कोटपूतली. किरतपुरा की ढाणी में बोरवेल के गड्ढे में तीन साल की चेतना को निकालने का काम पांचवें दिन भी जारी है. लेकिन गुरुवार की रात से हो रही बरसात के चलते रेस्क्यू में बाधा आ गई है. मासूम बच्ची 5 दिन से भूखी प्यासी बोरवेल में फंसी हुई है. ऐसे में अब उसके बचने की संभावना भी बहुत कम है. परिजनों के धैर्य का बांध टूटने लगा है. परिजनों ने प्रशासन पर रेस्क्यू कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं चेतना की मां के हालत बुधवार को खराब हो गई थी. जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल प्रशासन ने बताया कि खुदाई का काम पूरा हो चुका है. अब 90 डिग्री पर 8 फीट होरिजेंटल टनल बनाने का काम किया जा रहा है.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन का संयुक्त अभियान लगातार जारी है. अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षित बचाव कर्मी बोरिंग के समानांतर पाईलिंग मशीन द्वारा गड्ढा खोदकर केसिंग पाइप की वेल्डिंग का काम कर रहे हैं. उसके बाद एनडीआरएफ के प्रशिक्षित जवानों को इसके बाद गड्ढे में शिफ्ट वाइज उतारा जाएगा और नीचे से होरिजेंटल खुदाई करते हुए बोरवेल में फंसी बच्ची तक पहुंचा जाएगा. उनके पास ऑक्सीजन सहित सभी उपकरण मौजूद हैं.
चेतना के लिए दुआओं का दौर : घटना स्थल पर लगातार 5 दिनों से सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण लोग मौजूद हैं. ऐसे में ग्रामीण व परिजन चेतना की सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं. वहां मौके पर प्रार्थना सभा व कार्यक्रम के आयोजन भी चल रहे हैं. घटना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है.
प्रशासन के सभी प्लान अब तक फेल : चेतना के बोरवेल में गिरने के बाद से प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन अभी तक प्रशासन को सफलता नहीं मिली है. चार दिन बीत चुके हैं और पांचवें दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. प्रतिदिन प्रशासन की तरफ से नया प्लान बनाया जाता है और सभी प्लान अभी तक कारगर साबित नहीं हुए हैं. किरतपुरा की ढाणी में नवनिर्मित बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय बच्ची चेतना को करीब 95 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है. घटना के बाद से लगातार पांचवें दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है. बोरवेल के पास पाइलिंग मशीन से 170 फीट की खुदाई की जा रही है, और 90 डिग्री पर 8 फीट लंबी होरिजेंटल टनल बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
गुरुवार रात को अचानक मौसम में बदलाव के कारण हल्की बरसात शुरू हो गई, जिससे रेस्क्यू अभियान पर असर पड़ा. हालांकि, मौसम की बाधाओं के बावजूद रेस्क्यू टीम ने काम करना जारी रखा है. शुक्रवार सुबह तक बारिश बढ़ने से घटनास्थल पर तिरपाल लगाकर टीम ने काम करना जारी रखा. एडिशनल एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि "एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन का संयुक्त रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है. इसके तहत प्रशिक्षित बचाव कर्मी पाइलिंग मशीन द्वारा गड्ढा खोदकर केसिंग पाइप की वेल्डिंग का काम कर रहे हैं. इसके बाद एनडीआरएफ के जवानों को शिफ्ट वाइज गड्ढे में उतारा जाएगा, और होरिजेंटल खुदाई के जरिए बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा."
बोरवेल में गिरने के बाद से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को पांच दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन को सफलता नहीं मिल पाई है. उत्तराखंड से स्पेशल टीम को बुलाया गया है, जो पाइपिंग मशीन से लगातार खुदाई कर रही है. बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. करीब 95 घंटे बाद भी नहीं चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है. बीती रात से हो रही रुक रुक कर बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा डाली है. हालांकि गड्ढे में पाइप डालने का कार्य निरंतर जारी, पाइप डालने के कार्य पूर्ण होने के बाद नीचे की सुरंग खोदी जाएगी जिससे चेतना को बाहर निकाल जाएगा. तीन वर्षीय बालिका चेतना पिछले 92 घंटों से अभी भी बोरवेल में फंसी है. चेतना सोमवार को खेलते वक्त बोरवेल में गिर गई थी.