ETV Bharat / state

पुलवामा हमले के बाद संकट में आया बीकानेर का पापड़ उद्योग - बीकानेर पापड़ उद्योग न्यूज

बीकानेर में इन दिनों जिले के पापड़ उद्योग पर एक संकट छाया हुआ है. जिसके संबंध में पापड़ व्यापारियों और जिला उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के मार्फत केंद्रीय लघु सूक्ष्म उद्योग मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा है.

संकट में आया बीकानेर का पापड़ उद्योग
author img

By

Published : Aug 6, 2019, 11:16 AM IST

बीकानेर. पूरी दुनिया में बीकानेर के रसगुल्ले नमकीन पापड़ का एक अलग मुकाम है और पूरी दुनिया में इसके स्वाद की लोग कायल हैं. लोग उन्हें बड़े चाव से खाते हैं लेकिन इन दिनों बीकानेर के पापड़ उद्योग पर एक संकट छाया हुआ है.

संकट में आया बीकानेर का पापड़ उद्योग

दरअसल पापड़ में साजी को मिलाया जाता है और साजी एक औषधीय पौधा है जो पापड़ में खार देने के लिए काम आता है और यह पाकिस्तान के सिंध में बहुतायत में होता है, लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान सरकार के बीच व्यापारिक रिश्तों में आई खटास और भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर दो सौ प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा देने के बाद शादी के भाव दुगनी हो गए.

जबकि पापड़ के भाव बढ़ नहीं पाए ऐसे में पापड़ उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बीकानेर से इसका होने वाला निर्यात आधा ही रह गया. दरअसल आम तौर पर साजी की कीमत 50 रूपए किलो के भाव रहते थे, लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी बजाने के बाद इसकी आवक कम हो गई.

वहीं अब साजी के भाव 150 रूपए प्रति किलो तक पहुंच गए. दरअसल बीकानेर में पापड़ उद्योग की तकरीबन 400 से ज्यादा इकाइयां हैं. उन छोटी-मोटी इकाइयों में पापड़ को बेलने का काम बीकानेर में घरेलू औरतें करती है, जो इन इकाइयों से जुड़ी हुई है.

पढ़ेंःटैक्स बढ़ाने के विरोध में निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल, चक्का जाम की चेतावनी

लेकिन साजी की कीमत बढ़ने के बाद पापड़ उद्योग में आई मंदी और उत्पादन क्षमता आधी रह जाने के बाद इन महिलाओं के सामने भी रोजगार का संकट आ गया है. हर रोज करोड़ों रुपए के व्यापार वाले इस पापड़ उद्योग पर अचानक आए इस संकट को लेकर बीकानेर के पापड़ व्यापारियों और जिला उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने बीकानेर के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के मार्फत केंद्रीय लघु सूक्ष्म उद्योग मंत्री नितिन गडकरी को भी ज्ञापन भेजा है.

बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पच्चीसिया कहते हैं कि पापड़ के उद्योग में आए इस संकट को दूर करने के लिए हम प्रयासरत हैं और केंद्र सरकार के मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई है और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हमें कोई राहत मिलेगी.

बीकानेर के एक बड़े पापड़ व्यापारी नवल किशोर अग्रवाल कहते हैं कि साजी के दाम बढ़ने से हमें परेशानी हो रही है क्योंकि हम उत्पादन उतना रख नहीं पा रहे हैं और हमारे साथ लघु उद्योग के रूप में जुड़ी हुई महिलाएं हमसे पूरा उत्पादन मांग रही है.

पढ़ेंःबीकानेर में दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, सुरक्षा बलों ने किया ढेर

जोकि देना हमारे लिए संभव नहीं है क्योंकि घाटे में व्यापार करना सम्भव नहीं है. इसलिए हमने हमारे प्रोडक्शन को भी आधार कर दिया है और पूरे बीकानेर में पापड़ उद्योग के यही हालात हैं नवल किशोर का कहना हैं कि साजी के दाम बढ़ने के बावजूद भी पापड़ के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं.

हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अलावा बीकानेर से अनूपगढ़ और गुजरात में कुछ मात्रा में होने वाली साजी को काम में लिया गया था लेकिन उसकी क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है और उससे पापड़ अच्छा नहीं बना. इसलिए पाकिस्तान की आने वाली साजी ही पापड़ के लिए उपयुक्त है, लेकिन वहां से आने वाली साजी के दाम बहुत ज्यादा है जिसके चलते हम मजबूर हैं.

बीकानेर. पूरी दुनिया में बीकानेर के रसगुल्ले नमकीन पापड़ का एक अलग मुकाम है और पूरी दुनिया में इसके स्वाद की लोग कायल हैं. लोग उन्हें बड़े चाव से खाते हैं लेकिन इन दिनों बीकानेर के पापड़ उद्योग पर एक संकट छाया हुआ है.

संकट में आया बीकानेर का पापड़ उद्योग

दरअसल पापड़ में साजी को मिलाया जाता है और साजी एक औषधीय पौधा है जो पापड़ में खार देने के लिए काम आता है और यह पाकिस्तान के सिंध में बहुतायत में होता है, लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान सरकार के बीच व्यापारिक रिश्तों में आई खटास और भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर दो सौ प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा देने के बाद शादी के भाव दुगनी हो गए.

जबकि पापड़ के भाव बढ़ नहीं पाए ऐसे में पापड़ उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बीकानेर से इसका होने वाला निर्यात आधा ही रह गया. दरअसल आम तौर पर साजी की कीमत 50 रूपए किलो के भाव रहते थे, लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी बजाने के बाद इसकी आवक कम हो गई.

वहीं अब साजी के भाव 150 रूपए प्रति किलो तक पहुंच गए. दरअसल बीकानेर में पापड़ उद्योग की तकरीबन 400 से ज्यादा इकाइयां हैं. उन छोटी-मोटी इकाइयों में पापड़ को बेलने का काम बीकानेर में घरेलू औरतें करती है, जो इन इकाइयों से जुड़ी हुई है.

पढ़ेंःटैक्स बढ़ाने के विरोध में निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल, चक्का जाम की चेतावनी

लेकिन साजी की कीमत बढ़ने के बाद पापड़ उद्योग में आई मंदी और उत्पादन क्षमता आधी रह जाने के बाद इन महिलाओं के सामने भी रोजगार का संकट आ गया है. हर रोज करोड़ों रुपए के व्यापार वाले इस पापड़ उद्योग पर अचानक आए इस संकट को लेकर बीकानेर के पापड़ व्यापारियों और जिला उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने बीकानेर के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के मार्फत केंद्रीय लघु सूक्ष्म उद्योग मंत्री नितिन गडकरी को भी ज्ञापन भेजा है.

बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पच्चीसिया कहते हैं कि पापड़ के उद्योग में आए इस संकट को दूर करने के लिए हम प्रयासरत हैं और केंद्र सरकार के मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई है और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हमें कोई राहत मिलेगी.

बीकानेर के एक बड़े पापड़ व्यापारी नवल किशोर अग्रवाल कहते हैं कि साजी के दाम बढ़ने से हमें परेशानी हो रही है क्योंकि हम उत्पादन उतना रख नहीं पा रहे हैं और हमारे साथ लघु उद्योग के रूप में जुड़ी हुई महिलाएं हमसे पूरा उत्पादन मांग रही है.

पढ़ेंःबीकानेर में दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, सुरक्षा बलों ने किया ढेर

जोकि देना हमारे लिए संभव नहीं है क्योंकि घाटे में व्यापार करना सम्भव नहीं है. इसलिए हमने हमारे प्रोडक्शन को भी आधार कर दिया है और पूरे बीकानेर में पापड़ उद्योग के यही हालात हैं नवल किशोर का कहना हैं कि साजी के दाम बढ़ने के बावजूद भी पापड़ के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं.

हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अलावा बीकानेर से अनूपगढ़ और गुजरात में कुछ मात्रा में होने वाली साजी को काम में लिया गया था लेकिन उसकी क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है और उससे पापड़ अच्छा नहीं बना. इसलिए पाकिस्तान की आने वाली साजी ही पापड़ के लिए उपयुक्त है, लेकिन वहां से आने वाली साजी के दाम बहुत ज्यादा है जिसके चलते हम मजबूर हैं.

Intro:पूरी दुनिया में अपने स्वाद के लिए मशहूर बीकानेर का पापड़ उद्योग इन दिनों खुद संकट के दौर में है दरअसल मुंह के जायके को बदलने के लिए पापड़ का स्वाद काफी है लेकिन पुलवामा हमले के बाद खुद पापड़ का स्वाद ही बदलता जा रहा है। देखिए ये खास रिपोर्ट


Body:बीकानेर। पूरी दुनिया में बीकानेर के रसगुल्ले नमकीन पापड़ का एक अलग मुकाम है और पूरी दुनिया में इसके स्वाद की लोग कायल हैं और उन्हें बड़े चाव से खाते हैं लेकिन इन दिनों बीकानेर के पापड़ उद्योग पर एक संकट छाया हुआ है दरअसल पापड़ में साजी को मिलाया जाता है और सर जी एक औषधीय पौधा है जो पापड़ में खार देने के लिए काम आता है और यह पाकिस्तान के सिंध में बहुतायत में होता है। लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान सरकार के बीच व्यापारिक रिश्तों में आई खटास और भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर दो सौ प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा देने के बाद शादी के भाव दुगनी हो गए जबकि पापड़ के भाव बढ़ नहीं पाए ऐसे में पापड़ उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बीकानेर से इसका होने वाला निर्यात आधा ही रह गया। दरअसल आम तौर पर शादी की कीमत ₹50 किलो के भाव रहते थे लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी बजाने के बाद इसकी आवक कम हो गई और अब साजी के भाव ₹150 प्रति किलो तक पहुंच गए। दरअसल बीकानेर में पापड़ उद्योग की तकरीबन 400 से ज्यादा इकाइयां हैं और उन छोटी-मोटी इकाइयों में पापड़ को बेलने का काम बीकानेर में घरेलू औरतें करती है जो इन इकाइयों से जुड़ी हुई है। लेकिन शादी की कीमत बढ़ने के बाद पापड़ उद्योग में आई मंदी और उत्पादन क्षमता आधी रह जाने के बाद इन महिलाओं के सामने भी रोजगार का संकट आ गया है। हर रोज करोड़ों रुपए के व्यापार वाले इस पापड़ उद्योग पर अचानक आए इस संकट को लेकर बीकानेर के पापड़ व्यापारियों और जिला उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने बीकानेर के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के मार्फत केंद्रीय लघु सूक्ष्म उद्योग मंत्री नितिन गडकरी को भी ज्ञापन भेजा है और राहत की मांग की है। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पच्चीसिया कहते हैं कि पापड़ के उद्योग में आए इस संकट को दूर करने के लिए हम प्रयासरत हैं और केंद्र सरकार के मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई है और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हमें कोई राहत मिलेगी।


Conclusion:बीकानेर के एक बड़े पापड़ व्यापारी नवल किशोर अग्रवाल कहते हैं कि साजी के दाम बढ़ने से हमें परेशानी हो रही है क्योंकि हम उत्पादन उतना रख नहीं पा रहे हैं और हमारे साथ लघु उद्योग के रूप में जुड़ी हुई महिलाएं हमसे पूरा उत्पादन मांग रही है जो कि देना हमारे लिए संभव नहीं है क्योंकि घाटे में व्यापार करना सम्भव नही है। इसलिए हमने हमारे प्रोडक्शन को भी आधार कर दिया है और पूरे बीकानेर में पापड़ उद्योग के यही हालात हैं नवल किशोर कहते हैं कि साजी के दाम बढ़ने के बावजूद भी पापड़ के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अलावा बीकानेर से अनूपगढ़ और गुजरात में कुछ मात्रा में होने वाली साजी को काम में लिया गया था लेकिन उसकी क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है और उससे पापड़ अच्छा नहीं बना इसलिए पाकिस्तान की आने वाली साजी ही पापड़ के लिए उपयुक्त है लेकिन वहां से आने वाली साजी के दाम बहुत ज्यादा है जिसके चलते हम मजबूर हैं। अब बीकानेर का पापड़ उद्योग पूरी तरह से केंद्र सरकार के निर्णय पर निर्भर है ऐसे में यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में बीकानेर के पापड़ उद्योग को किसी प्रकार की कोई राहत मिल पाती है या नहीं।

बाइट द्वारका प्रसाद पच्चीसिया अध्यक्ष बीकानेर जिला उद्योग संघ

बाइट नवल किशोर अग्रवाल पापड़ निर्माता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.