बूंदी. देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. राजस्थान के अंदर मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है हालांकि बूंदी जिले में अभी भी कोरोना वायरस का मरीज सामने नहीं आया है. फिर भी लगातार प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है.
चिकित्सा विभाग भी पूरी तरह से इतियात बरत रहा है और सतर्क है. बूंदी में चिकित्सा विभाग की ओर से कोरोना वायरस संग्रहण केंद्र की खिड़की पर कोरोना सैंपल कलेक्शन कियोस्क का निर्माण किया है. इसकी सहायता से स्वास्थ्य कर्मी यहां पर अपने दोनों हाथों से नाक और गले का कोरोना संदिग्ध मरीज का सैंपल ले रहे हैं. इससे स्वास्थ्य कर्मी किसी प्रकार से संक्रमित नहीं होंगे.
डॉ अनिल जांगिड़ का कहना है कि कोरोना टेस्ट लेने के लिए नाक औऱ गले में टेस्ट के लिए दवा डाली जाती है. इस दवा से कई बार मरीज की ओर से छीखने की भी आशंका रहती है. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित भी हो सकता है. हालांकि स्वास्थ्य कर्मी की ओर से पीपीई पहना हुआ होता है फिर भी अगर छीखने के दौरान पीपीई किट पर कोरोना वायरस चला जाए तो इससे स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमित हो सकता है. ऐसे में हमने सोशल मीडिया पर कोरोना सैंपल कलेक्शन केंद्र देखा तो हमने भी बूंदी में यह बना दिया और इसकी सहायता से हम कोरोना टेस्ट ले रहे हैं ताकि किसी प्रकार से कोई संक्रमित नहीं हो सके.
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कोरोना कर्म वीरों के लिए जितने भी एतियात की जाए उतनी कम है, लेकिन बूंदी चिकित्सा विभाग की ओर से कोरोना सैम्पल कलेक्शन केंद्र के अंदर इस तरीके से व्यवस्था की गई है कि अब किसी भी प्रकार से चिकित्सा कर्मी कोरोना इनफेक्टेड नहीं होगा और मरीज का दूर से ही सैंपल लेकर उसकी जांच की जा सकेगी. अब तक बूंदी में 100 से अधिक कोरोना सैंपल लिए जा चुके हैं जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.