बीकानेर. जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह का उच्च स्थान पर होने से व्यक्ति के जीवन में कोई कठिनाई नहीं रहती है. साथ ही समाज परिवार में उसका स्थान हमेशा उच्च रहता है. स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए. इससे ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी नष्ट हो जाते हैं.
मंत्र के साथ अर्घ्य : ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु व्यास ने बताया कि पुराणों में कहा गया है कि भगवान सूर्य को उगते वक्त उनके मंत्र का स्मरण उच्चारण करना चाहिए. ऊं आदित्य नम: और ऊं घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः मंत्रों का जाप करते हुए अर्ध्य देने से फल मिलता है. मान्यता है कि भगवान सूर्य को उगते वक्त जल से अर्घ्य दिया जाता है. जल में रोली या लाल चंदन का उपयोग किया जा सकता है और यह सब नहीं भी हो तो सामान्य जल से भी अर्घ्य दिया जा सकता है, लेकिन जल का कलश तांबे का ही प्रयोग करें.
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ना करें ये काम : पंडित विष्णु व्यास ने बताया कि रविवार के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है. रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए. रविवार के दिन कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए. रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कार्य (बाल काटना और दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है. रविवार को आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए. रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है. रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है.