केशवरायपाटन (बूंदी). इसे बदकिस्मती कहे या फिर कुदरत का कहर, पहले बीमारी ने बच्चों से पिता छीन लिया, और अब मां का आंचल भी. यह केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र के रोटेदा कस्बे में घटित घटना है, जहां तीन भाई-बहन अनाथ हो गए हैं.
रोटेदा पंचायत मुख्यालय के वार्ड नं. 4 निवासी मांगीलाल धोबी आयु 32 वर्ष की अज्ञात कारणों से गत 25 फरवरी को मौत हो गई थी. मृतक की पत्नी करीब एक महीने से बीमार थी. वहीं, पति के मौत के सदमे से और अधिक पीड़ित होने के कारण मृतक की पत्नी सरस्वती बाई ने भी 10 मार्च को बीमारी के कारण दम तोड़ दिया.
जानकारी के मुताबिक मृतक दम्पति के तीन बच्चे हैं जो उनकी मौत के बाद पूरी तरह बेसहारा से हो गए हैं. अब केवल बूढ़ी दादी ही बची हैं, जिनके आंचल से लिपट कर बच्चे रो रहे हैं. बड़ी बेटी लक्ष्मी 7 वर्ष की है, एक बेटा 5 वर्ष और दूसरे की उम्र महज 2 वर्ष ही है.
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इस परिवार पर दुखो का पहाड़ गत 25 फरवरी को तब टूटा, जब मांगीलाल की अचानक मौत हो गईं. इससे पहले की पोषण करने वाले की मौत के सदमे से परिवार उभर पाता बच्चों के सिर से मां का साया भी छिन गया. 10 मार्च को बच्चों की मां सरस्वती बाई की बीमारी और पति की मौत के सदमे के चलते मौत हो गई.
अब मुसीबत इस बात की भी है कि इन तीनो भाई-बहनों की परवरिश कैसे होगी और कौन करेगा. क्योंकि गरीबी के बीच जीवन-यापन करने वाले तीनों भाई-बहनों की बूढ़ी दादी खुद विकलांग हैं.