बीकानेर. सोमवार का नाम सोम से पड़ा है, जिसका अर्थ भगवान शिव होता है. आमतौर पर देखा जाता है कि सोमवार से ही सप्ताह की शुरुआत होती है. भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कई देशों में यह सामान्य कामकाज का प्रथम दिन होता है. इसलिए इसे सप्ताह का प्रथम दिन भी कहते हैं. बात करें शास्त्रों से जुड़ी हुई तो सोमवार को भगवान शिव का दिन कहा जाता है. वैसे तो सावन मास भगवान शिव का महीना होता है, लेकिन भगवान शिव को सोमवार अति प्रिय है.
शिवालयों में पूजा अभिषेक- भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है और मान्यता है कि किसी भी तरह का किसी भी राशि का दोष भगवान शिव की पूजा करने से दूर होता है. सोमवार के दिन भगवान शिव को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल, दूध, गंगाजल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं. सोमवार के दिन शिवजी को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. इसके बाद धूप, दीप से आरती करके सभी को प्रसाद दें.
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इस जाप से करें पूजा- सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए. पूजा में पीले चंदन का इस्तेमाल करें.
ऐसे करें पूजा- सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं. जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें. जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए. इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें.
यह नहीं करना चाहिए- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोमवार के दिन अनाज, कला से संबंधित वस्तुएं, कॉपी-किताब, खेल से जुड़ी चीजें, गाड़ी, इलेक्ट्रानिक गैजेट्स आदि को नहीं खरीदना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन इन वस्तुओं को खरीदना अशुभ माना जाता है.
विवाह संबंधी अड़चनें होती है दूर- मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा आराधना करने से वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है. इसके अलावा जिन की शादी में अड़चन आ रही हो वह युवतियां भगवान शिव की पूजा आराधना करें तो उनका विवाह जल्दी हो जाता है. इसके अलावा जो महिलाएं और कुंवारी कन्याएं सावन सोमवार के व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती तथा मनचाहे वर की प्राप्ति का वरदान मिलता है.