बूंदी. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है. ऐसे में आमजन की दिनचर्या में काफी फर्क पड़ा है. वहीं कैदियों को भी अपने परिजनों से मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. अब बूंदी जेल प्रशासन ने नई पहल करते हुए ई-मुलाकात शुरू किया गया है. जिसके माध्यम से ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग से कैदी अपने परिजनों से बात कर सकते हैं.
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के चलते आमजन की दिनचर्या में काफी फर्क पड़ा है और संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा सावधानी जेल में बंद कैदियों की और बढ़ गई है. जेल प्रशासन ने कैदियों के परिजनों से मिलने का सिस्टम पूरी तरह से कोरोना वायरस के चलते बंद करवा दिया था. ऐसे में परिजनों और कैदियों की मुलाकात बंद हो गई थी लेकिन बूंदी जेल प्रशासन ने एक नई पहल शुरू करते हुए ई-मुलाकात सिस्टम शुरू की है. इस सिस्टम के माध्यम से कैदियों को अपने परिजनों से वीडियो कॉलिंग के जरिए सुख-दुख शेयर करने का मौका मिल रहा है.
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बूंदी जेल में रोज 10 कैदियों को जेल प्रशासन अपने परिजनों से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात कर रहे हैं. जिसे देख कर कैदी खुश हो जाते हैं. वहीं कई कैदी तो अपने परिजनों को देख रोना भी शुरू कर देते हैं और गुहार लगाते हैं कि वह जल्द प्रयास करें कि उन्हें कैसे भी करके जेल से बाहर निकलवाए. वीडियो कॉलिंग के लिए हर कैदियों को 5 मिनट मिलते हैं. जिसके माध्यम से कैदी अपने परिजनों से वार्ता करते हैं.
वीडियो कॉलिंग के लिए सरकारी प्रकिया से पड़ता है गुजरना
वीडियो कॉलिंग करने के लिए कैदियों और उनके परिजनों को सरकारी प्रकिया से गुजारना पड़ता है. यहां पर एक कैदी अपने परिजनों के 10 नंबरों को वीडियो कॉलिंग में जुड़वा सकता है और किसी से भी कॉलिंग कर सकता है लेकिन उन 10 नंबरों को बूंदी जेल प्रशासन सत्यापन करता है. तभी उन 10 नंबरों को स्वीकृति मिलती है. इसके लिए जेल प्रशासन मुख्यालय द्वारा एक फॉर्म जारी किया हुआ है जिसे भरकर उक्त कैदी और उक्त कैदी के 10 नंबरों को दिया जाता है. फॉर्म भरकर बूंदी जेल प्रशासन उस फॉर्म को अपलोड करते हैं. फिर समय और तारीख बूंदी जेल प्रशासन तय करता है. उसी समय एक-एक कैदी को 5 मिनट का समय देकर वीडियो कॉलिंग पर परिजनों से बात करवाई जाती है.
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बूंदी जेल में 400 से अधिक कैदी है और उन कैदियों को 7 दिन में एक बार वीडियो कॉलिंग करने का मौका मिलता है. कोरोना वायरस के चलते जेल में किसी तरह के से संक्रमण नहीं फैले. इसको लेकर बूंदी जेल प्रशासन ने अच्छी पहल की है कि वह जेल में ही बैठकर अपने परिजनों से कुछ मिनटों के लिए बात कर सुख-दुख शेयर कर सकते हैं.
बूंदी जेल प्रभारी लोको उज्जवल सिंह ने बताया कि उच्च स्तरीय अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद बूंदी जेल में ई-मुलाकात सिस्टम को शुरू किया गया है. जिसके माध्यम से रोज 10 से अधिक कैदियों की वार्ता करवाई जा रही है. रोज नए 10 कैदियों को इस वार्ता में जोड़ रहे हैं. इससे कैदी भी अपने आप को ठगा सा महसूस नहीं कर पा रहे हैं और अपने परिजनों के बीच रह कर वह खुश हो जाते हैं जिससे जेल का माहौल भी अच्छा रहता है.