बूंदी. जिले के एक इंजीनियर ने एक ऐसा मास्क का तैयार किया है, जो डॉक्टरों और पुलिस की पहली पसंद बन गया है. इसकी लागत केवल 30 रुपए बताई जा रही है. जिले के एक युवक नवीन सुमन ने फेस शिल्ड मास्क नाम का मास्क बनाया है. अब तक इस मास्क के लिए ऑनलाइन डेढ़ लाख से अधिक ऑर्डर भी आ चुके हैं. वहीं लोकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर नवीन इस मास्क को कोरोना वॉरियर्स को नि:शुल्क बांट रहे हैं.
नवीन पिछले 10 दिनों से इस मास्क को बनाने का काम कर रहे हैं और रोज अपने घर पर भाई के साथ मास्क को बनाते हैं. वहीं समाजसेवी भरत शर्मा और महमूद अली भी इस मास्क के निर्माण करने में नवीन सुमन की मदद करते हैं. इसके लिए नवीन सुमन ओएचसी, पीईटी सीट्स का इस्तेमाल करते हैं. फिर फॉर्म, टेप, इलास्टिक का इस्तेमाल कर इस मास्क को तैयार करते हैं. इसे तैयार करने में करीब 10 मिनट का समय लगता है. अब तक 1 हजार से अधिक मास्क को नवीन टीम ने तैयार कर कर लिया है.
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वहीं मास्क की प्रणाली को नवीन सुमन ने सोशल साइट पर भी शेयर किया है. जिसमें सबसे ज्यादा कोलकाता, कोटा आर्मी, जयपुर, केरला, जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में मास्क के ऑर्डर आए हैं. अब तक डेढ़ लाख से अधिक मास्क के ऑर्डर मिल चुके हैं.
कोटा रेंज डीआईजी खुद कर रहें मास्क का उपयोग
समाज सेवी भरत शर्मा ने बताया कि इस मास्क को बनाने के बाद हमने सबसे पहले कोटा रेंज डीआईजी रविदत्त गौड़ को इसके प्रणाली बताई. जिसके बाद रविदत्त गौड़ ने खुद इस मास्क को पहनना शुरू कर दिया. साथ ही कोटा रेंज की पुलिस जवानों के लिए इस मास्क को देने के लिए आर्डर कर दिया. कोटा मेडिकल कॉलेज में लगे पुलिस के जवानों को यह मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं.
सभी जवानों को दो-दो मास्क दिए गए हैं, जो 1 दिन पहले जवान उसको सैनिटाइज कर सकेगा और दूसरे को अगले दिन उपयोग में ले सकेगा. वहीं लगातार चिकित्सा विभाग भी इस मास्क की तारीफ करते हुए मास्क को और बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है. पुलिस व चिकित्सा विभाग की यह मास्क पहली पसंद बन चुका है.
इंजीनियर हैं नवीन
बूंदी लंका गेट निवासी नवीन सुमन खुद एक इंजीनियर है. इससे पहले वह एक एलोवेरा जेल से सेल का भी अविष्कार कर चुके हैं. अब फिर उन्होंने फेस शिल्ड मास्क का आविष्कार किया है. जो चिकित्साकर्मी, पुलिस, मीडियाकर्मी और सफाईकर्मी के लिए नि:शुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं.
नवीन सुमन का कहना है कि यह मास्क फेस की पूरी सुरक्षा करेगा. यदि कोई व्यक्ति छींकता है तो उस छींक के साथ निकलने वाले जर्म्स कई समय तक हवा में रहते हैं. यह मास्क उसे आंख, नाक और मुंह में जाने से बचाएगा. जिससे मास्क लगाने वाले की सुरक्षा हो सकेगी. इससे पूरा फेस कवर होने से कोरोना वॉरीयर्स को काफी सुरक्षा महसूस होगी. साथ ही नवीन का कहना है कि मास्क चिकित्सा व पुलिसकर्मियों के लिए पीपीई किट के तरह इस्तेमाल जैसा उपयोग होगा. उनको वैसे ही सुरक्षा इसके माध्यम से मिल जाएगी.
हर मास्क पर जागरूकता का संदेश
इस मास्क में प्लास्टिक शीट का उपयोग किया गया है. प्लास्टिक फॉर्म का उपयोग करते हुए उसे प्लास्टिक के माध्यम से सिर के पीछे होते हुए बनाया गया है. जिससे पूरा फेश सुरक्षित रह सके. हालांकि, इन युवाओं को जैसे-जैसे ऑर्डर मिल रहे हैं. यह युवा उस हिसाब से इस मास्क को तैयार कर रहे हैं और बना रहे हैं. युवाओं की पहल अपने आप में सराहनीय है और काबिले तारीफ भी साबित होते भी नजर आ रही है. साथ ही हर मास्क पर कोरोना वायरस से जागरूक होने के स्लोगन लिखे हुए हैं.