जयपुर. आर्थिक संकट से जूझ रहे जयपुर नगर निगम ने कॉन्ट्रेक्टर्स का भुगतान भी अटका रखा है. एक तरफ डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी के करीब 103 करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं. वहीं निगम से जुड़े गार्डन और सिविल ठेकेदारों के भी 140 करोड़ के लंबित भुगतान को लेकर अब मेयर के सामने अर्जी लगाई है.
बता दें कि ये भुगतान अप्रैल 2018 से बकाया चल रहा है.जिसके तहत सिविल वर्क के 82 करोड़, गार्डन वर्क के 12 करोड़, बिजनेस वर्क के 3.5 करोड़, रुडिस्को के 27.5 करोड़ और एमएलए-एमपी निधि के करीब 6 करोड़ बकाया चल रहे हैं. इस बकाया राशि को लेकर हेरिटेज सिटी कॉन्ट्रेक्टर्स ने मेयर से मुलाकात की. साथ ही बकाया अमानता राशि को लौटाने की भी मांग की.
वहीं दूसरी मेयर विष्णु लाटा ने संबंधित बकाया राशि को जल्द देने का आश्वासन दिया. साथ ही कहा कि ये एक सतत प्रक्रिया है. शुरुआत में गार्डन और बिजली से जुड़े ठेकेदारों का भुगतान किया जा रहा है.इसके बाद दो-चार दिन में शेष ठेकेदारों का भी लंबित भुगतान कर दिया जाएगा.
बहरहाल, निगम प्रशासन लंबित भुगतान के चलते कॉन्ट्रेक्टर्स से उचित काम भी नहीं करा पा रहा है. जिसका बड़ा कारण राजस्व वसूली में फिसड्डी होना माना जा सकता है. ऐसे में जरूरत है कि राजस्व वसूली में बढ़ोतरी कर समय पर भुगतान किया जाए, ताकि कॉन्ट्रेक्टर्स पर दबाव बनाकर समय पर शहर में उचित कार्य योजना लागू की जा सके.