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बीकानेर में वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार, हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने की मांग

बार एसोसिएशन बीकानेर की ओर से बीकानेर संभाग मुख्यालय पर उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित करने की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है. इसी को लेकर बुधवार को वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया. साथ ही जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन भी सौंपा.

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हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार
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Published : Jun 17, 2020, 5:36 PM IST

बीकानेर. 17 अगस्त, 2009 की आम सभा में लिए गए निर्णय के अनुसार हर माह की 17 तारीख को 'प्रोटेस्ट डे' मनाया जाता है. इसी के तहत बुधवार को बीकानेर के वकीलों की ओर से न्यायालय में पैरवी नहीं की गई और जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम 126वां ज्ञापन सौंपा गया. वकीलों की मांग है कि बीकानेर संभाग मुख्यालय पर उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित की जाए.

हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार

बार एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष मुमताज अली भाटी ने बताया कि बीकानेर में वर्ष 1922 से 1950 तक बीकानेर हाईकोर्ट अस्तित्व में थी. जिसे बाद में राजस्थान के एकीकरण के पश्चात हटा दिया गया. केंद्र सरकार की नीति के तहत न्याय सुलभ और सुगम होना चाहिए. इसी के तहत जिला न्यायालय को तहसील स्तर पर खोला जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः अजमेर: 18 जून से होंगी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं...कोरोना काल में नई गाइडलाइन तय, जानें

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हाईकोर्ट का भी विकेंद्रीकरण होना चाहिए. कानून मंत्री भारत सरकार ने भी इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. वहीं, विधि आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालयों का विकेंद्रीकरण होना चाहिए. इसी मांग के तहत बीकानेर संभाग के सभी अधिवक्ताओं ने 125 दिनों तक हड़ताल भी रखी थी. लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणा सामने नहीं आया.

बीकानेर. 17 अगस्त, 2009 की आम सभा में लिए गए निर्णय के अनुसार हर माह की 17 तारीख को 'प्रोटेस्ट डे' मनाया जाता है. इसी के तहत बुधवार को बीकानेर के वकीलों की ओर से न्यायालय में पैरवी नहीं की गई और जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम 126वां ज्ञापन सौंपा गया. वकीलों की मांग है कि बीकानेर संभाग मुख्यालय पर उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित की जाए.

हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार

बार एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष मुमताज अली भाटी ने बताया कि बीकानेर में वर्ष 1922 से 1950 तक बीकानेर हाईकोर्ट अस्तित्व में थी. जिसे बाद में राजस्थान के एकीकरण के पश्चात हटा दिया गया. केंद्र सरकार की नीति के तहत न्याय सुलभ और सुगम होना चाहिए. इसी के तहत जिला न्यायालय को तहसील स्तर पर खोला जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हाईकोर्ट का भी विकेंद्रीकरण होना चाहिए. कानून मंत्री भारत सरकार ने भी इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. वहीं, विधि आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालयों का विकेंद्रीकरण होना चाहिए. इसी मांग के तहत बीकानेर संभाग के सभी अधिवक्ताओं ने 125 दिनों तक हड़ताल भी रखी थी. लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणा सामने नहीं आया.

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