नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने केंद्र से असम को रक्षा गलियारा बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक रक्षा गोला-बारूद पूर्वोत्तर राज्यों के लिए खरीदा गया था. हमने केंद्र से असम को रक्षा गलियारा बनाकर रक्षा उपकरणों की आपूर्ति श्रृंखला बनाने की अपील की है.
उन्होंने कहा और कहा कि अगर चिकन नेक, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है, पर कोई खतरा आता है, तो सभी रक्षा उपकरण असम में उपलब्ध होने चाहिए. सरमा का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद महत्वपूर्ण हो गया है, जिनमें कहा गया है कि भारत की सुरक्षा के लिए दुश्मन पाकिस्तान और बांग्लादेश स्थित ताकतें चिकन नेक पर आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करके पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं, जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ती है.
सरमा ने कहा कि असम एक रक्षा गलियारा बन सकता है. हमारे पास मांग के साथ-साथ जरूरतें भी हैं. उन्होंने कहा कि सेना की अधिकतम तैनाती जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में है. वास्तव में, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बाद असम तीसरा रक्षा गलियारा होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नागांव की ओर गुवाहाटी से सटे इलाकों को रक्षा गलियारा घोषित करने के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ सक्रिय रूप से चर्चा कर रही है.
सरमा फरवरी में गुवाहाटी में होने वाले एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन के साथ एक कार्यक्रम के दौरान रिपोर्टों से बात कर रहे थे. सरमा ने आसियान, बिम्सटेक, यूरोपीय और अन्य देशों के 36 राजदूतों, उच्चायुक्तों, उद्योग प्रमुखों और अन्य हितधारकों से असम में आकर निवेश करने का आग्रह किया.
उन्होंने 36 देशों के राजनयिकों, उद्योग जगत के नेताओं और अन्य हितधारकों से कहा कि असम पिछले 10 वर्षों में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है. उनकी सरकार का जोर हमेशा से स्वच्छ और हरित ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा पर रहा है. मेरी सरकार चाहती है कि असम में आने वाले सभी उद्योग अपनी ऊर्जा हरित ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करें, जिसमें जगीरोड में टाटा सेमीकंडक्टर प्लांट भी शामिल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कौशल विकास पर बहुत जोर दिया है, जिसमें उत्तर पूर्व कौशल केंद्र 10,000 युवाओं को कौशल प्रदान कर रहा है. सरमा ने समृद्ध विरासत के संरक्षण के अलावा काजीरंगा और मानस राष्ट्रीय उद्यानों के संरक्षण की सफलता की कहानियों के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों पर भी विस्तार से बात की.
मुख्यमंत्री ने राजनयिकों से एडवांटेज असम समिट 2.0 से एक दिन पहले 24 फरवरी को असम आने की अपील की, ताकि 8,000 नर्तकों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले झुमुर नृत्य का सबसे बड़ा तमाशा देखा जा सके, जिसे प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति देखेंगे. उन्होंने कहा कि मैं आपसे अपील करता हूं कि 24 फरवरी को झुमुर नृत्य देखने के लिए आएं और असम की सांस्कृतिक जीवंतता और युवापन को महसूस करें.