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बूंदी में 20 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में जीने को मजबूर

बूंदी में सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई. वहीं यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है. उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फीट रह गयी. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और इलाका जलमग्न हो गया.

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Published : Sep 12, 2019, 11:14 AM IST

Updated : Sep 12, 2019, 11:58 AM IST

बूंदी. बाढ़ ग्रस्त इलाके में अतिक्रमण को हटाने को लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही जिला प्रशासन को 3 दिन का समय दिया है. ऐसे में लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही अतिक्रमण नहीं हटा तो वह 1 अक्टूबर को बूंदी बंद करवाएंगे.

बूंदी में बाढ़ ग्रसित लोगों का आंदोलन

दरअसल, बूंदी के 72 फीट के जैतसागर से बरसाती नाला अतिक्रमण से पूर्ण मुक्त होकर पक्का नाला बनाए जाने की मांग को लेकर अतिक्रमण मुक्त अभियान संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने गुरूवार को जिला कलेक्ट्रेट में बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने शहर में रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया.

पढ़ेंः बूंदी : सर्वे रिपोर्ट आने के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, आक्रोशित लोग करेंगे जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

ज्ञापन में बताया कि क्षेत्र वासियों ने प्रशासन की ओर से जैतसागर के बरसाती नाले पर किए गए अतिक्रमण का सर्वे कराकर चिन्हित करने के बाद भी अतिक्रमण की तुरंत कार्रवाई अमल में लाई गई है. युवा नेता रुपेश वर्मा ने बताया कि विगत 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस पर रक्षाबंधन के दिन बूंदी शहर की महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, बहादुर सिंह सर्किल, पुलिस लाइन पुलिस अधीक्षक कार्यालय, गणेश बाग, देवपुरा रोड बरसाती नाले के सही से निकास नहीं होने के कारण पूरे 3 दिन तक पानी में लोग रहे थे. बता दें कि यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हुए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है. ऐसे में जैतसागर और नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है.

पढ़ेंः 'राजस्थान में लक्ष्य से 60 लाख अधिक कार्यकर्ता भाजपा से जुड़े हैं, जो गौरव की बात है'

इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. वहीं नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा और 10 फीट गहरा हो गया है. यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है. उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया. इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20 हजार से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में है. नगर परिषद के अधिकारियों व पटवारी तथा कानूनगो के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. करीब 2 दिनों तक यहां पर सर्वे चला उसके बाद सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है. ऐसे में करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई. इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है. अगर नाले पर अतिक्रमण हट जाएगा तो बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में नहीं आएगा. करीब राजस्व रिकॉर्ड में 72 फीट के नाले को 72 फीट स्थापित कर दिया जाए ऐसी लोगों ने मांग रखी है.

पढ़ेंः 'छोटी काशी' में निकली ऐतिहासिक डोल यात्रा, उमड़े शहरवासी...घर-घर पहुंचे आराध्य देव

जिला कलेक्टर को प्रदर्शन के बाद अतिक्रमण हटाओ संघर्ष समिति और जिला प्रशासन के बीच वार्ता हुई जिसमें जिला प्रशासन ने जैतसागर के नाले के सभी अतिक्रमण को सात दिवस में सर्वे कराकर 22 अगस्त तक चिन्हित कर लिया गया था. शर्मा ने बताया कि गुरूवार को सभी लोग आदर्श विद्या मंदिर के पीछे दरेशाह बाबा चौक पर एकत्रित हुए जहां से रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां प्रदर्शन किया जिला को ज्ञापन दिया है. शर्मा ने बताया कि जिला क्लेक्टर ने 3 दिन का समय दिया है. लेकिन फिर भी हम 30 सितंबर तक जिला कलेक्टर से एक बार फिर मिलेंगे अगर हमारी बात पूरी नहीं हुई हमारी मांगों को नहीं मांगा गया तो हम 1 अक्टूबर को बूंदी बंद करेंगे.

बूंदी. बाढ़ ग्रस्त इलाके में अतिक्रमण को हटाने को लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही जिला प्रशासन को 3 दिन का समय दिया है. ऐसे में लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही अतिक्रमण नहीं हटा तो वह 1 अक्टूबर को बूंदी बंद करवाएंगे.

बूंदी में बाढ़ ग्रसित लोगों का आंदोलन

दरअसल, बूंदी के 72 फीट के जैतसागर से बरसाती नाला अतिक्रमण से पूर्ण मुक्त होकर पक्का नाला बनाए जाने की मांग को लेकर अतिक्रमण मुक्त अभियान संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने गुरूवार को जिला कलेक्ट्रेट में बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने शहर में रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया.

पढ़ेंः बूंदी : सर्वे रिपोर्ट आने के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, आक्रोशित लोग करेंगे जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

ज्ञापन में बताया कि क्षेत्र वासियों ने प्रशासन की ओर से जैतसागर के बरसाती नाले पर किए गए अतिक्रमण का सर्वे कराकर चिन्हित करने के बाद भी अतिक्रमण की तुरंत कार्रवाई अमल में लाई गई है. युवा नेता रुपेश वर्मा ने बताया कि विगत 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस पर रक्षाबंधन के दिन बूंदी शहर की महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, बहादुर सिंह सर्किल, पुलिस लाइन पुलिस अधीक्षक कार्यालय, गणेश बाग, देवपुरा रोड बरसाती नाले के सही से निकास नहीं होने के कारण पूरे 3 दिन तक पानी में लोग रहे थे. बता दें कि यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हुए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है. ऐसे में जैतसागर और नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है.

पढ़ेंः 'राजस्थान में लक्ष्य से 60 लाख अधिक कार्यकर्ता भाजपा से जुड़े हैं, जो गौरव की बात है'

इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. वहीं नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा और 10 फीट गहरा हो गया है. यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है. उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया. इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20 हजार से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में है. नगर परिषद के अधिकारियों व पटवारी तथा कानूनगो के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. करीब 2 दिनों तक यहां पर सर्वे चला उसके बाद सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है. ऐसे में करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई. इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है. अगर नाले पर अतिक्रमण हट जाएगा तो बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में नहीं आएगा. करीब राजस्व रिकॉर्ड में 72 फीट के नाले को 72 फीट स्थापित कर दिया जाए ऐसी लोगों ने मांग रखी है.

पढ़ेंः 'छोटी काशी' में निकली ऐतिहासिक डोल यात्रा, उमड़े शहरवासी...घर-घर पहुंचे आराध्य देव

जिला कलेक्टर को प्रदर्शन के बाद अतिक्रमण हटाओ संघर्ष समिति और जिला प्रशासन के बीच वार्ता हुई जिसमें जिला प्रशासन ने जैतसागर के नाले के सभी अतिक्रमण को सात दिवस में सर्वे कराकर 22 अगस्त तक चिन्हित कर लिया गया था. शर्मा ने बताया कि गुरूवार को सभी लोग आदर्श विद्या मंदिर के पीछे दरेशाह बाबा चौक पर एकत्रित हुए जहां से रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां प्रदर्शन किया जिला को ज्ञापन दिया है. शर्मा ने बताया कि जिला क्लेक्टर ने 3 दिन का समय दिया है. लेकिन फिर भी हम 30 सितंबर तक जिला कलेक्टर से एक बार फिर मिलेंगे अगर हमारी बात पूरी नहीं हुई हमारी मांगों को नहीं मांगा गया तो हम 1 अक्टूबर को बूंदी बंद करेंगे.

Intro:बूंदी के आधे हिस्से में कुछ दिन पूर्व आई बाढ़ के बाद इलाके के बाढ़ ग्रस्त लोगों की मांगे की जो शहर से निकल रहे 10 किलोमीटर का नाला है उसका अतिक्रमण हटाया जाए इसको लेकर पिछले 15 दिनों से प्रशासन और बाढ़ ग्रस्त लोगों में गतिरोध बना हुआ है । आज बड़ी संख्या में लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन द्वारा 3 दिन का समय मांगा है । ऐसे में लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही अतिक्रमण नहीं हटा तो वह 1 अक्टूबर को बूंदी बंद करवाएंगे ।


Body:बूंदी के 72 फीट के जैतसागर से बरसाती नाला अतिक्रमण से पूर्ण मुक्त होकर पक्का नाला बनाए जाने की मांग को लेकर अतिक्रमण मुक्त अभियान संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने आज जिला कलेक्ट्रेट में बड़ी संख्या में महिलाओं एवं पुरुषों ने शहर में रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में बताया कि क्षेत्र वासियों ने प्रशासन द्वारा जैतसागर के बरसाती नाले पर किए गए अतिक्रमण का सर्वे कराकर चिन्हित करने के बाद भी अतिक्रमण की तुरंत कार्रवाई अमल में लाई गई है । युवा नेता रुपेश वर्मा ने बताया कि विगत 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस पर रक्षाबंधन के दिन बूंदी शहर की महावीर कॉलोनी ,जवाहर कॉलोनी, बहादुर सिंह सर्किल ,पुलिस लाइन पुलिस अधीक्षक कार्यालय ,गणेश बाग ,देवपुरा रोड बरसाती नाले के सही से निकास नहीं होने के कारण पूरे 3 दिन तक पानी में लोग रहे थे ।इसी के कारण इन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की खाद्य सामग्री से लेकर अन्य सामग्रियों में पानी के साथ साथ जीव जंतु के बीच रात गुजारी थी ।

यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है । ऐसे में जैतसागर एवं नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है। इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान व स्कूल बने हुए हैं । नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी ,महावीर कॉलोनी ,पुलिस लाइन ,शास्त्री नगर , देवपुरा ताल अतिक्रमण है। नाले पर लोगों ने अतिक्रमण के चलते अपनी पानी दीवारे खड़ी कर रखी है। नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा व 10 फीट गहरा गया है । नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालो को सह दे रखी है । यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी । ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया । इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20000 से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में रहे । महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी , गणेश नगर की कॉलोनी में पानी भर गया था । नगर परिषद के अधिकारियों व पटवारी तथा कानूनगो के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था । करीब 2 दिनों तक यहां पर सर्वे चला उसके बाद सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है । ऐसे में करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई। इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है । अतिक्रमण है जो करीब 100 से 200 की तादाद में है । अगर नाले पर अतिक्रमण हट जाएगा तो बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में नहीं आएगा । करीब राजस्व रिकॉर्ड में 72 फिट के नाले को 72 फिट स्थापित का कर दिया जाए ऐसी उन्होंने मांग रखी ।




Conclusion:जिला कलेक्टर को प्रदर्शन के बाद अतिक्रमण हटाओ संघर्ष समिति और जिला प्रशासन के बीच वार्ता हुई जिसमें जिला प्रशासन ने जैतसागर के नाले के सभी अतिक्रमण को सात दिवस में सर्वे कराकर 22 अगस्त तक चिन्हित कर लिया गया था । शर्मा ने बताया कि आज सभी लोग आदर्श विद्या मंदिर के पीछे दरेशाह बाबा चौक पर एकत्रित हुए जहां से रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां प्रदर्शन किया जिला को ज्ञापन सौंपा । शर्मा ने बताया कि जिला क्लेक्टर ने 3 दिन का समय दिया है । लेकिन फिर भी हम 30 सितंबर तक जिला कलेक्टर से एक बार फिर मिलेंगे अगर हमारी बात पूरी नहीं हुई हमारी मांगों को नहीं मांगा गया तो हम 1 अक्टूबर को बूंदी बंद करेंगे .

बाईट - रूपेश शर्मा , युवा नेता
बाईट - मुकेश माधवानी , पार्षद
बाईट - नरेंद्र पायलेट , समाजसेवी
Last Updated : Sep 12, 2019, 11:58 AM IST
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