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बूंदी : कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी..राज परिवार के प्रॉपर्टी विवाद में कोर्ट का प्रसंज्ञान - Bhanwar Jitendra Royal Family Estate Case

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest warrant against Bhanwar Jitendra) जारी किया गया है. राज परिवार के संपत्ति विवाद मामले में बूंदी कोर्ट ने प्रज्ञान लिया है. भंवर जितेंद्र पर अपने मामा रणजीत सिंह की वसियत (Ranjit Singh will case) के साथ छेड़छाड़ करने और फर्जी तरीके से अपने हित में बनवाने के आरोप हैं. बूंदी न्यायालय ने इस मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए भंवर जितेंद्र समेत 3 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये हैं. भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इस बारे में पुलिस ने एफआर लगा दी थी, किन दस्तावेज पर कोर्ट ने निर्देश दिये हैं, ये जानकारी जुटाई जा रही है.

Bhanwar Jitendra Singh Property Controversy,  Arrest warrant of Bhanwar Jitendra Singh
भंवर जितेंद्र के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
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Published : Nov 26, 2021, 7:07 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 9:25 PM IST

बूंदी. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बूंदी न्यायालय ने भंवर जितेंद्र सिंह को प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ पर प्रसंज्ञान लिया है. इस आधार पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest warrant of Bhanwar Jitendra Singh) जारी किए गए हैं.

बता दें कि राज परिवार के संपत्ति विवाद मामले में वर्ष 2017 में अविनाश चांदना ने भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट बूंदी ने भंवर जितेंद्र सिंह को उनके मामा रणजीत सिंह की वसियत (Ranjit Singh will case ) को लेकर स्वयं के फायदे के लिए ट्रस्ट डीड बनाने का आरोपी माना है. इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने के आरोप में धारा 420, 467, 468 व 471 में लिया प्रसंज्ञान लिया है.

भंवर जितेंद्र के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

कोर्ट ने भंवर जितेंद्र के साथ बूंदी के पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथ हाड़ा और भंवर जितेंद्र के ससुर बृजेंद्र सिंह को भी इस फर्जीवाड़े में शामिल माना है. कोर्ट ने तीनों के खिलाफ फौजदारी में प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया है. इस मामले में अगली तारीख 6 जनवरी 2022 रखी गई है.

मामले के अनुसार बूंदी के पूर्व नरेश रणजीत सिंह ने अपनी पूरी वसीयत मित्र अविनाश चांदना के नाम की थी. रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद उनके भांजे भंवर जितेंद्र सिंह ने एक ट्रस्ट डीड उजागर की थी. जिसमें बताया कि उनके मामा ने पूरी संपत्ति ट्रस्टी डीड बनाकर आशापुरा माता मंदिर को समर्पित कर दिया है. साथ ही इस ट्रस्ट का मुख्य सेवायत भंवर जितेंद्र सिंह को बनाया है.

पढ़ें- देश की विदेश नीति पूरी तरह से फेल, जो देश भारत पर निर्भर थे वो आज हावी होने लगी: भंवर जितेंद्र सिंह

रणजीत सिंह के मित्र अविनाश चांदना ने ट्रस्ट डीड को फर्जी बताते हुए वर्ष 2017 में कोतवाली पुलिस थाने में भंवर जितेन्द्र सिंह और ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथ सिंह हाड़ा, बृजेन्द्र सिंह के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करवाया था. भंवर जितेन्द्र सिंह ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मुकदमे को खारिज करने की अपील की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

जबकि बूंदी पुलिस ने इस मामले में एफआर लगाकर मामला न्यायालय में पेश कर दिया था. न्यायालय में अविनाश चांदना ने पुलिस की लगाई गई एफआर को चुनौती दी. इस पर आज न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेते हुए भंवर जितेन्द्र सिंह (Bhanwar Jitendra Singh Property Controversy), श्रीनाथ सिंह हाड़ा, बृजेन्द्र सिंह को दोषी मानते हुए उन्हें गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है.

इस मामले पर ये बोले भंवर जितेंद्र सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि बूंदी के न्यायालय के आदेश की अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन बूंदी रियासत से जुड़े मामले में पहले पुलिस ने अपनी जांच पूरी करते हुए एफआर लगाई थी. न्यायालय ने भी उसको मंजूर किया था. इसके बाद किन दस्तावेजों के आधार पर यह मामला फिर से न्यायालय में पहुंचा व न्यायालय ने क्या आदेश दिया है, इसके बारे में जानकारी की जा रही है. मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी मिली है.

बूंदी. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बूंदी न्यायालय ने भंवर जितेंद्र सिंह को प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ पर प्रसंज्ञान लिया है. इस आधार पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest warrant of Bhanwar Jitendra Singh) जारी किए गए हैं.

बता दें कि राज परिवार के संपत्ति विवाद मामले में वर्ष 2017 में अविनाश चांदना ने भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट बूंदी ने भंवर जितेंद्र सिंह को उनके मामा रणजीत सिंह की वसियत (Ranjit Singh will case ) को लेकर स्वयं के फायदे के लिए ट्रस्ट डीड बनाने का आरोपी माना है. इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने के आरोप में धारा 420, 467, 468 व 471 में लिया प्रसंज्ञान लिया है.

भंवर जितेंद्र के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

कोर्ट ने भंवर जितेंद्र के साथ बूंदी के पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथ हाड़ा और भंवर जितेंद्र के ससुर बृजेंद्र सिंह को भी इस फर्जीवाड़े में शामिल माना है. कोर्ट ने तीनों के खिलाफ फौजदारी में प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया है. इस मामले में अगली तारीख 6 जनवरी 2022 रखी गई है.

मामले के अनुसार बूंदी के पूर्व नरेश रणजीत सिंह ने अपनी पूरी वसीयत मित्र अविनाश चांदना के नाम की थी. रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद उनके भांजे भंवर जितेंद्र सिंह ने एक ट्रस्ट डीड उजागर की थी. जिसमें बताया कि उनके मामा ने पूरी संपत्ति ट्रस्टी डीड बनाकर आशापुरा माता मंदिर को समर्पित कर दिया है. साथ ही इस ट्रस्ट का मुख्य सेवायत भंवर जितेंद्र सिंह को बनाया है.

पढ़ें- देश की विदेश नीति पूरी तरह से फेल, जो देश भारत पर निर्भर थे वो आज हावी होने लगी: भंवर जितेंद्र सिंह

रणजीत सिंह के मित्र अविनाश चांदना ने ट्रस्ट डीड को फर्जी बताते हुए वर्ष 2017 में कोतवाली पुलिस थाने में भंवर जितेन्द्र सिंह और ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथ सिंह हाड़ा, बृजेन्द्र सिंह के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करवाया था. भंवर जितेन्द्र सिंह ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मुकदमे को खारिज करने की अपील की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

जबकि बूंदी पुलिस ने इस मामले में एफआर लगाकर मामला न्यायालय में पेश कर दिया था. न्यायालय में अविनाश चांदना ने पुलिस की लगाई गई एफआर को चुनौती दी. इस पर आज न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेते हुए भंवर जितेन्द्र सिंह (Bhanwar Jitendra Singh Property Controversy), श्रीनाथ सिंह हाड़ा, बृजेन्द्र सिंह को दोषी मानते हुए उन्हें गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है.

इस मामले पर ये बोले भंवर जितेंद्र सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि बूंदी के न्यायालय के आदेश की अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन बूंदी रियासत से जुड़े मामले में पहले पुलिस ने अपनी जांच पूरी करते हुए एफआर लगाई थी. न्यायालय ने भी उसको मंजूर किया था. इसके बाद किन दस्तावेजों के आधार पर यह मामला फिर से न्यायालय में पहुंचा व न्यायालय ने क्या आदेश दिया है, इसके बारे में जानकारी की जा रही है. मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी मिली है.

Last Updated : Nov 26, 2021, 9:25 PM IST
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