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बाल विवाह रोकथाम को लेकर कार्यशाला... दुष्परिणाम बता इसे मिटाने का किया आह्वान

भीलवाड़ा जिले में बाल विवाह के दंश को खत्म करने के लिए शुक्रवार को भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिला और बाल विकास विभाग की ओर से जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के समस्त सीडीपीओ और एनजीओ बाल विवाह की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश दिए गए.

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Published : Aug 9, 2019, 9:52 PM IST

भीलवाड़ा. जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को महिला अधिकारिता और कराई की ओर से जिले में बाल विवाह के दंश को खत्म करने और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें महिला और बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी ने जिले के एनजीओ सहित बाल विकास विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम होनी चाहिए. जिससे बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़ सके.

बाल विवाह पर रोकथाम को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार मे कोई भी सदस्य चाहे कितना भी छोटा क्यों ना हो उसकी बातों को महत्व देना और सुनना बहुत जरूरी है. हम लोग अपने परिवार में भी देखते हैं कि छोटे बच्चे को हम कहते हैं कि आप समझते नहीं हैं. तुम क्या जानते हो. आपके जीवन के बारे में हम निर्णय करेंगे, लेकिन यह गलत है. अगर बच्चे से जुड़े कोई भी मुद्दा हो तो एक बार बच्चे को समझा कर उनकी बात सुनी जानी चाहिए और यह बात अलग है कि आप बच्चे की बात माने या नहीं माने लेकिन उनके विचार को सुनना चाहिए. साथ ही बच्चा के धर्म, लिंग, जन्म स्थान पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.

वहीं क्राई के राजस्थान प्रभारी धर्मवीर यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में बाल विवाह का दंश फैलता जा रहा है. जिससे बच्चे पढ़ने की उम्र में शादी के बोझ तहे दब जाते है. ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए भीलवाड़ा के कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें जिला स्तर पर समस्त हित धारक मौजूद रहे और इनको यह निर्देश दिए गए कि जिले में बाल विवाह को जड़ से खत्म होना चाहिए.

यह भी पढ़े: आजादी 'काले पानी' से : मनुष्य जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा 'काला जहर'...देखें ग्राउंड रिपोर्ट

वहीं भीलवाड़ा जिले में वर्ष 2019 में लगभग कंट्रोल रूम को सौ बाल विवाह होने की सूचना मिली. जिस पर 80 सूचनाएं सही पाई गई. अक्षय तृतीया पर सबसे ज्यादा बाल विवाह होने के सवाल पर धर्मवीर यादव ने कहा कि गर्मी की ऋतु में अक्षय तृतीया(पीपल पूर्णिमा) पर बाल विवाह होते हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे बच्चो की शादी करा देते हैं. इसको जड़ से खत्म करने के लिए हम लोगों ने प्रशासन कंट्रोल रूम स्थापित किया है.

भीलवाड़ा. जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को महिला अधिकारिता और कराई की ओर से जिले में बाल विवाह के दंश को खत्म करने और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें महिला और बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी ने जिले के एनजीओ सहित बाल विकास विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम होनी चाहिए. जिससे बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़ सके.

बाल विवाह पर रोकथाम को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार मे कोई भी सदस्य चाहे कितना भी छोटा क्यों ना हो उसकी बातों को महत्व देना और सुनना बहुत जरूरी है. हम लोग अपने परिवार में भी देखते हैं कि छोटे बच्चे को हम कहते हैं कि आप समझते नहीं हैं. तुम क्या जानते हो. आपके जीवन के बारे में हम निर्णय करेंगे, लेकिन यह गलत है. अगर बच्चे से जुड़े कोई भी मुद्दा हो तो एक बार बच्चे को समझा कर उनकी बात सुनी जानी चाहिए और यह बात अलग है कि आप बच्चे की बात माने या नहीं माने लेकिन उनके विचार को सुनना चाहिए. साथ ही बच्चा के धर्म, लिंग, जन्म स्थान पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.

वहीं क्राई के राजस्थान प्रभारी धर्मवीर यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में बाल विवाह का दंश फैलता जा रहा है. जिससे बच्चे पढ़ने की उम्र में शादी के बोझ तहे दब जाते है. ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए भीलवाड़ा के कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें जिला स्तर पर समस्त हित धारक मौजूद रहे और इनको यह निर्देश दिए गए कि जिले में बाल विवाह को जड़ से खत्म होना चाहिए.

यह भी पढ़े: आजादी 'काले पानी' से : मनुष्य जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा 'काला जहर'...देखें ग्राउंड रिपोर्ट

वहीं भीलवाड़ा जिले में वर्ष 2019 में लगभग कंट्रोल रूम को सौ बाल विवाह होने की सूचना मिली. जिस पर 80 सूचनाएं सही पाई गई. अक्षय तृतीया पर सबसे ज्यादा बाल विवाह होने के सवाल पर धर्मवीर यादव ने कहा कि गर्मी की ऋतु में अक्षय तृतीया(पीपल पूर्णिमा) पर बाल विवाह होते हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे बच्चो की शादी करा देते हैं. इसको जड़ से खत्म करने के लिए हम लोगों ने प्रशासन कंट्रोल रूम स्थापित किया है.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले में बाल विवाह के दंश को खत्म करने के लिए आज भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ । जिसमें जिले के समस्त सीडीपीओ व एनजीओ को जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए निर्देश दिए।


Body:भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट सभागार में महिला अधिकारिता एवं कराई की ओर से जिले में बाल विवाह के दंश को खत्म करने, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें महिला एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी ने जिले के एनजीओ सहित बाल विकास विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम होनी चाहिए । जिससे बच्चा बच्ची पढ़ लिख कर आगे बढ़ सके ।
प्रत्येक परिवार मे उनका सदस्य चाहे कितना भी छोटा बच्चा हो उसे सुना जाना बहुत जरूरी है। हम लोग अपने परिवार में भी देखते हैं कि छोटे बच्चे को हम कहते हैं कि आप समझते नहीं हैं तुम क्या जानते हो हम आपके जीवन के बारे में निर्णय करेंगे यह गलत है । अगर बच्चे से जुड़े कोई भी मुद्दा हो तो एक बार बच्चे को समझा कर उनकी बात सुनी जानी चाहिए और यह बात अलग है कि आप उनकी बच्चे की बात माने या नहीं माने लेकिन उनकी बात पर विचार को सुनना चाहिए । साथ ही बच्चा के धर्म, लिंग, जन्म स्थान पर भेदभाव नहीं होना चाहिए । साथ ही बच्चे की अभिव्यक्ति व स्वतंत्रता देनी चाहिए।
वही क्राई के राजस्थान प्रभारी धर्मवीर यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में बाल विवाह का दंश फैलता जा रहा है। जिससे बच्चा बच्ची पढ़ने की उम्र में उनके परिवार जन उनकी शादी कर देते हैं जिनकी रोकथाम के लिए आज भीलवाड़ा के कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यशाला का आयोजन हुआ । जिसमें जिला स्तर पर समस्त हित धारक मौजूद रहे और इन को यह निर्देश दिए कि जिले में बाल विवाह का दंश बिल्कुल खत्म होना चाहिए। साथ ही भीलवाड़ा जिले में वर्ष 2019 में लगभग कंट्रोल रूम को सौ बाल विवाह होने की सूचना मिली जिस पर 80 सूचनाएं सही पाई गई और उनका बाल विवाह रुकवाया गया ।वहीं अक्षय तृतीया पर सबसे ज्यादा बाल विवाह होने के सवाल पर धर्मवीर यादव ने कहा कि गर्मी की ऋतु में अक्षय तृतीया यानी पीपल पूर्णिमा पर बालविवाह होते हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे बच्चे बच्चियों की शादी कर देते हैं। इसके लिए हम लोगों में जागरूकता के साथ ही प्रशासन को कंट्रोल रूम स्थापित किया जाता है ।जिससे यह रोकथाम लग सके ।
अब देखना यह होगा कि बाल विवाह की कार्यशाला में प्रशिक्षण लेकर जा रहे स्वयंसेवी संगठनों के लोग और भीलवाड़ा जिला प्रशासन बाल विवाह की रोकथाम के लिए क्या प्रयास करता है या नहीं सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

संबोधन- सुमन त्रिवेदी
अध्यक्षा महिला बाल कल्याण समिति भीलवाड़ा

धर्मवीर यादव,राजस्थान प्रभारी


Conclusion:
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