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किसानों पर 'आसमानी' मार की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट....बूंदी में खरीफ की फसल पूरी तरह से चौपट

बूंदी में आसमान से बरसी आफत किसानों के लिए आर्थिक मार बनकर गिरी. जिले में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों के मुआवजा और फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग तेज हो गई. किसानों की फसल खेतों में एक से डेढ़ फीट पानी में डूब गई है. जिससे वो पूरी तरह से नष्ट हो गई है. जिसका जायजा लिया ईटीवी भारत की टीम ने...जानिए किसानों पर पड़ी आसमानी मार की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट...

Farmers crop destroyed, बूंदी में फसल खराब
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Published : Aug 20, 2019, 9:10 PM IST

बूंदी. जिले में लगातार बारिश से खरीफ की फसलों में पानी जमा हो गया. जिससे फसलें गलने लगी है. जिलेभर में नदी, नाले उफान पर हैं. ऐसे में ये पानी किसानों पर भी आफत बनकर आया. जिसने खेतों को जलमग्न कर दिया. जिससे उड़द, मक्का, तिल्ली और सोयाबीन की फसल पानी-पानी हो गई. इस कारण हजारों बीघा फसले किसानों की बर्बाद हो गई. वहीं फसल खराबे से पीड़ित किसानों ने ईटीवी भारत के जरिए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाई है.

बूंदी में किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट, देखें रिपोर्ट

इन क्षेत्रों में फसलों को हुआ ज्यादा नुकसान
जिले में पिछले कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्र खटकड़, स्थूर, सिलोर, नमाना, बड़ा नया गांव, अलोद, चेता, हनोतिया, अजेता, रायथल, हिंडौली गांव सहित जिले का आधा हिस्सा भारी वर्षा के कारण किसानों की सभी फसल जलमग्न हो गई. बारिश के कारण जान माल का नुकसान होने के साथ-साथ ग्रामीणों को सबसे ज्यादा तिल्ली,मक्का, उड़द की फसल नष्ट हो गई. खेत लाल एवं काले होने के चलते फसल खेत पर नजर नहीं आ रही है. इस बारिश में बर्बाद हुई फसलों से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: राजस्थान के इस दरगाह पर बहती है गंगा जमुनी तहजीब की धारा...हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं जन्माष्टमी

90 फीसदी फसल तैयार...और फिर पड़ी किसानों पर मार
खेतों में 90 फीसदी मक्का, तिल्ली, उड़द की फसल तैयार हो चुकी थी. लेकिन इस बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया और लाखों बीघा फसलें पानी में डूब गई. वहीं किसानों का कहना है कि हमने कड़ी मेहनत से इन फसलों को तैयार किया था और हमारी आंखों के सामने ही यह फसलें पानी में बर्बाद हो गई. जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने ये भी मांग की रखी है कि सरकार जल्द जो अति वर्षा हुई है, उसका सर्वे करवाए और हमें हमारी फसल का नुकसान दिलवाए.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: ऐसे पढ़ेगा तो कैसे बढ़ेगा इंडिया: जालोर के इस सरकारी स्कूल में 253 बच्चों पर सिर्फ 3 शिक्षक

केंद्र एवं राज्य सरकार से किसानों ने की राहत की मांग
यकीनन बूंदी जिले में इस भारी वर्षा के साथ आमजन और किसानों को भी नुकसान हुआ है. बारिश का दौर पिछले 3 दिनों से थम चुका है. लेकिन फिर भी कई जगह पर आज भी खेत जलमग्न है. गौरतलब है कि साल 2014 में भी इसी तरह प्राकृतिक आपदा आधे हिस्से में आई थी. जिसमें जिले के कई हिस्से तबाह हो गए थे और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. उस समय तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी क्षेत्र का दौरा कर किसानों को राहत पहुंचाई थी. अब फिर किसानों ने केंद्र एवं राज्य सरकार से राहत की मांग की है.

बूंदी. जिले में लगातार बारिश से खरीफ की फसलों में पानी जमा हो गया. जिससे फसलें गलने लगी है. जिलेभर में नदी, नाले उफान पर हैं. ऐसे में ये पानी किसानों पर भी आफत बनकर आया. जिसने खेतों को जलमग्न कर दिया. जिससे उड़द, मक्का, तिल्ली और सोयाबीन की फसल पानी-पानी हो गई. इस कारण हजारों बीघा फसले किसानों की बर्बाद हो गई. वहीं फसल खराबे से पीड़ित किसानों ने ईटीवी भारत के जरिए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाई है.

बूंदी में किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट, देखें रिपोर्ट

इन क्षेत्रों में फसलों को हुआ ज्यादा नुकसान
जिले में पिछले कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्र खटकड़, स्थूर, सिलोर, नमाना, बड़ा नया गांव, अलोद, चेता, हनोतिया, अजेता, रायथल, हिंडौली गांव सहित जिले का आधा हिस्सा भारी वर्षा के कारण किसानों की सभी फसल जलमग्न हो गई. बारिश के कारण जान माल का नुकसान होने के साथ-साथ ग्रामीणों को सबसे ज्यादा तिल्ली,मक्का, उड़द की फसल नष्ट हो गई. खेत लाल एवं काले होने के चलते फसल खेत पर नजर नहीं आ रही है. इस बारिश में बर्बाद हुई फसलों से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

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90 फीसदी फसल तैयार...और फिर पड़ी किसानों पर मार
खेतों में 90 फीसदी मक्का, तिल्ली, उड़द की फसल तैयार हो चुकी थी. लेकिन इस बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया और लाखों बीघा फसलें पानी में डूब गई. वहीं किसानों का कहना है कि हमने कड़ी मेहनत से इन फसलों को तैयार किया था और हमारी आंखों के सामने ही यह फसलें पानी में बर्बाद हो गई. जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने ये भी मांग की रखी है कि सरकार जल्द जो अति वर्षा हुई है, उसका सर्वे करवाए और हमें हमारी फसल का नुकसान दिलवाए.

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केंद्र एवं राज्य सरकार से किसानों ने की राहत की मांग
यकीनन बूंदी जिले में इस भारी वर्षा के साथ आमजन और किसानों को भी नुकसान हुआ है. बारिश का दौर पिछले 3 दिनों से थम चुका है. लेकिन फिर भी कई जगह पर आज भी खेत जलमग्न है. गौरतलब है कि साल 2014 में भी इसी तरह प्राकृतिक आपदा आधे हिस्से में आई थी. जिसमें जिले के कई हिस्से तबाह हो गए थे और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. उस समय तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी क्षेत्र का दौरा कर किसानों को राहत पहुंचाई थी. अब फिर किसानों ने केंद्र एवं राज्य सरकार से राहत की मांग की है.

Intro:बूंदी में बारिश से आम जन ही नही किसानों पर भी आफत बनकर आई है यहां जिले में नदी नाले उफान पर इतने आये की खेतो को जलमग्न कर दिया फिर क्या था उड़द , मक्का , तिल्ली एवं सोयाबीन की फसल पानी ही पानी हो गयी जिससे किसानों को हजारो बीघा फसले बर्बाद हो गई । किसानों को भारी नुकसान हुआ है । ईटीवी भारत के माध्यम से किसानों ने सरकार तक अपनी आवाज पहुचाई है।


Body:बूंदी । मेने फसल बुवाई ओर मेरी फसल जिस पानी के लिए में परेशान था वह आफत बनकर आई तो सब कुछ बर्बाद कर दिया हम कही के नही रहे यह कहना था उन किसानों का जिनकी फसले पानी मे बर्बाद हो गयी और उन्होंने ने इसी बारिश में बर्बाद होते देखा ओर करते भी क्या सैलाब इस तरह से था कि उड़द , मक्का ,तिल्ली की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गयी । जिले में पिछले कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्र खटकड़ ,स्थूर , सिलोर , नमाना , बड़ा नया गावँ , अलोद , चेता , हनोतिया , अजेता , रायथल , हिंडोली गांव सहित जिले का आधा हिस्सा भारी वर्षा के कारण किसानों की सभी फ़सल जलमग्न हो गयी । बारिश के कारण जान माल का नुकसान होंने के साथ साथ ग्रामीणों को सबसे तिल्ली ,मक्का , उड़द की फसल नष्ट हो गयी है । खेत लाल एवं काले होने के चलते फसल खेत पर नजर नही आ रही है। इस बारिश में बर्बाद हुई फसलो से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। खेतों में 90% मक्का , तिल्ली , उड़द की फसल तैयार हो चुकी थी लेकिन इस बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया और लाखों बीघा फसलें पानी-पानी हो गई । किसानों का कहना है कि हम ने कड़ी मेहनत से इन फसलों को तैयार किया था और हमारी आंखों के सामने ही यह फसलें पानी में बर्बाद हो गई जिससे हमें भारी नुकसान हुआ हे । किसानो ने कहा कि सरकार जल्द जो अति वर्षा हुई है उसका सर्वे करवाए और हमें हमारी फसल नुकसान दिलवाए। उन्होंने कहा कि खेतों में जिस तरीके से नुकसान हुआ है उसका मुआवजा मिले ओर अति वर्षा का अलग से मुआवजा मिले । उन्होंने etv भारत के माध्यम से सरकार तक अपनी आवाज को पहुचाया ओर अपनी बात कही है उन्होंने कहा कि इस अति वर्षा से लाखों नुकसान हुआ है जिसका सर्वे करवाये जाए ताकि हमे जल्द मुआवजा मिल सके ।


Conclusion:यकीनन बूंदी जिले में इस भारी वर्षा के साथ आमजन और किसानों को भी नुकसान हुआ है । बारिश का दौर पिछले 3 दिनों से थम चुका है । लेकिन फिर भी कई जगह पर आज भी खेत जलमग्न है । जिले का आधा हिस्सा कृषि प्रदान हिस्सा है ऐसा में कृषि क्षेत्र से ही अर्थव्यवस्था चलती है। ऐसे में आधा हिस्सा पूरा बर्बाद जाए तो बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है । आपको बता दे कि 2014 में भी इसी तरह प्राकतिक आपदा आधा हिस्से में आई थी जिसमें जिले के कई हिस्से तबाह हो गए थे और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था । उस समय वही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी क्षेत्र का दौरा कर किसानों को राहत पहुचाई थी । अब फिर किसानों ने केंद्र एवं राज्य से राहत की मांग की है ।

बाईट - दुलीचंद , किसान नेता
बाईट - राजेन्द्र , किसान
बाईट - भंवर सिंह ,किसान
वॉक थ्रो - सलीम अली
बाईट - श्याम बिहारी , किसान
बाईट - रमेश , किसान
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