बेंगलुरु: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के बेंगलुरु केंद्र के प्रमुख एन पुवियारासन ने कहा कि मंगलुरु में कर्नाटक के पहले 'सी बैंड' डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) का काम 15 जनवरी तक पूरा होना था लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण इसमें देरी होगी.
आईएमडी के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चार जनवरी को आईएमडी बेंगलुरु द्वारा आयोजित कार्यशाला से इतर पुवियारासन ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि हमें उम्मीद है कि इस माह के अंत तक यह काम करना प्रारंभ कर देगा.
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन केंद्र (केएसएनडीएमसी) के परिसर में हुई इस कार्यशाला में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु और कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के तकनीकी सत्र सहित दिन भर कई सत्र आयोजित किए गए.
पुवियारासन ने यह भी कहा कि जरूरत अनुसार भूमि नहीं मिलने के कारण आईएमडी को यहां 'एस-बैंड' डीडब्ल्यूआर स्थापित करने में मुश्किलें आईं. एस-बैंड रडार 400 किलोमीटर के दायरे की कवरेज प्रदान करता है, जबकि सी-बैंड और एक्स-बैंड की क्षमता क्रमशः 250 किलोमीटर और 100 किलोमीटर है.
पुवियारासन ने कहा कि हमें एक टावर और उसके साजो सामान के लिए कक्ष तैयार करने के लिए उचित स्थान की आवश्यकता है. उनके अनुसार शुरुआत में आईएमडी ने नंदी हिल्स में रडार लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के अनुरोध पर बेंगलुरु में उपयुक्त स्थान की तलाश शुरू कर दी गई है.