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प्रदेश में जानवरों से फैलने वाली बीमारी का कहर, बीते 20 दिन में लेप्टोस्पायरोसिस व ब्रुसेलोसिस के 14 केस मिले - SYMPTOMS OF DISEASES

राजस्थान में इन दिनों जानवरों से फैलने वाली बीमारी लेप्टोस्पायरोसिस व ब्रुसेलोसिस के मामले सामने आ रहे हैं.

जानवरों से फैलने वाली बीमारी
जानवरों से फैलने वाली बीमारी (सांकेतिक फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 21, 2025, 1:05 PM IST

Updated : Jan 21, 2025, 1:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान में जानवरों से होने वाली बीमारी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है. प्रदेश में लेप्टोस्पायरोसिस और ब्रुसेलोसिस के मामले तेज़ी से बढ़ने लगे हैं. बीमारी से लगातार पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या सामने आ रही है. लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी आमतौर पर चूहों से मनुष्य में फैलती है, जबकि ब्रुसेलोसिस अन्य जानवरो के संपर्क में आने से मनुष्य में फैलती है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण आमतौर पर सामान्य बुखार की तरह होते हैं. यह बीमारी जल्द पकड़ में नहीं आती.

लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है. जूनोटिक बीमारी का मतलब है कि जानवरों से मनुष्य में फैलने वाली बीमारी. जानवरों से संपर्क में आने पर कई बार मनुष्य इस बीमारी का शिकार हो जाता है. आमतौर पर लेप्टोस्पायरोसिस जानवरों के पेशाब से मनुष्यों में फैलता है जिसमें लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया होता है. आंकड़ों की बात करें तो अभी तक राजस्थान में लैप्टोस्पायरोसिस के 2 पॉज़िटिव मामले सामने आए हैं. इस बीमारी के लक्षण सीकर और झुंझुनू में एक-एक मरीज़ में देखने को मिला है. जबकि बीते साल इस बीमारी के 30 से अधिक मामले सामने आए थे जिसमें सबसे अधिक पॉजिटिव केस राजधानी जयपुर में देखने को मिला था.

पढ़ें: यूरिक एसिड बनने से होता है गठिया, जानिए कारण, लक्षण और नियंत्रण के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

ब्रुसेलोसिस का आंकड़ा बढ़ा : चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में ब्रुसेलोसिस बीमारी के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है. बीते 20 दिनों में 12 पॉज़िटिव मामले पूरे राजस्थान में देखने को मिले हैं. जिसमें भरतपुर ,करौली ,धौलपुर ,जयपुर ,अलवर, दौसा ,बूंदी ,कोटा आदि ज़िले शामिल हैं. बीते वर्ष इस बीमारी के 60 से अधिक मामले सामने आए थे लेकिन नए साल में यह बीमारी तेज़ी से अपना पैर पसार रही है.

ब्रुसेलोसिस जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है
ब्रुसेलोसिस जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है (फोटो ईटीवी भारत GFX)

ब्रुसेलोसिस के लक्षण : ब्रुसेलोसिस बीमारी आमतौर पर जानवरों में देखने को मिलती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से मनुष्यों में भी इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. बीते वर्ष राजस्थान के अलग अलग ज़िलों से इस बीमारी के मामले सामने आए थे. ब्रुसेलोसिस जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है. इस बीमारी के लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे हैं. जिसमे बुखार आना ,भूख न लगना, पीठ दर्द, ठंड लगना, सुस्ती, चक्कर आना, सिर दर्द, पेट दर्द, जोड़ो में दर्द और वजन घटना प्रमुख लक्षणों में शामिल है. चिकित्सकों का कहना है कि कच्चे मांस का सेवन और कच्चे दूध के सेवन से इस बीमारी का ख़तरा अधिक बढ़ जाता है.

चूहों के यूरीन से फैलने वाली बीमारी
चूहों के यूरीन से फैलने वाली बीमारी (फोटो ईटीवी भारत gfx)

लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण : चूहों के यूरीन से फैलने वाली लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी में मरीज में सबसे पहले तेज बुखार देखने को मिलता है और उसके बाद शरीर पर हल्के फफोले पड़ना शुरू हो जाते हैं. इसके अलावा सिर दर्द,ठंड लगना,मांसपेशियों में दर्द,पेट में दर्द,उल्टी दस्त जैसे भी लक्षण नजर आते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि जिस क्षेत्र में चूहों की संख्या ज़्यादा है वहां इस बीमारी से ग्रसित मरीज़ अधिक पाए जाते हैं. दरअसल चूहों के यूरीन के संपर्क में आने पर यह बीमारी फैलती है. ऐसे में यदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है और सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर कई बार मरीज की जान भी चली जाती है.

जयपुर. राजस्थान में जानवरों से होने वाली बीमारी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है. प्रदेश में लेप्टोस्पायरोसिस और ब्रुसेलोसिस के मामले तेज़ी से बढ़ने लगे हैं. बीमारी से लगातार पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या सामने आ रही है. लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी आमतौर पर चूहों से मनुष्य में फैलती है, जबकि ब्रुसेलोसिस अन्य जानवरो के संपर्क में आने से मनुष्य में फैलती है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण आमतौर पर सामान्य बुखार की तरह होते हैं. यह बीमारी जल्द पकड़ में नहीं आती.

लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है. जूनोटिक बीमारी का मतलब है कि जानवरों से मनुष्य में फैलने वाली बीमारी. जानवरों से संपर्क में आने पर कई बार मनुष्य इस बीमारी का शिकार हो जाता है. आमतौर पर लेप्टोस्पायरोसिस जानवरों के पेशाब से मनुष्यों में फैलता है जिसमें लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया होता है. आंकड़ों की बात करें तो अभी तक राजस्थान में लैप्टोस्पायरोसिस के 2 पॉज़िटिव मामले सामने आए हैं. इस बीमारी के लक्षण सीकर और झुंझुनू में एक-एक मरीज़ में देखने को मिला है. जबकि बीते साल इस बीमारी के 30 से अधिक मामले सामने आए थे जिसमें सबसे अधिक पॉजिटिव केस राजधानी जयपुर में देखने को मिला था.

पढ़ें: यूरिक एसिड बनने से होता है गठिया, जानिए कारण, लक्षण और नियंत्रण के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

ब्रुसेलोसिस का आंकड़ा बढ़ा : चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में ब्रुसेलोसिस बीमारी के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है. बीते 20 दिनों में 12 पॉज़िटिव मामले पूरे राजस्थान में देखने को मिले हैं. जिसमें भरतपुर ,करौली ,धौलपुर ,जयपुर ,अलवर, दौसा ,बूंदी ,कोटा आदि ज़िले शामिल हैं. बीते वर्ष इस बीमारी के 60 से अधिक मामले सामने आए थे लेकिन नए साल में यह बीमारी तेज़ी से अपना पैर पसार रही है.

ब्रुसेलोसिस जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है
ब्रुसेलोसिस जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है (फोटो ईटीवी भारत GFX)

ब्रुसेलोसिस के लक्षण : ब्रुसेलोसिस बीमारी आमतौर पर जानवरों में देखने को मिलती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से मनुष्यों में भी इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. बीते वर्ष राजस्थान के अलग अलग ज़िलों से इस बीमारी के मामले सामने आए थे. ब्रुसेलोसिस जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है. इस बीमारी के लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे हैं. जिसमे बुखार आना ,भूख न लगना, पीठ दर्द, ठंड लगना, सुस्ती, चक्कर आना, सिर दर्द, पेट दर्द, जोड़ो में दर्द और वजन घटना प्रमुख लक्षणों में शामिल है. चिकित्सकों का कहना है कि कच्चे मांस का सेवन और कच्चे दूध के सेवन से इस बीमारी का ख़तरा अधिक बढ़ जाता है.

चूहों के यूरीन से फैलने वाली बीमारी
चूहों के यूरीन से फैलने वाली बीमारी (फोटो ईटीवी भारत gfx)

लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण : चूहों के यूरीन से फैलने वाली लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी में मरीज में सबसे पहले तेज बुखार देखने को मिलता है और उसके बाद शरीर पर हल्के फफोले पड़ना शुरू हो जाते हैं. इसके अलावा सिर दर्द,ठंड लगना,मांसपेशियों में दर्द,पेट में दर्द,उल्टी दस्त जैसे भी लक्षण नजर आते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि जिस क्षेत्र में चूहों की संख्या ज़्यादा है वहां इस बीमारी से ग्रसित मरीज़ अधिक पाए जाते हैं. दरअसल चूहों के यूरीन के संपर्क में आने पर यह बीमारी फैलती है. ऐसे में यदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है और सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर कई बार मरीज की जान भी चली जाती है.

Last Updated : Jan 21, 2025, 1:42 PM IST
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