बूंदी. बूंदी नगर परिषद में नये बोर्ड गठन को करीब 75 दिन हो गये हैं. लेकिन नगर परिषद के लगभग 25 वार्डों में सफाई कर्मचारी नहीं है. जिससे वार्डों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिसको लेकर BJP पार्षदों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान शहर अध्यक्ष महावीर खंगार के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को 3 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया.
ज्ञापन में बताया गया कि नगर परिषद आयुक्त को सफाई कर्मचारी लगाने का निवेदन किया गया था. बावजूद सफाई कर्मचारी उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं. आयुक्त की ओर से भाजपा पार्षदों के वार्डों में सफाई कर्मचारी नहीं दिये जा रहे हैं. वहीं कोरोना महामारी विकराल रूप लेता जा रहा है और शहर में कचरे और गन्दगी के ढेर लगे हैं. नालियां जाम हो रही है जिससे कीचड हो रहा है. जिससे शहर मे डायरिया फैलने का खतरा बढ़ रहा है. इन सबके जिम्मेदार नगर परिषद आयुक्त की लापरवाही है.
जिला महामंत्री सुरेश अग्रवाल ने कहा कि शहर की पानी की सप्लाई नियमित तौर पर नहीं की जा रही है. पुराने बूंदी शहर की अधिकांश बस्तियां बिबनवा रोड, रेगर मोहल्ला, नायक मोहल्ला, बाहरली, बून्दी, देवपुरा, मधुबन कोलोनी आदि स्थानों पर पेयजल संकट की स्थिति है. बीजेपी पार्षदों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इन मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय पर हम आंदोलन करेंगे.
बता दें, पिछले 3 सालों से नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों की आधी-अधूरी सैलरी उन्हें दी जा रही है. करीब 70 से अधिक सफाई कर्मचारी बूंदी नगर परिषद में कार्यरत हैं. नगर परिषद की ओर से कमेटी बनाकर उन्हें हर माह आधे कर्मचारियों को सैलरी दी जाती है जबकि आधे कर्मचारियों को बाद में सैलरी दी जाती है. ऐसे में सैलरी समय पर नहीं मिलने के चलते कर्मचारी आए दिन हड़ताल पर भी चले जाते हैं. लेकिन इस बार संक्रमण के चलते सफाई कर्मचारी की कांग्रेस वार्डों में नियुक्ति को लेकर बूंदी नगर परिषद पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं और संक्रमण का बड़ा कारण नगर परिषद को बताया है.