बूंदी. देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है और सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लग गई थी. वहीं देश अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. इन दो महीनों में लॉकडाउन के बीच कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया. प्रशासनिक अनुमति के साथ उन लोगों ने अपने परिजनों का अंतिम संस्कार भी किया, लेकिन उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाया. ऐसे में बूंदी के सभी मुक्तिधाम में अस्थियों का अंबार लग गया.
शनिवार को बूंदी में दो बसों को रवाना करवाया गया, जिनमें 96 मोक्ष कलश के साथ परिजन मौजूद थे. सभी लोगों के हाथों में अपने परिजनों की अस्थियां थी. बसों में बैठे लोगों में सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल रखा गया. बसों को भारतीय विधान और मंत्रोच्चारण के साथ रवाना करवाया गया. वहीं बसों को सजावट कर यहां से रवाना करवाया गया.
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बसों को रवाना करवाते समय भावुक हुए कई परिजनों के आंसू निकल गए और वह अपनों की याद में रो पड़े. कई दिनों तक अपनों की अस्थियां पास रखने के बाद विसर्जन के लिए रवाना होते देख परिजन अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए. लोगों ने सरकार की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने बहुत ही अच्छी व्यवस्था की है.
वहीं, अब भी बूंदी रोडवेज प्रशासन के पास विसर्जन करने को लेकर लोग आवेदन कर रहे हैं. जैसे ही एक बस के आवेदन पूरा होता है उसी के साथ दूसरी बसों की व्यवस्था करवा ली जाती है. इस बार दो बसों के आवेदन आए तो प्रशासन द्वारा सभी लोगों की स्क्रीनिंग करवाई गई और उन्हें खाने के पैकेट की व्यवस्था करवा कर रवाना करवाया गया.