वराज सिंह अभी भी सिटी पैलेस-जगदीश चौक के बीच समर्थकों के साथ बैठे हैं.

पुलिस कर रही समझाइश (ETV Bharat Udaipur)

नहीं बन पाई अभी तक सहमतिः विश्वराज सिंह मेवाड़ राजतिलक होने के बाद अपने समर्थकों के साथ उदयपुर के जगदीश चौक के बाहर मौजूद हैं. परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे हैं, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक रखा है. मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं. विश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं, जबकि सिटी पैलेस के लोग किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. प्रशासन दोनों पक्षों में विवाद शांत कराने के लिए समझाइश कर रहा है. इस बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ और रणधीर सिंह भींडर कार से उतरकर बैरिकेडिंग से आगे सिटी पैलेस वाली रोड की तरफ पैदल निकले. कई घंटे से विश्वराज सिंह मेवाड़ अपनी कार में बैठे हुए थे. वहीं, उनके समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. फिलहाल, जिला प्रशासन द्वारा दोनों के बीच वार्तालाप का दौर जारी है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है.

विवाद पर विश्वराज सिंह मेवाड़ ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Udaipur)

सिटी पैलेस के बाहर बैठे विश्वराज : वहीं, अब सिटी पैलेस में दर्शन के लिए विश्वराज सिंह मेवाड़ पैलेस के गेट पर बैठ गए हैं. जबकि प्रशासन लगातार विश्वराज और लक्ष्यराज के बीच सुलह वार्ता कर रहा है. विश्वराज धूणी माता के दर्शन के लिए अड़े हैं. जगदीश चौक पर भी सैकड़ों के तादाद में युवा समर्थक खड़े हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा लगातार वार्ता का दौर भी किया जा रहा, लेकिन अभी तक पिछले 5 से 6 घंटे बीत जाने के बाद भी दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. उदयपुर रेंज आईजी राजेश मीणा व जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल इस मामले में विश्वराज सिंह से चर्चा कर रहे हैं.

धूणी दर्शन के कार्यक्रम पर असमंजस बरकरार : विश्वराज सिंह मेवाड़ पिछले 5 घंटे से समर्थकों के साथ सिटी पैलेस के गेट पर डटे हुए हैं. वहीं, जिला प्रशासन ने धूणी माता वाले स्थल को रिसीवरी में लेने का निर्णय किया है. जबकि प्रशासनिक मशीनरी ड्राफ्ट तैयार कर रही है.

Ruckus in Udaipur
उदयपुर में हंगामा (ETV Bharat Udaipur)

सिटी पैलेस के बाहर पथराव : विश्वराज सिंह मेवाड़ अभी भी सिटी पैलेस-जगदीश चौक के बीच मौजूद हैं. इस दौरान सिटी पैलेस के गेट पर भीड़ जबरन पहुंची है. इस दौरान सिटी पैलेस के अंदर से पथराव हुआ है. वहीं, कुछ लोगों ने पैलेस के अंदर घुसने की कोशिश की.

विश्वराज सिंह बोले- ये स्थिति गलत हैः विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी लोगों को इस प्रेम के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. भगवान एकलिंग नाथ से प्रार्थना है कि पूरे मेवाड़ पर उनकी कृपा बनी रहे. उन्होंने कहा कि आज की जो स्थिति आप देख रहे हैं, वह सरासर गलत है.

City Palace Museum Udaipur
उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे बंद (ETV Bharat Udaipur)

पढ़ें : पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ पंचतत्व में विलीन, लोगों ने नम आखों से दी विदाई, अंतिम दर्शन करने पहुंचे सीएम

उदयपुर में विवाद की आशंका : आयोजकों के अनुसार उत्तराधिकार दस्तूर के बाद विश्वराज सिंह का सिटी पैलेस में धूंणी दर्शन का कार्यक्रम है, जबकि सिटी पैलेस दिवंगत महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के कब्जे में है. दिवंगत भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत से अरविंद सिंह स्वयं को महाराणा मेवाडट चैरिटेबल फाउंडेशन का अध्यक्ष बताते हैं. इस बारे में ट्रस्ट द्वारा रविवार शाम दो आम सूचनाएं जारी की गईं. एक अन्य आम सूचना में कहा गया कि विश्वराज ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं और सोमवार को पैलेस म्यूजियम में सुरक्षा की दृष्टि से अनाधिकृत लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

विश्वराज के एकलिंग जी मंदिर जाने का भी कार्यक्रम बनाया गया. इस बारे में भी ट्रस्ट द्वारा एक अन्य आम सूचना में बताया गया कि अरविंद सिंह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. इस मंदिर में भी अनाधिकृत प्रवेश निषेध रहेगा. ट्रस्ट की संपत्ति को नुकसान की आशंका जताते हुए पुलिस एवं प्रशासन से ट्रस्ट द्वारा पुलिस सुरक्षा मांगी गई. बता दें कि विश्वराज सिंह वर्तमान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा सिंह राजसमंद लोकसभा से सांसद हैं.

चित्तौड़गढ़ में विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक (ETV Bharat Chittorgarh)

उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे हुए बंद : विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक होने के साथ ही उदयपुर सिटी पैलेस के दोनों दरवाजों को बंद कर दिया गया है. फिलहाल, उदयपुर प्रशासन द्वारा पूरे मामले में बातचीत की जा रही है. विश्वराज सिंह परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस जाएंगे, लेकिन सिटी पैलेस में जाने के गेट (रंगनिवास और जगदीश चौक से अंदर जाने वाला) बंद कर दिए गए हैं. रंगनिवास वाले गेट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल सिटी पैलेस पहुंचे. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की जा रही है.

विश्वराज एकलिंग नाथ जी के 77वें दीवानः राजशाही खत्म होने के बाद राजतिलक की परंपरा प्रतीकात्मक रही. इसके साथ ही विश्वराज सिंह एकलिंग नाथ जी के 77वें दीवान होंगे. मेवाड़ राजवंश के 77वें महाराणा के लिए पूरे रास्ते में फूल बिछाए गए. कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न राजघरानों से उनके प्रतिनिधि पहुंचे. राजतिलक की यह परंपरा 452 साल पुरानी बताई गई. फरवरी 1572 में सलूंबर के तत्कालीन रावत राजपरिवार के मुखिया ने रक्त तिलक लगाकर कुंवर प्रताप को मेवाड़ का महाराणा घोषित किया था.

इतिहासकार और पूर्व राजघराने के नजदीकी डॉ. अज्ञात शत्रु सिंह शिवरति के अनुसार कुंवर प्रताप का राजतिलक गोगुंदा बावड़ी के पास किया गया था. तत्कालीन परिस्थितियों में जल्दबाजी में चूंडा वंशज में वरिष्ठ रावत किशन दास ने राज्याभिषेक किया. उस समय पूजा की थाली नहीं थी और न ही कुमकुम उपलब्ध हो पाया, तब रावत किशन दास ने अंगूठा चीरकर अपने खून से राजतिलक करते हुए प्रताप को मेवाड़ का महाराणा घोषित किया था. डॉ. अज्ञात शत्रु का दावा है कि तब से ही यह परंपरा चल पड़ी. महाराणा का राज्याभिषेक सलूंबर रावत चूंडा के वंशज ही करते आए हैं.

Last Updated : Nov 25, 2024, 4:02 PM IST
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