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Lockdown Effect : बूंदी का प्रसिद्ध क्षेमकारी माताजी मंदिर अष्टमी को भी रहा सूना - राजस्थान लॉकडाउन अपडेट

मंदिरों में दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं में कोरोना वायरस का भय कहे या लॉकडाउन के चलते प्रशासन की सख्ती. इन दिनों नवरात्र के पर्व में भी जो मंदिर लोगों से खचाखच भरे होते थे, वे अब सूने पड़े हुए हैं.

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नवरात्रि में पहली बार मंदिर में लगा ताला
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Published : Apr 2, 2020, 10:54 AM IST

नैनवां (बूंदी). उपखंड में स्थित क्षेमकारी माताजी का मंदिर जो अष्टमी के दिन कभी खाली नहीं रहता था. वहां आज सन्नाटा छाया हुआ है. नवरात्रि में नौ दिन जहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता था. वहां पर कोरोना वायरस के चलते कोई नजर नहीं आ रहा है.

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नवरात्रि में पहली बार मंदिर में लगा ताला

वहीं नवरात्रि में अष्टमी के दिन राजपूत समाज के लोग बड़ी संख्या इस मंदिर में दर्शन आते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन होने लोग नवरात्रों में अपने कुल देवताओं के दर्शन तक नहीं कर पा रहे हैं.

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पुजारी हर दिन कर रहे मां की पूजा

देई कस्बे के क्षेमकारी माता जी के मंदिर में यह पहली बार देखा गया है, जब कोई श्रद्धालु यहां पर दर्शन को नहीं आया है. वहीं आमजन ने भी लॉकडाउन का समर्थन किया है. अगर कोरोना वायरस जंग जीतनी है तो हमें इसका पुरजोर लॉकडाउन का समर्थन करना होगा और अपने ही घरों में रहकर कोरोना की इस जंग पर जीत दर्ज करनी होगी.

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कभी श्रद्धालुओं से भरा होता था यह मंदिर

यह भी पढ़ें : तबलीगी जमात में भाग लेकर पाली में रह रहा था दल, जानकारी मिलते ही प्रशासन हुआ अलर्ट

श्रद्धालुओं की इसी सोच ओर समझदारी के चलते आज क्षेमकारी माता का मंदिर इतिहास मे पहली बार अष्टमी के दिन सूना रहा है. पुरे नवरात्रि के दौरान मंदिरों मे ताले इतिहास मे पहली बार लगे हैं. जो प्राचीन मंदिर नवरात्रि मे श्रद्धालुओं से अटे रहते थे, वहां आज वायरस के चलते श्रद्धालुओं के बीना सुनसान और विरान पड़े हैं. मंदिर में केवल पुजारी सुबह और शाम भगवान की पूजा करने के बाद वापस ताले लगा देते हैं.

नैनवां (बूंदी). उपखंड में स्थित क्षेमकारी माताजी का मंदिर जो अष्टमी के दिन कभी खाली नहीं रहता था. वहां आज सन्नाटा छाया हुआ है. नवरात्रि में नौ दिन जहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता था. वहां पर कोरोना वायरस के चलते कोई नजर नहीं आ रहा है.

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नवरात्रि में पहली बार मंदिर में लगा ताला

वहीं नवरात्रि में अष्टमी के दिन राजपूत समाज के लोग बड़ी संख्या इस मंदिर में दर्शन आते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन होने लोग नवरात्रों में अपने कुल देवताओं के दर्शन तक नहीं कर पा रहे हैं.

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पुजारी हर दिन कर रहे मां की पूजा

देई कस्बे के क्षेमकारी माता जी के मंदिर में यह पहली बार देखा गया है, जब कोई श्रद्धालु यहां पर दर्शन को नहीं आया है. वहीं आमजन ने भी लॉकडाउन का समर्थन किया है. अगर कोरोना वायरस जंग जीतनी है तो हमें इसका पुरजोर लॉकडाउन का समर्थन करना होगा और अपने ही घरों में रहकर कोरोना की इस जंग पर जीत दर्ज करनी होगी.

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कभी श्रद्धालुओं से भरा होता था यह मंदिर

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श्रद्धालुओं की इसी सोच ओर समझदारी के चलते आज क्षेमकारी माता का मंदिर इतिहास मे पहली बार अष्टमी के दिन सूना रहा है. पुरे नवरात्रि के दौरान मंदिरों मे ताले इतिहास मे पहली बार लगे हैं. जो प्राचीन मंदिर नवरात्रि मे श्रद्धालुओं से अटे रहते थे, वहां आज वायरस के चलते श्रद्धालुओं के बीना सुनसान और विरान पड़े हैं. मंदिर में केवल पुजारी सुबह और शाम भगवान की पूजा करने के बाद वापस ताले लगा देते हैं.

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