भीलवाड़ा. जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को महिला अधिकारिता और कराई की ओर से जिले में बाल विवाह के दंश को खत्म करने और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें महिला और बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी ने जिले के एनजीओ सहित बाल विकास विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम होनी चाहिए. जिससे बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़ सके.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार मे कोई भी सदस्य चाहे कितना भी छोटा क्यों ना हो उसकी बातों को महत्व देना और सुनना बहुत जरूरी है. हम लोग अपने परिवार में भी देखते हैं कि छोटे बच्चे को हम कहते हैं कि आप समझते नहीं हैं. तुम क्या जानते हो. आपके जीवन के बारे में हम निर्णय करेंगे, लेकिन यह गलत है. अगर बच्चे से जुड़े कोई भी मुद्दा हो तो एक बार बच्चे को समझा कर उनकी बात सुनी जानी चाहिए और यह बात अलग है कि आप बच्चे की बात माने या नहीं माने लेकिन उनके विचार को सुनना चाहिए. साथ ही बच्चा के धर्म, लिंग, जन्म स्थान पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.
वहीं क्राई के राजस्थान प्रभारी धर्मवीर यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में बाल विवाह का दंश फैलता जा रहा है. जिससे बच्चे पढ़ने की उम्र में शादी के बोझ तहे दब जाते है. ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए भीलवाड़ा के कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें जिला स्तर पर समस्त हित धारक मौजूद रहे और इनको यह निर्देश दिए गए कि जिले में बाल विवाह को जड़ से खत्म होना चाहिए.
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वहीं भीलवाड़ा जिले में वर्ष 2019 में लगभग कंट्रोल रूम को सौ बाल विवाह होने की सूचना मिली. जिस पर 80 सूचनाएं सही पाई गई. अक्षय तृतीया पर सबसे ज्यादा बाल विवाह होने के सवाल पर धर्मवीर यादव ने कहा कि गर्मी की ऋतु में अक्षय तृतीया(पीपल पूर्णिमा) पर बाल विवाह होते हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे बच्चो की शादी करा देते हैं. इसको जड़ से खत्म करने के लिए हम लोगों ने प्रशासन कंट्रोल रूम स्थापित किया है.