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नए कानून के बाद पहली बार हत्या की जीरो एफआईआर, पुलिस ने दिखाई गंभीरता, आरोपी 2000 किमी दूर से गिरफ्तार - FIRST ZERO FIR IN MURDER CASE

मारपीट में बिहार के युवक की मौत हो गई थी. युवक के पिता ने बिहार के पिपराही थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई थी.

First Zero FIR in Murder case
हत्या का आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 8, 2025, 5:03 PM IST

जयपुर: हत्या के मामले में जीरो एफआईआर पर जयपुर पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए आरोपी का करीब दो हजार किमी तक पीछा किया और आखिरकार उसे कर्नाटक के यशवंतपुरा से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. प्रदेश का हत्या का यह पहला मामला है. जिसमें मृतक के परिजनों ने जीरो एफआईआर दर्ज करवाई और पुलिस ने भी पूरी गंभीरता दिखाते हुए अपनी जांच को न केवल आगे बढ़ाया बल्कि अंजाम तक पहुंचाया.

जीरो एफआईआर पर पुलिस की गंभीरता से पकड़ा आरोपी (ETV Bharat Jaipur)

ऐसे में माना जा रहा है कि पीड़ित को हर हाल में न्याय दिलाने के जिस मकसद से जीरो एफआईआर का प्रावधान नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता) में किया गया है. यह केस उस कड़ी में पहला कदम साबित होगा. दरअसल, यह मामला जयपुर के बगरू थाना इलाके का है. जहां 3 नवंबर, 2024 को मारपीट की घटना में बिहार के एक युवक की मौत हो गई. युवक के पिता ने बिहार के पिपराही थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई. जो 10 नवंबर, 2024 को जयपुर पहुंची थी.

पढ़ें: अपराध होने पर किसी भी पुलिस थाने में दर्ज करवा सकते हैं जीरो एफआईआर, थानों के नहीं काटने पड़ते चक्कर - PROVISION OF ZERO FIR

जयपुर (पश्चिम) डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि 3 नवंबर, 2024 को बगरू थाना इलाके में एक मजदूर रंभु साह उर्फ झब्बू साह के साथ गंभीर मारपीट की गई. उसके बाद उसे एम्बुलेंस में उसके पैतृक गांव बिहार के के लक्ष्मणिया रोहुआ ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई. इस संबंध में बगरू थाने में शुरुआत में कोई शिकायत नहीं दी गई. झब्बू का परिवार आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं था कि वह जयपुर आकर मुकदमा दर्ज करवाते. ऐसे में मृतक के पिता ने बिहार के पिपराही थाने में एक जीरो एफआईआर दर्ज करवाई. यह एफआईआर 10 नवंबर को बगरू थाने में पहुंची. एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल के नेतृत्व में इस घटना को लेकर टीम का गठन किया गया.

पढ़ें: गुरुग्राम के हेड कांस्टेबल ने रिश्वत लेकर छोड़ा आरोपी को, जीरो एफआईआर दर्ज करने के हुए आदेश - order of Zero FIR on Head constable

काम दिलवाने के बहाने बिहार से लाए जयपुर: मृतक के पिता ने शिकायत में आरोप लगाया कि उसके गांव का रहने वाला रामजीत साहनी व अन्य उसके बेटे को गांव से जयपुर काम दिलवाने के बहाने लेकर आए थे. उन्होंने उससे मजदूरी करवाई और पैसे मांगने पर शराब पीकर उसके साथ मारपीट की. उन्होंने उस पर बेटे की हत्या का आरोप भी लगाया. इस शिकायत के आधार पर बगरू थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.

पढ़ें: 14 साल की किशोरी से पहले सामूहिक दुष्कर्म और फिर उतारा मौत के घाट, बारां में पिता ने दर्ज कराया मामला

टीमों का गठन कर किया आरोपी का पीछा: डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी के सभी रिश्तेदारों और अन्य ठिकानों पर पुलिस की टीम ने रैकी की. उसके दिल्ली में होने की जानकारी मिली तो टीम को वहां भेजा गया. लेकिन इससे पहले ही उसने अपना ठिकाना बदल लिया. इस टीम ने दिल्ली से ट्रैन रूट के हिसाब से आरोपी का तकनीकी रूप से पीछा किया. इससे उसके कर्नाटक में होने की जानकारी मिली. टीम ने कर्नाटक पहुंचकर उसकी पहचान सुनिश्चित की और बगरू थाने के एसआई सुनील गोदारा के नेतृत्व में उसे गिरफ्तार किया गया. उसे चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर टीम जयपुर लाई. अब पूछ्ताछ और अनुसंधान किया जा रहा है.

बीएनएस में जीरो एफआईआर अनिवार्य: देशभर में भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह के अपराध पर पीड़ित अपने निकटवर्ती थाने में केस दर्ज करवा सकता है. उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए उस थाने में जाएगी. जिस थाने के कार्यक्षेत्र में अपराध घटित हुआ है. हालांकि, पहले सिर्फ दुष्कर्म के मामले में ही जीरो एसईआर दर्ज होती थी. लेकिन अब किसी भी तरह का अपराध घटित होने पर पीड़ित अपने निकटवर्ती थाने में शिकायत दर्ज करवा सकता है. भले ही अपराध किसी दूसरे थाने के कार्यक्षेत्र में हुआ हो.

जयपुर: हत्या के मामले में जीरो एफआईआर पर जयपुर पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए आरोपी का करीब दो हजार किमी तक पीछा किया और आखिरकार उसे कर्नाटक के यशवंतपुरा से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. प्रदेश का हत्या का यह पहला मामला है. जिसमें मृतक के परिजनों ने जीरो एफआईआर दर्ज करवाई और पुलिस ने भी पूरी गंभीरता दिखाते हुए अपनी जांच को न केवल आगे बढ़ाया बल्कि अंजाम तक पहुंचाया.

जीरो एफआईआर पर पुलिस की गंभीरता से पकड़ा आरोपी (ETV Bharat Jaipur)

ऐसे में माना जा रहा है कि पीड़ित को हर हाल में न्याय दिलाने के जिस मकसद से जीरो एफआईआर का प्रावधान नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता) में किया गया है. यह केस उस कड़ी में पहला कदम साबित होगा. दरअसल, यह मामला जयपुर के बगरू थाना इलाके का है. जहां 3 नवंबर, 2024 को मारपीट की घटना में बिहार के एक युवक की मौत हो गई. युवक के पिता ने बिहार के पिपराही थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई. जो 10 नवंबर, 2024 को जयपुर पहुंची थी.

पढ़ें: अपराध होने पर किसी भी पुलिस थाने में दर्ज करवा सकते हैं जीरो एफआईआर, थानों के नहीं काटने पड़ते चक्कर - PROVISION OF ZERO FIR

जयपुर (पश्चिम) डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि 3 नवंबर, 2024 को बगरू थाना इलाके में एक मजदूर रंभु साह उर्फ झब्बू साह के साथ गंभीर मारपीट की गई. उसके बाद उसे एम्बुलेंस में उसके पैतृक गांव बिहार के के लक्ष्मणिया रोहुआ ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई. इस संबंध में बगरू थाने में शुरुआत में कोई शिकायत नहीं दी गई. झब्बू का परिवार आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं था कि वह जयपुर आकर मुकदमा दर्ज करवाते. ऐसे में मृतक के पिता ने बिहार के पिपराही थाने में एक जीरो एफआईआर दर्ज करवाई. यह एफआईआर 10 नवंबर को बगरू थाने में पहुंची. एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल के नेतृत्व में इस घटना को लेकर टीम का गठन किया गया.

पढ़ें: गुरुग्राम के हेड कांस्टेबल ने रिश्वत लेकर छोड़ा आरोपी को, जीरो एफआईआर दर्ज करने के हुए आदेश - order of Zero FIR on Head constable

काम दिलवाने के बहाने बिहार से लाए जयपुर: मृतक के पिता ने शिकायत में आरोप लगाया कि उसके गांव का रहने वाला रामजीत साहनी व अन्य उसके बेटे को गांव से जयपुर काम दिलवाने के बहाने लेकर आए थे. उन्होंने उससे मजदूरी करवाई और पैसे मांगने पर शराब पीकर उसके साथ मारपीट की. उन्होंने उस पर बेटे की हत्या का आरोप भी लगाया. इस शिकायत के आधार पर बगरू थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.

पढ़ें: 14 साल की किशोरी से पहले सामूहिक दुष्कर्म और फिर उतारा मौत के घाट, बारां में पिता ने दर्ज कराया मामला

टीमों का गठन कर किया आरोपी का पीछा: डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी के सभी रिश्तेदारों और अन्य ठिकानों पर पुलिस की टीम ने रैकी की. उसके दिल्ली में होने की जानकारी मिली तो टीम को वहां भेजा गया. लेकिन इससे पहले ही उसने अपना ठिकाना बदल लिया. इस टीम ने दिल्ली से ट्रैन रूट के हिसाब से आरोपी का तकनीकी रूप से पीछा किया. इससे उसके कर्नाटक में होने की जानकारी मिली. टीम ने कर्नाटक पहुंचकर उसकी पहचान सुनिश्चित की और बगरू थाने के एसआई सुनील गोदारा के नेतृत्व में उसे गिरफ्तार किया गया. उसे चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर टीम जयपुर लाई. अब पूछ्ताछ और अनुसंधान किया जा रहा है.

बीएनएस में जीरो एफआईआर अनिवार्य: देशभर में भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह के अपराध पर पीड़ित अपने निकटवर्ती थाने में केस दर्ज करवा सकता है. उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए उस थाने में जाएगी. जिस थाने के कार्यक्षेत्र में अपराध घटित हुआ है. हालांकि, पहले सिर्फ दुष्कर्म के मामले में ही जीरो एसईआर दर्ज होती थी. लेकिन अब किसी भी तरह का अपराध घटित होने पर पीड़ित अपने निकटवर्ती थाने में शिकायत दर्ज करवा सकता है. भले ही अपराध किसी दूसरे थाने के कार्यक्षेत्र में हुआ हो.

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