बूंदी. जिले में 10 जुलाई को हुए RSS की बाल शाखा पर हमले का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में शुक्रवार को सांप्रदायिक धाराओं में आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर हिंदू समाज रक्षा मंच की ओर से मौन जुलूस निकाला गया. जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंच कर विरोध जताया.
इस दौरान भारी पुलिस बल ने कलेक्ट्रेट में जाने से लोगों को रोक दिया और कलेक्ट्रेट में जुलूस को प्रवेश नहीं करने दिया. ऐसे में हिंदू संगठनों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जल्द कार्रवाई की मांग की और ऐसा नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
दरअसल, बूंदी के नवल सागर पार्क में 10 जुलाई को शाम के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक की शाखा का लग रही थी. तभी समुदाय विशेष के बच्चे और बाल स्वयंसेवकों में विवाद हो गया और विवाद मारपीट तक पहुंच गया. इस मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. विवाद बढ़ा तो पुलिस ने समुदाय विशेष के 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां, कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया.
वहीं, इस मामले में हिंदू संगठन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनके ऊपर साधारण धारा लगाई गई है. ऐसे में जिस तरीके से घटना को अंजाम दिया गया है, वह धार्मिक उन्माद फैलाने की नीयत से किया गया है. कथित मारपीट बालकों के साथ हुई है, तो उन पर सांप्रदायिक धाराओं में मामला दर्ज हो. इसी मांग को लेकर शक्ल हिंदू समाज, रक्षा मंच के आह्वान पर नवल सागर पार्क से जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेश से आए पदाधिकारी शामिल हुए.
इस दौरान मुख्य मार्गों से होता हुआ जुलूस जिला कलेक्टर पर पहुंचा. यहां, पर पुलिस ने जुलूस को रोक दिया और कलेक्ट्रेट में प्रवेश नहीं होने दिया. पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल को कलेक्टर के पास भेजा, जहां पर प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर से मिलने गया और जिला कलेक्टर को अपनी पांच मांगो का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रदर्शन में बूंदी विधायक अशोक डोगरा, विहिप के प्रांत उपाध्यक्ष प्रताप सिंह नागदा, विद्या भारती के जिला महामंत्री महेंद्र शर्मा, जिला संघ संचालक मोहन भारद्वाज, भाजपा जिला प्रभारी शंकरलाल टांडा, जिला अध्यक्ष महिपत सिंह, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, प्रदेश महामंत्री, छगन माहुर सहित कई लोग मौजूद रहे.