बीकानेर. जिले के श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र में पिछले दिनों एक नाबालिग बच्ची के लापता होने के मामले में बच्ची के मिल जाने के करीब एक सप्ताह बाद पुलिस ने इस मामले में उस समय प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. उनपर राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही धार्मिक उन्माद फैलाने और समुदाय विशेष की टिप्पणी करने का भी मामला दर्ज किया गया है. श्रीडूंगरगढ़ थाना अधिकारी अशोक विश्नोई ने आशय की रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए करीब 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा सहित प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी अशोक विश्नोई ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची के लापता होने के बाद परिजनों की ओर से इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिसके बाद बच्ची और स्कूल की शिक्षिका को पुलिस ने चेन्नई से दस्तयाब कर लिया था.
बच्ची के माता पिता पर भी एफआईआर : दरअसल इस मामले में पुलिस ने नाबालिग बच्ची के परिजनों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. जिसमें बच्ची के माता-पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा पुलिस ने भाजपा और आरएलपी नेता के खिलाफ भी इस मामले में प्रदर्शित करने और लोगों को भड़काने का मामला दर्ज किया है.
खुद थानाधिकारी करेंगे जांच: बताया जा रहा है कि घटना के दौरान पुलिस ने पूरे मामले में वीडियोग्राफी करवाई थी. उस वीडियो से पहचान के बाद पुलिस ने अब एक सप्ताह बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है. थानाधिकारी अशोक बिश्नोई ही स्वयं ही इस मामले की जांच करेंगे.
विरोध प्रदर्शन से निपटने का संदेश: जानकारी के मुताबिक उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद इस मामले में पुलिस ने सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और किसी मामले में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयासों को रोकने के चलते यह मुकदमा दर्ज किया है. आलाधिकारी को विश्वास है कि ऐसे मुकदमे से लोग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने से पहले दस बार सोचेंगे.
शिक्षिका न्यायिक हिरासत में: इस मामले में पुलिस ने नाबालिग बच्ची और शिक्षिका को 5 तारीख को दस्तयाब कर लिया था. जिसके बाद शिक्षिका को कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.